Wednesday 29 June 2011

दोस्ती के कुछ उसूल

दोस्ती(Friendship) का धागा बहुत ही नाजुक होता है. जरा सा भार पड़ा नहीं कि अच्छे अच्छे बिछुड़ जाते है. बचपन की दोस्ती को ही ले लीजिए. मैंने और आपने कितने दोस्तों से हमेशा साथ रहने की बात की थी लेकिन क्या अब वह सभी दोस्त(Friend) साथ हैं, नहीं ना. कहां गए वह दोस्त क्या किसी भीड़ में खो गए है या हमसे बहुत दूर चले गए. बचपन(Childhood) में दोस्त तो बहुत जल्दी बन जाते थे पर अब दोस्त बनाने थोड़ा मुश्किल हो गया है. और दोस्त बनाने के बाद भी आराम नही मिलता दोस्ती आगे बढ़ाने के लिए भी काफी बेलन बेलने पड़ते है. आइयें कुछेक ट्रिक और टिप्स(Tips) के जरिए दोस्ती के जोड़ में फेविकॉल का दम लगाएं.



दोस्तऑनेस्टी(Honesty)





दोस्ती में ऑनेस्टी सबसे बड़ा मूल्य है। यदि फ्रैंडशिप (Friendship) में ऑनेस्टी होगी तो यह ज्यादा मजबूत होगी। कई बार देखा गया है कि ऑनेस्टी न होने के कारण ही कॉलेजेस में कई अच्छी दोस्ती टूट जाती हैं और जिंदगी में हमेशा के लिए एक कड़वा स्वाद दे जाती है। कई स्टूडेंट इस अनुभव को जिंदगीभर नहीं भूल पाते हैं। इसलिए अपने दोस्त के प्रति ईमानदार रहें।





लव एंड केयर(Love and Care)





दोस्ती में प्यार-मोहब्बत(Love and Relationshi) न हो तो मजा ही क्या है। लेकिन प्यार-मोहब्बत का मतलब किसी तरह का स्वार्थ नहीं होता। यह किसी मतलब से नहीं की जाती और न ही इसके जरिए कोई मतलब हासिल किया जाता है। इसमें तो एक-दूसरे के प्रति लव एंड केयर(Love and Care) की भावना होती है। एक-दूसरे का ध्यान रखा जाता है, एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का ध्यान रखा जाता है।



अंडरस्टैंडिंग





यदि प्यार-मोहब्बत(Love)  हो और अंडरस्टैंडिंग न हो तो भी बात नहीं बनती। कई बार दोस्तों में दरार आ जाती है और दोस्ती टूट जाती है। इसका एक बड़ा कारण होता है अंडरस्टैंडिंग की कमी। यदि दो दोस्तों के बीच बेहतर अंडरस्टैंडिंग होगी तो यह ज्यादा मजबूत होगी। अपने दोस्त को बेहतर ढंग से जानने-समझने की कोशिश करेंगे, तो गलतफहमियाँ पैदा नहीं होंगी।





रिस्पेक्ट





कई बार मौज और मस्ती के मूड में, जोश और जुनून में दोस्त अपने दोस्तों से ऐसी मजाक कर बैठते हैं, जो उन्हें नागवार गुजरता है। उन्हें इंसल्टिंग फील होता है। इसलिए यह ध्यान रखें कि आपका कितना भी अच्छा फ्रैंड हो, आपके कितने भी बेतकल्लुफ रिश्ते हों लेकिन वह आपसे चाहता है कि आप उसका रिस्पेक्ट करें। अक्सर दोस्त यह भूल जाते हैं। दोस्तों का रिस्पेक्ट करें।

तो समझो प्यार हो गया

प्यार के रोगी तो सभी होते हैं, शायद आप भी प्यार के रोगी हैं, लेकिन कई बार आप इस रोग को पकड़ नहीं पाते हैं. कई बार सोचते-सोचते ही सारा टाइम निकल जाता है. जब तक समझ आता है कि यह प्यार है तब तक देर हो चुकी होती है. कहीं आप भी इसी इंतजार का रोना तो नहीं रो रहे. तो चलिए जानिए अपने प्यार के लक्षण को…




अगर नीचे लिखी बातें सच हैं यानि इनका जवाब सही है तो आप प्यार की बॉल पर आउट हो गए हैं.

