Friday 26 August 2011

मिस्टर और मिस फ्लर्ट का नया जमाना !!

flirtingएक जमाना था जब लोकप्रिय और चर्चित प्रेमी जोड़े जैसे लैला-मजनू, हीर-रांझा, रोमियो-जुलिएट ने अपने प्यार को पाने की चाह में अपने प्राणों की परवाह तक नहीं की. उनकी अमर प्रेम-कहानियां इतिहास के पन्नों में अपने लिए एक विशिष्ट जगह बना चुकी हैं. प्रेम के क्षेत्र में इनकी अहमियत इस हद तक विस्तृत है कि वर्तमान समय में भी प्रेमी जोड़े इनके नामों की कसमें खा कर अपने प्यार का इजहार और उसकी मजबूती दर्शाते हैं.

लेकिन हालिया परिस्थितियों के मद्देनजर यह कहना कदाचित गलत नहीं होगा कि लैला-मजनू जैसी प्रेम-कहानियां अब बीते समय की बात हो चुकी हैं. वर्तमान हालात तो कुछ और ही हैं. खासतौर पर मेट्रो शहरों में तो प्रेम की परिभाषाएं ही परिवर्तित हो चुकी हैं. यहां प्यार नहीं फ्लर्ट करने को ज्यादा अहमियत दी जाती है. जो जितना अच्छा फ्लर्ट करने में योग्य होता है, वह उतना अधिक अपने मित्र समूह में प्रतिष्ठित और लोकप्रिय हो जाता है. लैला-मजनू के मॉडर्न अवतारों ने अपनी उपस्थिति कॉलेज कैंपस और ऑफिस में दर्ज करानी शुरू कर दी है. टाइम-पास करने के लिए लोग फ्लर्ट को एक दिलचस्प तरीका मानते हैं. हमारी युवा पीढ़ी फ्लर्ट को भी एक कला मानती है. इतना ही नहीं इससे जुड़ी अजीबो-गरीब शब्दावली के प्रयोग का सिलसिला भी अब शुरू हो गया है. युवाओं ने आयु, तरीकों और मंतव्यों के आधार पर फ्लर्ट करने वाले लोगों को भिन्न-भिन्न श्रेणी में विभाजित किया है, जिसके कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • मिस्टर कूल – दूसरों के सामने खुद को कूल और बिंदास प्रदर्शित करने वाले मिस्टर कूल ज्यादातर कॉलेज कैंपस में ही पाए जाते हैं. उनके लापरवाह और अक्खड़ स्वभाव से लड़कियां इतनी अधिक प्रभावित हो जाती हैं कि वह उन्हें अपना ड्रीम-ब्वॉय समझ उसे आकर्षित करने का एक मौका भी नहीं छोड़तीं. लेकिन मिस्टर कूल किसी को भी ज्यादा भाव नहीं देते और बस दोस्तों के साथ एंजॉय करते हैं.
  • मिस्टर बॉयफ्रेंड – फ्लर्ट करने के मामले में मिस्टर बॉयफ्रेंड सबसे अव्वल होते हैं. अपनी क्लास या कॉलेज की लगभग सभी लड़कियों पर अपनी नजरें टिकाए रहते हैं. उनकी फ्लर्ट कुशलता के कारण अमूमन सभी लड़कियां उन्हें अपना बॉयफ्रेंड समझने लगती हैं. जबकि ऐसे लड़कों का फंडा सिर्फ रोजाना नई-नई लड़कियों के साथ मस्ती मारना होता है.
  • मिस्टर भैया – ऐसे लड़के स्वभाव से थोड़ा रिजर्व होते हैं. या तो वे किसी से प्रतिबद्ध रूप से संलिप्त होते हैं या फिर उन्हें लड़कियों के साथ मेलजोल बढ़ाना पसंद नहीं होता. यही वजह है कि उन्हें कैंपस में मिस्टर भैया कहा जाता है. ऐसे युवक किसी भी लड़की की सहायता के लिए हर संभव प्रयास करते हैं.
  • मिस्टर चाट – इन्हें देखकर लड़कियां दूर से ही रास्ता बदल लेती हैं. दरअसल मिस्टर चाट को फालतू की बातें करने का इतना शौक होता है कि अगर एक बार चिपक जाएं तो पीछा छुड़ाना मुश्किल होता है. सबसे अजीब बात यह है कि उन्हें लगता है कि उनकी बातें बेहद इंट्रेस्टिंग हैं.
  • चॉकलेट बाबा – इस श्रेणी के लोगों को किसी भी तरह लड़कियों के बीच नजर आने का शौक होता है. वह जानते हैं कि लड़कियों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है, इसीलिए इसी को अपना हथियार बना लड़कियों से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करते हैं.
  • रंगीला ओल्डी – ऐसे लोग कैंपस में नहीं ऑफिस में ज्यादा मिलते हैं. बॉस या फिर कोई अधेड़ उम्र के सहयोगी, लड़कियों को पटाने की खातिर रोजाना रंगीले अंदाज में नजर आते हैं. उनकी ऐसी आदतों और शौक की लड़कियां और सह-कर्मचारी बहुत मजाक भी बनाते हैं.
  • मिस्टर क्लीनर – यह कोई सफाई कर्मचारी नहीं,  बल्कि कॉलेज स्टूडेंट से लेकर बुजुर्ग तक वे लोग हैं, जो मौका मिलते ही लड़कियों को छूने की अपनी इच्छा पूरी कर लेते हैं. यानि कि अगर सामने आ रहे कुछ आवारा लड़कों को देखकर आप साइड होने की कोशिश कर रही हैं तो बराबर में चल रहे अंकल भी आपको टच कर सकते हैं.
  • मिस मीडियेटर – मिस मीडियेटर का काम लड़के-लड़कियों के बीच के मामले निपटवाना होता है. फीस के तौर पर वे दूसरे के और कभी-कभी अपनी बेस्ट-फ्रेंड के बॉयफ्रेंड्स के साथ भी मस्ती करने का एक मौका भी नहीं छोड़तीं.
  • छम्मक छल्लो – ऐसी लड़कियों को बस लड़कों में लोकप्रिय होने का शौक होता है. वह प्यार-व्यार के चक्करों से दूर ही रहती हैं. उनके कहीं से निकलते ही लड़कों की भीड़ आहें भरती है तो उनका दिल बाग-बाग हो जाता है. लड़कों का ध्यान स्वयं पर केंद्रित करने के लिए वह रोजाना सज-धज कर घर से बाहर निकलती हैं.
  • मिस केयर टेकर – ऐसी लड़कियों को सिर्फ फ्रेंड्स पर इंप्रेशन मारने के लिए बॉयफ्रेंड की तलाश होती है. बॉयफ्रेंड भी ऐसा जो उनके इशारे पर काम करे. इसलिए वे ऐसा चंपू टाइप लड़का तलाशती हैं, जो हर वक्त उनकी जी-हुजूरी करता रहे. बदले में वे उसकी पूरी केयर करती हैं.
  • मिस ऐश एंड कैश – इन गर्ल्स का सीधा सा फंडा ‘ऐश, कैश एंड थ्रो’ होता है. यानि कि मोटी जेब वाला मुर्गा देखते ही वे उसे लाइन देने लगती हैं. लेकिन जैसे ही कोई उससे ज्यादा अमीर शिकार नजर आता है, तो वे पहले वाले को लात मारने में भी देर नहीं लगातीं.

