Tuesday 5 July 2011

प्यार और दोस्ती के बीच की लकीर

हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती,
कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की
वरना इस जमीं पर भगवान है दोस्ती



ऐसा कई बार होता है जब हमें लगता है कि हमारा दोस्त ही हमारा प्यार है. कई बार यह सही साबित होता है तो कई बार इतना गलत कि हमसे एक दोस्त छिन जाता है. दोस्‍तों की भीड़ में हम कभी-कभी प्रेमी को पहचानने में गलती कर देते हैं. कई बाद जिसे आप दोस्‍त कहते हैं उसी से प्‍यार करने लगते हैं. जबकि आपके प्रति उसके दिल में प्रेमिका जैसी कोई फीलिंग नहीं होती है. इसलिए दोस्‍ती और प्रेम के बीच सीमा रेखा खींचना बहुत जरूरी है.

love and dosti कोई हमारी बहुत मदद करता है और हमारे प्रति स्नेह दर्शाता है तो हम कहने लगते हैं कि यार हो सकता है वह लड़की या लड़का हमें प्यार करता है. लेकिन उस वक्त हम यह नहीं सोचते कि वह जिसे हम प्यार कह रहे है वह दरअसल दोस्ती का ही एक रुप है. दोस्ती प्यार से भी बढ़कर होती है. यूं तो सब प्यार को ही सबसे खूबसूरत मानते हैं लेकिन प्यार भी एक सीमा के बाद बदल जाता है पर दोस्ती तो होती ही हैं जिंदगी भर निभाने के लिए है.

प्यार और दोस्ती के बीच एक बहुत ही पतली सी लाइन है जो दोनों को अलग करती है. इस पतली सी लाइन को पहचानने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ टिप्‍स बताएं है जो इस प्रकार हैं:

आप किसी दोस्‍त के प्रति अपनी भावनाओं को लेकर उलझन में हैं तो इन सवालों के जवाब देकर वास्‍तविकता का पता लगा सकते हैं




• क्या उसकी/उसका फोन आपके चेहरे पर मुस्कान लाता है?

• उसे खुश करने के लिए क्या आप गुप्त प्रयास करते हैं?

• क्या आप उसे अपने जीवन में विशेष महत्‍व देते हैं. साथ ही उसे स्‍पेशल होने का एहसास करवाते हैं.

• वह जब आपके किसी दोस्‍त से बात करता/करती है तो क्या आप ईर्ष्या करते हैं?

• जब वह आपको बधाई देता है तो आप शर्मा जाते हैं?

• क्या आपको ऐसा लगता है कि उसके बिना आपका जीवन अधूरा है?

यदि इन सभी प्रश्‍नों का जवाब हां है तो वह मात्र आपका दोस्‍त नहीं बल्कि वह आपका प्रेमी बन गया है. यह आपको बकवास भी लग सकता है. लेकिन गंभीरता से विचार करेंगे तो पता चलेगा कि यह कितना सही है.

अपने प्यार को अपनी फीलिंग बताएं. हो सकता है वह अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करने में समय लगाए. लेकिन कुछ ही दिनों में आपका प्‍यार आपको मिल जाएगा. फिर देर किस बात की आज से ही कोशिश शुरु कर दें.

लेकिन अगर इन सवालों का जवाब न है और फिर भी आपका उसके प्रति आकर्षण कम नहीं हुआ बल्कि और बढ़ा है तो जरा संभल कर क्योंकि जिसे आप प्यार कह रहे हैं, हो सकता है वह महज दोस्ती का ही एक रुप हो.

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