Valentine's day अगर आप पहले से अच्छा महसूस करते हैं. एक अच्छा रिश्ता आपको अपने बारे में अच्छा महसूस कराता है.

आप अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ समय गुजारने के मौक़े ढूंढ़ते हैं.

आप छोटे-छोटे पलों का भी आनंद उठाने की मौका कभी भी नहीं गंवाते हैं.

आप अपने साथी का सम्मान करते हैं. जैसे पत्नी अपने पति के बारे में इस तरह की बातें कहती हैं, ‘मेरे पति कमाल के गायक हैं.’

आप इस बात में दिलचस्पी लेते हैं कि आपका साथी क्या सोचता है. आप अपने लिए अहम मुद्दों पर साथी की राय चाहते हैं और उसकी असहमति का बुरा नहीं मानते.

आपको साथी की चतुराई से कोई दि़क्क़त नहीं होती. आख़िर हर कोई चतुर बनता है, आप भी. आप अपने संबंधों में आ रही मुश्किलों से निबटने में सक्षम हैं. स्वस्थ संबंधों में लोग साथी की असहमति को उसके बारे में ज्यादा जानने को मौक़ा मानते हैं.

अपने साथी की तुलना औरों से नहीं करते. आपके साथी से सुंदर, बुद्धिमान और पैसे वाले लोग भी होंगे, पर आपको परवाह नहीं, क्योंकि आप तो सिर्फ़ अपने साथी का साथ चाहते हैं.

वैसे आजकल के मॉडर्न टाइप आशिकों को भी कई बार प्यार को समझने में देर होती है तो आइए जनाब आप भी जान लें कहीं आपको प्यार तो नहीं.

अगर अचानक आपका संगीत का टेस्ट बदल गया हो, विरह गीत से आप सीधे-सीधे डुएट पर उतर आए हों.

आपको माँ के हाथ की बनी रोटियों में भी उसका चेहरा नज़र आता हो.

रात करवटें बदल-बदल कर कटती हों.

सारा दिन उसके ख्यालों मे बीतता हो.

जब घर वाले कहने लगें, आप ऊंचा सुनने लगे हो.

जब आप उसके घर पर बार-बार फोन करके काटने में पारंगत हो चुके हों.

मोबाइल का बिल दस गुना बढ गया हो.

आप इंटरनेट पर प्यार मोहब्बत वाले एसएमएस ढूंढने लगे हो.

रात को सोने से पहले और जागने के बाद सबसे पहले उसी से मिलने का मन करे.

अपने आप को शीशे में देखने की संख्या में वृद्धि हो गई हो.

अगर आपको ऊपर लिखी कुछ बातें अपने व्यक्तितव में आजकल नजर आने लगी हैं तो मुन्ना आप प्रेम रोग के शिकार हो चुके हैं. जाइए और अपना इलाज करवाइए

लड़के - पहेली से कम नहीं.

इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
गम – ऐ – जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!



कई बार हम सोचते हैं कि लड़कियों को पटाना ही मुश्किल होता है, सभी मुश्किलें लड़कियों को सेट करने में ही होती है लेकिन यार कभी यह भी तो सोचो कि लड़कियां भी उसी तरह लड़को को पटाने या किसी के प्रेम में पागल होती होंगी.