Wednesday 24 August 2011

बैड ब्वॉयज अट्रैक्शन

एक स्टडी कहती है कि दबंग या बुरे किस्म के लडकों को लडकियां ज्यादा पसंद करती हैं। वे उनसे प्रभावित ही नहीें होतीं बल्कि उनके प्यार में भी पड जातीे हैं। आखिर ऎसा क्या होता है उनमें जो अच्छी लडकियों को उनकीे ओर खींचता है। कितनी दूर तक चल पाते हैं ऎसे रिश्ते। हाल में हुई एक स्टडी इस बात को और पुख्ता करती है कि वाकई लडकियां बुरे लडकों के चगुंल में ज्यादा फंसती हैं। असामाजिक या आपराधिक प्रवृति के पुरूष जिंदगी में कुछ और हासिल करें या नहीें कुछ समय तक के लिए लडकियों का ध्यान जरूर आकर्षित कर लेते हैं। ऎसा आखिर क्या होता है उनमें।
1. कैसे जीतते हैं दिल एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि आक्रामक, कठोर, चालाक और मतलबी किस्म के पुरूष न सिर्फ लडकियों से फ्लर्टिग में माहिर होते हैं बल्कि उनकी सेक्स लाइफ भी अधिक अच्छी होती है। इस स्टडी को सही मानें तो ईमानदार, विनम्र, वफादार और सीधे-सादे लडके लडकियों की गुड लिस्ट में कम ही हैं। जेम्स बॉन्ड जैसे चरित्र बैड ब्वॉयज को गढने में काफी मदद करते हैं। ऎसे लोग समझौता नहीं करते स्पष्टवादी होते हैं। जोखिम भरे काम करना इन्हें भाता है। साथ ही ये लडकियों को लुभाने के सभी गुर जानते हैं। लडकियों से रिश्ते बनाना इनकी फितरत होती है लेकिन किसी भी रिश्ते से वे जल्दी ही ऊब जाते हैं और फिर कोई नया रिश्ता तलाशने लगते हैं। ऎसे लोग दोस्तों की पत्नी बहन या पे्रमिका को भी नहीें छोंडते। लेकिन ये अच्छे लडकों की तुलना में बाजी मार लेते हैं।
2. विपरीत धु्रवों का आकर्षण लडकियों ऎसे लडकों को पसंद क्यों करती हैं। यह सवाल जटिल है। यहां दो विपरीत धु्रवों के आकर्षण का सिद्वांत काम करता है। लडकियां सीधी-सादी राह पर चलने वाली और सुरक्षित माहौल में पलने-बढने वाली होती हैं। एकाएक जब वे बिल्कुल विपरीत स्वभाव के किसी लडके से मिलती हैं तो उससे प्रभावित हो जाती हैं। क्योंकि वह भावनाओं को पढ सकता है लडकी के सामने आत्मविश्वास से भरपूर दिखता है। ऎसा लडका फिल्मी स्टाइल में लडकी को प्रपोज कर सकता है। यहां तक कि कई बार बलपूर्वक भी उसे प्रभावित करने की कोशिश करता है। चूंकि लडकियां अपने आसपास या घर में आदर्श छवि वाले पुरूषों के संपर्क में रहती हैं ऎसे में कोई बिल्कुल भिन्न व्यक्तित्व वाला शख्स सामने आता है तो उससे प्रभावित हो जाती हैं। कई बार इस खेल में वे अपना दिल भी हार जाती हैं।
3. सुरक्षा का एहसास लडकियों को एक सुरक्षित कवच की जरूरत होती है। उन्हें बाहरी दुनिया असुरक्षित लगती है। ऎसे में अगर कोई पावरफुल व्यक्ति उनका संरक्षक बनकर खडा होता है तो वे प्रभावित हुए बगैर नहीं रहतीं। बचपन से वे अपने पिता या भाई के संरक्षण में रहतीे हैं। पिता या भाई की कठोर छवि उन्हें इस बुरे लडके में भी दिखती है। इसलिए आक्रामक, क्रोधी और हावी होने वाला पुरूष्ा उन्हें अच्छा लगता है। कहा जाता है कि लडकियां अपने पिता से और लडके मां से अधिक प्रभावित होते है। अपने अवचेतन में वे पति या प्रेमी में भी वे ही गुण खोजती हैं जो उनके पिता मेें होते हैं। बुरे लडकों की यही क्रोधी व कठोर मानसिकता उन्हें प्रभावित कर लेती हंै।
4.वर्जनाओं को तोडने का साहस मनुष्य कई बार वर्जनाओं को तोडना चाहता है। जंगल राज न बन जाए इसके लिए ही सामाजिक नियम बनाए जाते हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता हैं। लेकिन बुरे लडकों को ऎसे नियमों की परवाह नहीं होती। वे समाज से लडने को तैयार रहते हैं। उनके अपने मूल्य होते हैं और वे खुद के बनाए रास्तों पर चलते हैं। ये बातें भी लडकियौं को आकर्षित करती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि वे खुद उन वर्जनाओं को तोडने का साहस नहीं कर पाती। इसलिए भी ऎसे लडके उन्हें आकर्षित करते हैं।
5.आकर्षक व्यक्तिव युं तो इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि बुरे लडके दिखने में आकर्षक क्यों होते हैं लेकिन आमतौर पर इनका व्यक्तिव प्रभावशाली होता है। दरअसल वे अपने आंतरिक सौंदर्य की कमी को बाहरी व्यक्तिव से पूरा करना चाहते हैं। इसलिए अपनी बाहरी ख्ुाबसूरती को वे निखारने की पूरी कोशिश करते हैं। वे स्टाइलिश होते हैं। उनके हाव-भाव बातचीत के अंदाज और रहस्यवादी व्यक्तिव के प्रभाव में आ जातीे हैं लडकियां । क्यों हैं ये लडकियों के हीरो लडकियों को ऎसे लडकों के साथ रहकार सुरक्षा का बोध होता है साथ ही वे खुद को पावरफुल महसूस करती हैं। कोई उन्हें कुछ नहीं बोलता। ऎसा नहीं है कि लडकियां बुरे लडकों को जीवनसाथी बनाना चाहतीे हैं। कुछ समय के लिए वे दंबग किस्म के लोगों से प्रभावित हो सकती हैं लेकिन वे उनके अवगुणों को नजरअंदाज नहीं करतीें। कॉलेज में बैड ब्वॉयज दरअसल उनकी सेफ्टी के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए वे उनके साथ घुमना पसंद करती है।
लेकिन जीवनसाथी के रूप में उन्हें अच्छे और केयरिंग लडके ही भाते हैं। लडकियौं को यह भी लगता है कि वे बुरे लडके को भी बदल देंगी। उन्हें वह इसलिए भी सही लगता है क्योंकि वह जैसा होता है-वैसा ही दुनिया के सामने भी होता है। बुरे लडकें के साथ रहने से लडकियां कई परेशानियों से बच जाती हैं। वैसे बुरे लडकों में कुछ गुण आदर्श कहे जाने वाले लडकों की तुलना में ज्यादा अच्छें होते है। ज्यादातर çस्त्रयों का पसंदीदा पुरूष वह होता है जों उनके प्रति उदार और दुनिया के प्रति आक्रामक हों। उन्हें ऎसे लडकौं की स्मार्टनेस और ताकत भाती हैं। दूसरा बडा कारण यह कि ऎसे पुरूष उन्हें और उनके बच्चों को ज्यादा सुरक्षा देते हैं। क्षणिक होते हैं ऎसे रिश्ते सेे संबंध कितनी दुर तक चलते हैं। इसका उत्तर है-बहुत थोडी दूर तक। ऎसे झटपट रोमांस का अंत भी झटपट होता है। कारण यह है कि महज आकर्षण के बलबूतेजीवन निभाना आसान नहीं होता है।
कोई स्त्री नही चाहती कि वह पति या प्रेमी को जेल की सलाखों में देखे। जितनी तेजी से यह आकर्षण पनपता है उतनी ही तेजी से घृणा में भी बदल सकता है। इसलिए अच्छे लडकों को निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। पिछली कई स्टडीज ऎसी भी हैं कि ऎसे आकर्षण की उम्र बहुत कम होती है। लडकियां खास मकसद के लिए या कुछ समय के लिए ऎसा पार्टनर भले ही चुन लें जिदंगी जीने के लिए वे ऎसे ही व्यक्ति का हाथ थामती हैं जो अच्छा हो और उनका खयाल रख सकता हो।