आज के इस अंश में मैं लड़कियों के लिए ही कुछ प्रेम टिप्स दे रहा हूं, लेकिन यह टिप्स इंटरनेट से ली है लेकिन अंदाज मेरा अपना है और साथ में एक लड़का होने के साथ मेरे अनुभव भी हैं.


love_storyसपनों का राजकुमार


हर लड़की का सपना होता है कि उसका प्रेमी या साथी ऐसा हो जिसे उसने सपनों के राजकुमार जैसा देखा हो. अपने लवर में वो उस राज कुमार की छवि ढूंढने की कोशिश करती है लेकिन उसके व्यक्तित्व के कई अनछुए और अनजाने पहलू ऐसे भी होते हैं जो उसके सपनों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं जिन्हें वह नहीं जान पाती.


यार लड़कों का बिहेवियर यानी व्यवहार और उनके सोचने का तरीका बिलकुल अलग होता है. इसलिए आपको अपने दोस्त से इस बात की उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह बिल्कुल बदलकर आपकी तरह हो जाएगा. आपको उसे बदलने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए.


लड़कों के लिए भी प्यार एक बहुत ही नाजुक अहसास होता है. ऐसा नहीं होता कि हर लड़का प्लेयबॉय हो या फ्लर्ट करने में ज्यादा इंट्रेस्टेड  हो. कुछ लड़कों का दिल लड़कियों की तरह ही नाजुक होता है, उन्हें भी प्यार में उसी सम्मान और विश्वास की चाह होती है जैसा लड़कियां चाहती हैं.


beautiful-scene-समय की पाबंदी


प्यार में समय व्यतीत करना लड़कों के किस्मत में ही लिखा होता है. अक्सर लड़कियों का आरोप होता है कि वक्त के साथ लड़कों का प्यार कम होने लगता है. यार जरा आप (लड़कियां) भी तो सोचो कि क्या लड़के हमेशा खाली रहते है. वक्त बीतने पर जब सामंजस्य बढ़ जाता हैं तब ये उम्मीद कम कर देना चाहिए कि एक प्रेम पत्र के साथ वो रोज सुबह फूलों का गुलदस्ता आपके दरवाजे पर रख कर जाएगा, या फिर पहले की तरह सुबह शाम-फोन पर घंटों बातें किया करेगा. वह दो-तीन दिनों तक आपको फोन ना कर पाए, तो आपको अपनी नाराजगी दिखाते समय यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस तरह उसके किसी व्यवहार से आपको दुख पहुंचता है, उसी तरह आपकी भी कुछ बातें उसकी भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं.


तारीफ जरुरी है सनम


इसी तरह लड़कियों को यह चीज भी बहुत हर्ट करती है कि लड़के समय बीतने के बाद उनकी तारीफ करनी भी बंद कर देते हैं लेकिन वही लड़कियां न जाने यह क्यों भूल जाती हैं कि वह भी तो लड़कों को नजरअदांज करती हैं. तारीफ सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता है, लेकिन नारी जैसी निर्मलता पुरुषों में कम होती है. हो सकता है वो आपकी उम्मीद पर पूरी तरह नहीं उतर पाएं, या अपनी भावनाओं को शब्दों में ना ढाल पाएं. आपके किसी तोहफे पर धन्यवाद जैसे औपचारिक शब्दो की उम्मीद रखने की बजाय उसकी आंखों में उतर आयी प्रसन्नता को देखने की कोशिश करें.


लव और सेक्स की पहेली


प्रेम को तो ऋषि मुनियों ने भी पवित्र माना हैं, दैहिक आकर्षण तो एक प्राकृतिक लक्षण हैं जिससे कोई भी परे नहीं रह पाया है. हमारे समाज में कुछ नियमों को संस्कार का रूप दिया है जिसे कई बार युवा वर्ग अपनाने से मना कर देते हैं इसका मतलब ये नहीं कि वो सिर्फ आपसे शारीरिक आकर्षण से जुडा है. यदि आप इन नियमों का पालन करना चाहती हैं तो आप पर निर्भर करता है कि नाराज़ होने या उसका तिरस्कार करने की बजाय प्रेम से समझा पाती हैं या नहीं , दैहिक संबंध से परे एक और चीज़ बहुत महत्वपूर्ण होती है वो है स्पर्श जो उसे प्रियतमा के दैहिक आकर्षण से परे अपनत्व का एहसास दिलाएगा.