कमिटमेंट में कमी: रिश्तो की हत्या

आज के हमारे युवाओं को न तो भविव्य की तनहाइयों की फिक्र है, न हीं जिंदगी की वीरानियों की परवाह, क्योकि वो आज में जीता है। इसी सोच के चलते वो रिश्तों की अहमियत को इस कदर नजरअंदाज कर रहा है। यही वजह है कि न अब रिश्ते टिकाऊ होते है, न ही होता है उनमें कमिटमेंट। किसी भी रिश्ते की बुनियाद होती है प्यार और विश्वास। यदि ये दोनों ही चीजें रिश्ते में न हो, तो वो रिश्ता महज समझौता बनकर रहा जाता है। आज हम जिस तेजी से रिश्ते बनाते है, उसे तेजी से उन्हे तोड भी देते है, क्योकि रिश्ते बनाते समय हमें खुद ही नहीं पता होता है कि आखिर ये रिश्ता कब तक टिकेगा। पिछले 10 सालों में तलाक के मामले कुछ शहरों में दोगुने हो गए तो कही-कही इनमें तीन गुना बढोत्तरी हुई है। जहां 90 के दशक में तलाक के औसतन 1000 मामलें हर साल सामने आते थे, वहीं अब ये संख्या बढकर 9000 हो गई है। अधिकतर मामलों में सामंजस्य की कमी या पार्टनर की बेवफाई को ही तलाक का आधार बनाया गया। बदलती लाइफस्टाइल, बढती प्रोफेशनल आकांक्षाएं, न्यूक्लियर फैमिली, रिश्तों में बढती अपेक्षाए ही इन बढती तलाक दरों की मुख्य वजहें हंै। आज महिलाएं भी तलाक की पहल करने में पीछे नहीं है। अगर रिश्ते में जरा-सी भी कमी या अनबन नजर आती है, तो बयाय कोई समाधान निकालने के तलाक को ही अपनी आजादी का आसान रास्ता मानकर लोग रिश्ते तोडने में हिचकते नहीं। अपनों का साथ, प्यार का एहसास जिंदगी को खुशनुमा बना देता है, जीवन में थोडी-बहुत तकरार भी जरूरी है, इसी का नाम तो जिंदगी है, वक्त रहते जिंदगी को संभाल लिया जाए तो बेहतर है, वरना ऎसा न हो कि हम जब गिरे, तो कोई थामनेवाला ही न हो, हम जब रोएं तो किसी का कंधा सिर रखने के लिए न हो।
कारण:
1. अपने तरीके से जिंदगी जीना - अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का फॉर्मूला इन दिनों बहुत फैशन में है, ऎसे में कमिटमेंट्स की उम्मीद किए जाने पर यही सुनने को मिलता है कि इट्स माई लाइफ, मुझे अपने ढंग से अपनी जिंदगी जीने की आजादी चाहिए।
2. प्राइवेसी- आज के युवा अपनी लाइफ में प्राइवेसी चाहते हैं, अपने लाइफ पार्टनर से भी। रिलेशनशिप में स्पेस जरूरी होता है, लेकिन इस शब्द को मात्र अपने गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के लिए बचाव के तौर पर ही इस्तेमाल किया जाने लगा है। अपने पार्टनर से चंद सवाल करने का मतलब यह लगाया जाता है कि आप उसे स्पेस नहीं दे रहे, उसकी प्राइवेसी से दखलअंदाजी कर रहे है।
3. एक्स्पेक्ट मोर- आजकल पहले ही एक दूसरे को यह साफ तौर पर कह दिया जाता है कि मुझसे ज्यादा उम्मीद मत रखना, मैं तुम्हारे लिए खुद को नहीं बदलूंगा/बदलूंगी।
4. कमिटमेंट फोबिया - कहते है कुछ लोग कमिटमेंट से डरते है, शायद उन्हें अपने प्यार व रिश्ते पर इतना भरोसा ही नहीं होता कि वो टिक पाएंगा या यूं कह ले कि कुछ लोग इतने मनचले होते है कि एक ही रिश्ते पर टिके रहना उनके बस की बात नहीं।
5. एक रिश्ते में न टिक पाना- एक ही रिश्ते पर पूरी उम्र बिता देने का दौर अब बीत चुका। ऎसे लोगों को अब इमोशनल फूल्स कहा जाता है। रिश्तों को बचाने की बात तो दूर, ठीक से बनने से पहले ही ये बात साफ हो जाती है कि अब तब ठीक लगेगा, साथ रहेंगे, वरना अपने अपने रास्ते।
6. प्रैक्टिकल - रिश्तों में प्रैक्टिकल होना आज जरूरी हो गया है। लोग सोचते है कि आगे बढना है तो प्रैक्टिकल होना जरूरी है। भावनाओं में उलझे रहेंगे, तो जिंदगी उलझ जाएगी। बदलते दौर के साथ नहीं बदलेंगे तो पीछे रहे जाएंगे।
उपाय:
1. बातचीत - किसी भी रिश्ते के लिए यह सबसे पहला और जरूरी स्टेप होता है। बिना बातचीत के रिश्तों में खालीपन आ जाता है। अगर कोई नाराजगी है, शिकायत है तो कहिए, चुप मत रहिए।
2. आदर - आपके मन में अपने पार्टनर के प्रति आदरभाव होना चाहिए। भले ही आप कितने भी बेतकल्लुफ हो एक दूसरे से, लेकिन एक दूसरे के प्रति रिस्पेक्ट बनी रहनी चाहिए। जिस व्यक्ति का आप सम्मान नहीं कर सकते, उससे प्यार कब तक कर पाएंगे।
3. एक बार सोचें - अगर आपके रिश्ते में कोई प्रोब्लम चल रही है तो तैश में आकर कोई फैसला न लें। हो सकता है कुछ समय के लिए आपको रिश्ता बंधन लग रहा हो, लेकिन एक बार शांत मन से दोबारा सोचें कि क्या वाकई ऎसा है। क्या वाकई कहीं कोई गुंजाइश नहीं बची है रिश्तें मेंक् हर हाल में रिश्ते को थोडा समय दे।
4. रोमांस - कभी-कभी समय की कमी और कई कारण से रिश्ता बोझिल हो जाता है, ऎसा न होने दे। प्यार है, तो प्यार का इजहार समय-समय पर करते रहे, पैशन को जिंदा रखने के लिए जरूरी उपाय करते रहे। बाहर जाए, मूवी देखे, पार्टी करे या किसी शांत जगह जाकर तनहाई का मजा ले और रोमांस करे।
5. विश्वास - हर रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। आपको अपने साथी पर विश्वास करना चाहिए। अगर आपके रिश्ते में विश्वास नहीं होगा तो आप चाहकर भी एक दूसरे के करीब नहीं आ पांएगे। विश्वास के बिना कोई भी रिश्ता नही टिक सकता। किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले एक मौका जरूर दे।
6. दोस्त बनें - अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपसे खुलकर बात नहीं कर पा रहा है या फिर वह आपसे बात करने में झिझकता है तो आप उससे दोस्तों की तरह व्यवहार करें।दोस्ती का रिश्ता एक ऎसा रिश्ता होता है, जहां हम खुद को आजाद समझते है। वो हमारे लिए बंधन नहीं होता, तो अपने रिश्ते में भी वहीं दोस्ताना अंदाज लाएं, जहां रिश्ता बंधन लगे ही न और अगर लगे भी तो ऎसा बंधन, जिससे आप ताउम्र बंधे रहना चाहे।
7. पार्टनर को समझें - हर किसी को यही लगता है कि वही सही है सामने वाला गलत है। लेकिन किसी भी बात का फैयला करने से पहले आप ठंडे दिमाग से सोचे। हो सकता है आपका पार्टनर भी अपनी जगह पर सही हो। हर स्थिति को सामने वाले के नजरिए से भी देखें और उसके बाद ही कोई राय बनाएं। यूं भी हर व्यक्ति अलग होता है, उसकी सोच एकदम हमारे जैसी नहीं हो सकती, तो उससे इतना ज्यादा बदलने की उम्मीद करने से बेहतर है उसके अपने अलग व्यक्तित्व को स्वीकारे। दो अलग सोच रखने वाले लोग भी मिलकर एक अच्छी और कामयाब जिंदगी जी सकते है।
8. आरोप-प्रत्यारोप - आरोप लगाने से कभी किसी रिश्ते में मजबूती नहीं आती। वो मात्र आपके ईगो को संतुष्ट कर सकता है। खुद को सही साबित करने के लिए बहस करने की बजाय आगे किस तरह से समझदारी से अपने रिश्ते को मजबूत बनाया जाए। इस पर विचार होना चाहिए। कोई एक झुक जाए, माफी मांग ले, तो इसमें बुरा ही क्या है।
9. अहंकार को दूर करें - स्वाभिमान और अहंकार में बहुत फर्क होता है। इस फर्क को समझकर अपने रिश्ते को बचाने की कम से कम एक कोशिश तो करे। ईगो को स्वाभिमान का नाम देकर अपने अहं की तुष्टि के लिए रिश्ते को खत्म करने की गलती न करे।
10. रिश्तों की अहमियत को समझें - आप कितने ही प्रैक्टिकल हो, लेकिन जीवन में किसी मोड पर एक साथी, एक हमसफर की जरूरत जरूर महसूस होती है। जीवन का ये सूनापन फिलहाल ग्लैमरस लाइफस्टाइल और आर्थिक कामयाबी के बीच नजर न आ रहा हो, लेकिन कहीं ऎसा न हो कि जब ये अकेलापन नजर आने लगे, तब तक देर हो चुकी हो।