लड़के अक्सर अपनी प्रेमिका में एक ऐसे साथी को चाहते हैं जो उसकी छोटी-छोटी जरुरतों को पूरा कर सके और हर घड़ी उसके साथ रहे . आप अपने हर रूप को उसके सामने कितना साकार कर पाती हैं ये आप पर निर्भर करता है. उसकी छोटी-छोटी ज़रूरतो को पूरा कर, निराशा के समय में हिम्मत दिलाकर, खुशी के पलों की सहभागी बन आप नारी के हर रूप को साकार कर सकती हैं.

पति और पत्नी में मूलभूत अंतर

(१) यदि पत्नी तैयार होने में २ घंटे लगाती है तो ये आम बात है,पर यदि पति २ घंटे लगाये तो वो सुस्त और ढीला है .

(२) पत्नी शौपिंग पर जाती है तो जरुरी सामान खरीदने, पर यदि पति जाए तो वो फिजूलखर्च है...

(३) यदि पत्नी का काम करने का दिल नहीं है तो वो बहुत ज्यादा थकी और काम के बोझ से दबी हुई है. यदि पति आराम कर रहा हो तो वो आलसी और आरामपरस्त है.....

(४) पत्नी पति की जेबें टटोलती है तो ये उसका हक है जबकि पति द्बारा पत्नी का purse टटोलना तलाशी लेना है....

(५) देर रात को अगर पत्नी का पुरुष सहकर्मी उसे घर छोड़ने आये तो वो शरीफ और gentleman है. यदि पति देर रात किसी महिला सहकर्मी को छोड़ने जाए तो वो flirt है.

लड़कियाँ क्या चाहे?