Wednesday 17 August 2011

कैसे करें गर्ल फ्रैंड से अपने रिश्ते मजबूत

यदि आप भी अपनी गर्ल फ्रैंड को हमेशा खुश रखना चाहते हैं तो इन टिप्स को अपनाकर देखिए। आपकी प्रेमिका बस आपकी ही कायल हो जाएगी।


1. सबसे पहले आप एक बात पर ध्यान दीजिए, लड़कियों को सुगंध बहुत पसंद होती है। आप कोलोन, डिओ, परफ्यूम का इस्तेमाल कीजिए और मिलिए अपनी जाने तमन्ना से। फिर देखिए आपनी खुशबू का उन पर क्या जादू चलता है।

2. हर लड़की चाहती है कि उसका प्रेमी उसका ध्यान रखे। उसकी समस्याओं का ध्यान रखे। आप भी अपनी गर्ल फ्रैंड की बातों को ध्यान से सुनें। इससे उसे यह महसूस होगा कि आप उसके सच्चे साथी हैं जो सुख-दुःख में काम आते हैं।


ND
3. स्वयं को उसके अनुसार ढालने की कोशिश करें। वह क्या पसंद करती है और क्या नहीं यह जानने की कोशिश करें। कभी उसे कहीं डिनर पर ले जाएँ तो आप भी उसकी पसंद का खाना खाएँ।

4. लड़कियाँ बहुत संवेदनशील होती हैं। बात करते समय बहुत धैर्य एवं सहजता बरतें, उसे हर बात के सही मायने समझाएँ।

5. जब कभी आप दोनों रेस्टोरेंट मे जाएँ आगे बढ़कर दरवाजा खोलें। बैठने से पहले उसे बिठाएँ। जब भी बिल सामने आए उसके सामने यह उजागर न होने दें कि बिल कितना है। ये सब बातें आपके मैनर्स में शामिल की जाती हैं।

6. उसके परिवार के सदस्यों को जानने की कोशिश करें। यदि उसका कोई छोटा भाई है तो आपके लिए वह बहुत लाभदायक साबित हो सकता है, उससे पहचान करें। उसे आइसक्रीम खिलाने ले जाएँ। लड़कियाँ अपने छोटे भाई के करीब होती हैं, इससे आपको अपनी गर्ल फ्रैंड के विचारों का पता लग सकता है।

7. उसके अच्छे कामों की प्रशंसा करना न भूलें। उसकी प्रशंसा के लिए कहे गए दो शब्द आपको बहुत कुछ दे सकते हैं।

8. जब कभी आप शहर से बाहर कहीं जाएँ तो उसे फोन जरूर करें। यह व्यक्त करें कि उसके बिना आपकी जिंदगी कितनी सूनी है।

9. समय-समय पर उसे उपहार देना न भूलें। लड़कियों को ज्वेलरी, परफ्यूम, फूल, कास्मेटिक्स, सॉफ्ट टॉयज इत्यादि बहुत पसंद होते हैं। यदि आप अपने ही हाथों से कुछ बनाकर उसे दें सकें तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।

जहाँ तक हो रोमांटिक मूड में उससे मिलें, लेकिन आपका मूड एवं हाव-भाव ऐसे न हों, जिससे यह प्रतीत हो कि आप ओवर रिएक्ट कर रहे हैं।

Friday 12 August 2011

कैसे कहे 'आई लव यू

किसी को आई लव यू कहेना प्यार की पहली सीढ़ी कहा जाता है... लोग अलग अलग तरह से अपने प्यार का इजहार करते है...

अगर आप भी किसी को 'आई लव यू' कहने जा रहे है तो एक बार अपने दिल में जरुर सोचना कि आप क्यां बोलने जा रहे है.. कुछ लोग मुझसे जानना चाहते है कि वो अपने प्यार का इजहार केसे करे...इसलिए में इस लेख के माध्यम से उन्हे कुछ टिप्स देना चाहता हू..


FIRST STEP

आप पहले यह तय करे कि आप किस समय अपने साथी को प्रपोज करने वाले है... क्यां आप उसे कोई खास स्थान पर ले जाकर प्रपोज करेगे ? अगर उसका जन्मदिन करीब है तो आपके लिए यह दिन बहुत श्रेष्ठ रहेगा... बस आपको उस दिन तक इंतजार करना पडेगा... आप उसे किसी रेस्टोरन्ट में ले जाकर भी प्रपोज कर शकते है...

SECOND STEP

इसके लिए आपको माहोल सेट करना पड़ेगा.. आप को रोमांटिक बनना पड़ेगा... उसके लिए कुछ फुल खरीदे... कभी कभी फुल बहुत बाते खुद बयाँ कर देते है... आप उसके लिए कुछ रोमांटिक गिफ्ट्स भी खरीद शकते है... जो उसे बहुत प्यारी हो...आजकल की लड़कीओ को चाकलेट पसंद होती है...


THIRD STEP

अब उसे प्रपोज करने का समय आ गया है...आप उसकी आखो में देखे... उसका हाथ अपने एक हाथ से पकडे और उसे बताए कि उसके प्रति आपके दिल में क्यां है.. उसे कोई ऎसी मिशाल दे जिसे सुनकर उसे सच में लगे की आप उसे बहुत प्यार करते है.. ...

FOURTH STEP

अपनी बातचीत के दौरान उसके स्वामान का भी ख्याल रखे...उसे बताए कि उसके साथ रहेने से आपकी जिंदगी केसी रंगीन बन जाती है.. अपनी बातो पर अड़्ग रहे...गोल गोल बाते मत करे... अगर आप अपनी अच्छी बात सुन सकते है तो बुरी बाने सुनने के लिए भी तैयार रहे... ...

FIFTH STEP

उसे अपने प्रति आकर्षित करने के लिए आप कह शकते है कि ...आप उससे बहुत प्यार करते है.. या फिर 'जब से मेने तुम्हे देखा है तब से में तुम्हारे बारे में ही सोचता हू' या फिर 'में तुम्हारे प्यार में पूरी तरह पागल हो गया हू... या फिर सरल शब्दो में ' में तुमसे बहुत प्यार करता हू'

आप देखना यह बात सुनने के बाद शरू शरू में वह गभरायेगी... लेकिन अगर वह थोड़ा हसती है..और नजरे झुकाती है...तो समज लो भैया कि आप की लोटरी लग गई... ...

Thursday 11 August 2011

रिश्ते को सजीव बनाता है पति-पत्नी के बीच का रोमांस


romantic coupleआमतौर पर यह माना जाता है कि विवाह के पश्चात दंपत्ति पारिवारिक और व्यावसायिक जिम्मेदारियां निभाने के चलते एक दूसरे को पर्याप्त समय नहीं दे पाते. जहां पहले अपनी व्यस्तता के बीच कुछ रूमानी पल साथ बिताने के लिए कैंडल लाइट डिनर पर जाते थे, एकांत में समय बिताते थे वहीं अब शादी के बाद परिवार के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाह करते-करते वह अपने बीच के रोमांस और अपनी अपेक्षाओं को गौण कर देते हैं. परिणामस्वरूप शादी के कुछ ही वर्षों बाद पति-पत्नी में रोमांस समाप्त हो जाता है, साथ ही अपने साथी को आकर्षित करने और उनसे करीबी बढ़ाने जैसी प्रवृत्ति उनमें खत्म होने लगती है.

अगर आप भी ऐसी ही किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं और अपनी व्यस्तता के चलते अपने साथी के साथ कोई रोमांटिक प्रोग्राम नहीं बना पा रहे हैं, जिसकी वजह से आप दोनों को अपने संबंध में दूरी बढ़ने का अहसास हो रहा है, तो हाल ही में हुए एक शोध के नतीजे आपकी इस परेशानी को दूर करने में काफी हद तक सहायक हो सकते हैं.

एक ब्रिटिश संस्थान द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण पर गौर करें तो यह प्रमाणित हो जाता है कि रसोईघर जिसे अभी तक सिर्फ परिवार के लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के लिए ही उपयुक्त स्थान माना जाता था, वह रोमांस करने के लिए भी एक अच्छी जगह है.

शोधकर्ताओं ने पाया कि लगभग 44% लोग खाना बनाते समय रोमांस करने को अधिक उत्साही और मौलिक मानते हैं. सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि नव-दंपत्तियों के अलावा अधिकांश ऐसे जोड़ों ने भी इस बात को स्वीकार किया है जिनके विवाह को पंद्रह वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं.

उनका मानना है कि कैंडल लाइट डिनर और महंगे होटलों में साथ खाना खाना आपको भले ही यह संतुष्टि दे कि आपने एक दूसरे के लिए समय निकाला, लेकिन एक-दूसरे के साथ कुछ रूमानी पल साथ बिताने और अपनी भावनाओं का परिचय कराने के लिए रसोई में साथ खाना बनाने से बेहतर रोमांस के लिए अच्छा चांस और कोई नहीं हो सकता.

हालांकि यह सर्वेक्षण एक विदेशी संस्थान द्वारा किया गया है लेकिन भारतीय परिदृश्य में ज्यादा उपयुक्त बैठता है. एक तो विदेशों की अपेक्षा यहां काम के घंटे भी ज्यादा हैं और परिवारीजनों की संख्या भी. ऐसे में विवाहित युगल एक-दूसरे के साथ समय बिताने के लिए वक्त निकाल ही नहीं पाते. अगर पति-पत्नी दोनों काम करते हैं, तो उनका अधिकांश समय कार्यक्षेत्र में ही व्यतीत होता है. और अगर गृहणी हैं तो फिर वह घर के कामों में इतनी उलझी रहती हैं कि परिवार की जरूरतों को पूरा करते-करते वह रोमांस जैसी भावनाओं को उपेक्षित कर देती हैं.

पति-पत्नी में अगर रोमांस समाप्त हो जाए तो संबंध निरस हो जाता है. इसीलिए हमारी यह मानसिकता बन गई है कि विवाह के कुछ वर्षों बाद दंपत्ति एक-दूसरे में दिलचस्पी लेना बंद कर देते हैं. इसका कारण यह नहीं है कि उनमें प्रेम या भावनाएं समाप्त हो गई हैं बल्कि समय के साथ उनकी प्राथमिकताएं बदल गई हैं. अगर ऐसे में उन्हें कुछ समय साथ मिल जाए, तो निसंदेह उनका संबंध सजीव हो उठेगा. अगर आप भी इसी भय में हैं कि कहीं आपका संबंध मुर्झा ना जाए और सच में एक दूसरे के करीब आने और कुछ रूमानी पल साथ बिताने के लिए एक अदद अवसर की तलाश में हैं तो कहीं बाहर जाकर खर्चा करने से बेहतर है घर में ही अपनी पत्नी के साथ खाना बनाने में मदद करें. इससे एक नहीं तीन फायदे होंगे. एक तो आप दोनों के बीच समाप्त होते रोमांस को एक बार फिर पनपने का मौका मिलेगा, दूसरा होटल में जाने का खर्चा भी बचेगा, तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन भर की थकी पत्नी को खाना बनाने में आपकी सहायता भी मिल जाएगी.

Wednesday 3 August 2011

झूठी होती हैं महिलाएं !!

womenआमतौर पर महिलाओं को प्रकृति की एक रहस्यमयी कृति समझा जाता है, जो चीजें गुप्त रखने में माहिर होने के साथ-साथ कई सारे भेद और रहस्य खुद में समेटे हुए होती हैं. महिलाओं को भले ही पुरुषों की अपेक्षा एक सहनशील व्यक्तित्व की उपाधि दी गई हो लेकिन यह बात सर्वमान्य है कि “वह कब किस बात पर क्रोधित हो जाएंगी, और किस हद तक अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगी यह आज तक कोई नहीं समझ पाया है.”

महिलाएं के बारे में यह माना जाता है कि उन्हें अपनी तारीफें सुनने का बहुत शौक होता है और वह अपने बॉयफ्रेंड से जुड़ी बातें जरूर अपनी सहेलियों के साथ बांटती हैं. लेकिन एक लाइफस्टाईल मैगजीन द्वारा कराया गया एक शोध यह साफ तौर पर प्रमाणित करता है कि अपने निजी जीवन से जुड़ी काफी सारी बातें ऐसी हैं जिन्हें छुपाने के लिए वह झूठ बोलने में भी गुरेज नहीं करतीं. इतना ही नहीं, वह झूठ भी इतने सहज भाव से बोलती हैं कि उन पर किसी को शक नहीं होता.

महिलाएं भले ही इस शोध के नतीजों को निराधार मान उन्हें खारिज कर रही हों लेकिन यह बात किसी से छुपी नहीं है कि वह अपने निजी जीवन के प्रति बहुत हद तक संजीदा होती हैं. उनमें ईर्ष्या और जलन जैसी भावना भी प्रबल रूप से विद्यमान होती है.

इस शोध की स्थापनाओं पर नजर डालें तो अधिकांश महिलाएं अपनी सैलेरी के विषय में बात करना पसंद नहीं करतीं और अगर कोई गलती से उनसे इस विषय में बात कर भी ले तो वह इसका सही उत्तर नहीं देती. इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि वे सोचती हों कि कोई उनसे पैसे उधार ना मांग ले. इसके अलावा अगर उनका बॉयफ्रेंड उन्हें सस्ते तोहफे देता है तो वह अकसर अपनी सहेलियों से उसके वास्तविक मूल्य को छुपाते हुए झूठ बोलती हैं. जैसा कि देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अपने साथी के साथ भावनात्मक रूप से अधिक लगाव रखती हैं. इसीलिए जब उनका ब्रेक-अप होता है तो वह अपनी सहेलियों के साथ अपने साथी से जुड़ी कोई भी बुरी बात शेयर नहीं करती. शायद इस उम्मीद से कि शायद उनका बॉयफ्रेंड उनके जीवन में वापस आ जाएगा. महिलाएं अपनी सुंदरता को लेकर अत्याधिक सचेत रहती हैं. उनका ध्यान सिर्फ इस बात पर होता है कि उनके बाल ठीक से बने हैं या नहीं, उनके कपड़े कैसे लग रहे हैं, इत्यादि. ताकि वह अपनी सहेलियों और अन्य लोगों में अपनी आकर्षक छवि का निर्माण कर सकें. लेकिन अगर किसी कारणवश उनसे सजने-संवरने में कोई भूल हो जाए तो वह उस पर भी यह कहकर झूठ का पर्दा डाल देती हैं कि उन पर यह स्टाइल बहुत फबती है.

एक विदेशी पत्रिका द्वारा कराया गया यह शोध भले ही पाश्चात्य देशों की महिलाओं को केन्द्र में रखकर किया गया हो लेकिन महिलाएं चाहे किसी भी राष्ट्र की हों, होती तो सिर्फ महिलाएं ही हैं. इसीलिए ऐसा कदापि नहीं कहा जा सकता कि भारतीय महिलाओं की प्रवृत्ति इनसे ज्यादा भिन्न होगी. यकीनन इस शोध के नतीजे रोचक और महिलाओं के प्रति उत्सुकता बढ़ाने वाले हैं. क्योंकि अभी तक सिर्फ यही माना जाता था कि महिलाएं अपेक्षाकृत अधिक परिपक्व और समझदार होती हैं. लेकिन ऐसी छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलना उनकी कथित समझदारी पर प्रश्न चिन्ह लगाता है.

दोस्ती का अर्थ होता है अपना सब-कुछ एक दूसरे के साथ बांटना, लेकिन महिलाएं जब व्यक्तिगत जीवन और उससे जुड़ी घटनाओं को ही मित्रों से दूर रखेंगी तो ऐसे में दोस्ती और उससे जुड़ी भावनाओं का दायरा भी काफी हद तक सीमित हो जाएगा. संभवत: ऐसे शोध सबसे अधिक युवा पीढ़ी को ही प्रभावित करते हैं. इसलिए, इसके परिणामों का उन पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा.

यदि रहना हो उनके दिल में

भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों के पास खुद के लिए भी वक्त नहीं रह गया है। ऐसे में किसी ऐसे इन्सान की तलाश करना जो आपके समय का पूरा ध्यान रखे तो यह काफी मुश्किल है। इन मुश्किल क्षणों में जरूरत होती है एक सच्चे साथी की, जो आपकी भावनाओं का पूरा-पूरा ख्याल रखे।

ऐसे रिश्ते की जरूरत है जो कुछ दिनों के लिए नहीं जीवनभर आपका साथ निभाए। अगर आपको किस्मत से ऐसा साथी मिल जाए तो उस अनमोल तोहफे को अपने दिल के करीब रख सकते हैं। वरना आप भी रोहित की तरह जीवनभर पछताते रहेंगे। दो साल पहले की बात है रोहित की जिन्दगी में आयशा नाम की लड़की आई। दोनों ने साथ निभाने की ढेर सारी कसमें खाईं। लेकिन वो सारी कसमें धरी की धरी रह गईं और कारण बना खुद रोहित। आप भी कहीं दूसरे रोहित न बनें इसलिए आइए कुछ ऐसी सामान्य लेकिन गंभीर बातों पर आपका ध्यान दिलाएँ -

आलोचक न बनें
कहा जाता है कि सही आलोचना हमेशा लोगों को पसंद आती है, लेकिन यह आपकी गर्लफ्रेंड पर भी लागू हो यह जरूरी तो नहीं। सामान्यतः देखा जाता है, कुछ सामान्य सुझाव भी आपके साथी को नाराज कर सकते हैं क्योंकि एक प्रेमी की बजाय माँ की तरह दिए सुझाव उसे कभी पसंद नहीं आएँगे। उसके पहनने, खाने, उठने जैसी निजी बातों में आपका दखल उसे नाराज कर सकता है।

उसे भी महत्व दें
यह सच है कि आपका करियर और आपकी नौकरी आपके लिए महत्वपूर्ण है और आपकी गर्लफ्रेंड के लिए भी वह उतना ही महत्व रखता है। वह आपकी तरक्की से भी खुश होगी। लेकिन वहीं दूसरी ओर अगर आप ऑफिस के काम को ज्यादा महत्व देने लगेंगे या शाम में मिलने का वादा कर अपने काम की वजह से टाल देंगे, तो जल्द ही आपकी गर्लफ्रेंड आपकी प्राथमिकताओं को गिनाना शुरू कर देगी।

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यह सच है कि लड़कियों को करियर के प्रति सचेत लड़के पसंद आते हैं लेकिन आप उनके लिए भी वक्त न निकाल पाएँ इसे वह कभी सहन नहीं कर सकती। आप ही सोचिए भला उस नौकरी का क्या मतलब जिसमें करियर और ढेर सारा पैसा तो हो लेकिन उसे कोई बाँटने वाला न हो!

भावनाओं को चोट न पहुँचाएँ
अपनी गर्लफ्रेंड की भावनाओं को ठेस न पहुँचाएँ। आपसी समझ से बने रिश्तों में भी किसी प्रकार का धोखा उन्हें सहन नहीं होता। शारीरिक संबंधों से भी ज्यादा चोट उसे भावनाओं के आहत होने से होती है। खासतौर से जब उन्हें पता चल जाए कि आपके संबंध किसी और से भी हैं। या जब आप उसके चरित्र पर शक करते हैं तो ये बातें उनकी भावनाओं को चोट पहुँचाती हैं।

पसंद-नापसंद का ख्याल भी रखें
स्टाइलिश होना जरूरी नहीं, बल्कि जरूरी यह है कि आप किस स्टाइल में सहज महसूस करते हैं। लेकिन यह तय करने से पहले जान लेना भी जरूरी है कि वह आपको किस रूप में पसंद करती हैं। वैसे यह जानना बहुत ही आसान है। अगर आपकी गर्लफ्रेंड आपके स्टाइलिश कपड़ों को देखकर आपकी तारीफ करे तो समझ जाएँ कि वो क्या पसंद करती है। और अगर उसे यह चीजें पसंद नहीं तो कभी भी उसके साथ बाहर जाने पर ऐसा कुछ भी न पहनें जो उसे पसंद न हो।

जब हो वह आपके करीब
ऐसे मौके पर लड़कियाँ काफी असहज महसूस करती हैं। उनके हाव-भाव भी काफी बदल जाते हैं, इसलिए ऐसे मौके पर आप उससे ऐसे बात करें जैसे एक छोटी बहन से करते हैं। उसे एहसास दिलाएँ कि आप उसके साथ काफी सहज महसूस कर रहे हैं।

आपके व्यवहार में अपनत्व की भावना होनी चाहिए। अगर वो इस तरह के व्यवहार को पसंद नहीं करती तो कभी भी दवाब न डालें। हो सकता वह आपके दबाव को मजबूरी समझे।

हस्तक्षेप न करें
    

बहुत बार ऐसा देखा जाता है पुरुष हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड पर अनावश्यक शासन करने लगते हैं। उनके दोस्तों से भी जलन की भावना रखने लगते हैं। खासकर जब वह पुरुष हो। अगर लड़कियों से भी उनकी दोस्ती है तो आपको यह भी पसंद नहीं आता कि उनके साथ वह ज्यादा समय बिताए। उनकी आजादी को बाँधने का प्रयास न करें। उन्हें कहाँ जाना, कितनी देर के लिए जाना है जैसी छोटी-छोटी चीजों में हस्तक्षेप न करें तो बेहतर होगा।

लड़कियाँ भी आजादी से जीना पसंद करती हैं और ऐसा हो सकता है कि आपके आने से पहले उसकी जिन्दगी ज्यादा स्वतंत्र हो। और आपकी बेवजह की रोक-टोक उसकी जिन्दगी को गुलाम बना रही हो। इसलिए जब तक जरूरी न हो रोक-टोक न करें।

कम न हो आपका प्यार
पुरुष मानसिकता होती है प्यार का इजहार किया, साथ-साथ घूमे और कुछ दिनों के बाद नजरें इधर-उधर जाने लगती हैं। अगर आप उनकी तारीफ करना छोड़ दें, उनसे कम बात करने लगें, उनके जीवन से जुड़ी बातों के बारे में पूछना कम कर दें तो वह सोचने लगती हैं कि आप उनकी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में वह आपसे दूर होने की कोशिश करने लगेगी। इसलिए उससे ऐसे व्यवहार करें कि वो सबसे खास है। उनकी आँखों में झाँककर देखें। जब भी आपको वक्त मिले उनसे मिलकर बातें करें। जब भी वह खूबसूरत लगे तारीफ करना न भूलें।

कभी भी समय में न बाँधें
अपनी गर्लफ्रेंड को कहीं घूमने जाने का वादा कर देर से पहुँचने की आदत को अभी ही बदल डालें। यह तभी तक अच्छा है, जब तक कि आप अकेले हैं। लेकिन जब आपकी जिन्दगी से कोई और जुड़ गया है तो कोशिश करें कि आप उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएँ। ये कुछ छोटी-छोटी बातें हैं जिन पर अमल करके आप अपने साथी को हमेशा खुश रख सकते हैं, क्योंकि वह आपके लिए स्पेशल और महत्वपूर्ण जो है।