तो भैया हम बात कर रहे थे, लड़कियों की चाहत की। वो लड़को को कैसे देखती है, कैसे अच्छे लड़के की पहचान करती है। वगैरहा वगैरहा। कहते है औरतों की नज़र बहुत कयामत की होती है, किसी को भी एक नज़र मे देखकर पहचान लेती है। बस एक नज़र ही काफी होती है, पास या फेल। लेकिन फिर भी , जब भी किसी डेट पर जाओ, या किसी लड़की से दोस्ती हो, तो निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना, जिन्दगी भर सुखी रहोगे, तो शुरु करें ना? १. क्या आपने सही कपड़े पहने है?
welldressedबहुत ही जरुरी है भई, आपने मंहगे कपड़े पहने हो या ना पहने है, सलीके के कपड़े है कि नही। ऐसा तो नही बऊवा की तरह के गैट-अप मे हो आप। अगर आप डेट पर जा रहे है तो अपने परिधान का विशेष ध्यान रखें। आप नोट करे ना करें, कि आपने कैसे कपड़े पहन रखे है, लड़कियाँ एक एक चीज नोट करती है (अब टाइम ज्यादा होता है या शौंक कह नही सकते), एक और बात, मौसम के अनुसार और लेटेस्ट फैशन के अनुसार ही परिधानों का चयन करें। ऐसा ना हो, कि वो आप में शाहरुख खान को ढूंढे और आप देव आनन्द की तरह तैयार हों।
२. आत्मविश्वास का स्तर
आपका आत्मविश्वास का स्तर ऊँचा होना चाहिए, ऐसा ना हो कि आप लड़की से मिलने जा रहे है और शर्म से नीचे गड़ा जा रहा हो। और कान्फ़ीडेन्स लेवेल इतना भी ऊपर ना हो कि, आप उसके कन्धे और पेट के बीच मे ही देखते जा रहे हो। मतलब कान्फ़ीडेन्स लेवेल को कन्ट्रोल मे रखकर, सलीके से पेश आएं। डिप्प्रेशन का शिकार ना हो, और ना ही ओवर कान्फ़िडेन्स के पचड़े मे पड़ें। आखिर लड़की से मिलने जा रहे हो किसी इन्टरव्यू मे थोड़े ही जा रहे हो।
३. तुलनात्मक अध्ययन
लड़कियों की एक खराब आदत होती है, वो मौजूदा प्रेमी/दोस्त की तुलना पिछले वाले से जरुर करती है, बार बार, लगातार करती है। अब ये अनजाने मे होता है या जान बूझकर, या फिर आपको चिढाने के लिये, लेकिन होता जरुर है। उदाहरण के लिए ” ये वाला इस तरह से बोलता है, उस वाले की मुस्कराहट कितनी अच्छी थी! इस वाले का पहनावा अच्छा है, लेकिन मूंछे तो पिछले वाले की ज्यादा अच्छी थी।” अब पिछले वाले (प्रेमी/दोस्त) को पकड़कर कूटने से तो कुछ होने वाला है नही, इसलिए इसका मतलब ये हुआ कि आपको एक बार नही, बार बार लगातार इम्तिहान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
४. आपकी पिछली गर्लफ्रेन्ड
अरे हाँ! ये टापिक उनके लिए बहुत मुफ़ीद रहता है। बहुत सही टाइमपास होता है उनका। साम, दाम दण्ड, भेद वो आपसे यह बात उगलवाने के लिए तैयार रहती है कि पिछली वाली गर्लफ़्रेन्ड मे क्या अच्छाई थी या क्या बुराई थी। खबरदार! आप किसी ट्रैप मे मत फंस जाना। दरअसल इनका मकसद तो आपके दिल मे छिपी मैल को बाहर निकालना होता है, ये देखना चाहती है कि आप अपनी पिछली रिश्ते/दोस्ती की बात सुनकर कैसा रिएक्ट करते है या कितनी कडुवाहट दिखाते है। जाहिर है, अक्सर लोग, पिछली गर्लफ्रेन्ड मे कमिया निकलने की कोशिश करते है। मेरी एडवाइस माने तो पिछली वाले के प्रति गुस्सा ना ही निकाले तो अच्छा है, क्योंकि पिछली वाली तो वैसे भी छोड़कर टहल गयी, अब ये वाली हाथ से क्यों जाने दें। समझ गए ना?
५. धैर्य की परीक्षा
लड़कियाँ यह चीज जरुर चैक करती है कि आपमे उनको सुनने की कितनी क्षमता है, मतलब कितना झेल सकते हो। दरअसल वो यह चैक कर रही होती है कि आगे अगर जिन्दगी भर साथ निभाना पड़े (वैसे इत्ता लम्बा वो सोचती कैसे होंगी?) तो बन्दा कितना सुन सकता है। और हाँ अक्सर वो कहेंगी, अपने बारे मे और बताओ, मतलब आपके बारे मे सब कुछ जानने की इच्छा रखेंगी। लेकिन एक लिमिट के बाद, उसके बाद वो खुद-ब-खुद शुरु हो जाती है। इसलिए ध्यान रखिए, जोश मे होश ना खो बैठना, आप शुरु तो एक्सप्रेस की तरह हो, लेकिन मुलाकात दर मुलाकात ही अपनी पर्ते खोलना। मूलमन्त्र: अच्छे श्रोता बनिए, प्रेमिका को विविध-भारती की तरह समझिए, (मतलब चुपचाप सुनते रहिए) तभी सुखी रहेंगे।
६. विनम्रता
आप दूसरों के साथ कैसे पेश आते है, छोटे, बड़े, बच्चे, बूढे के साथ सम्मानपूर्वक बात करते है कि नही। वो मुन्न्नाभाई मे आपने देखा ही होगा, कि लड़का अगर वेटर को सीटी मारकर बुलाए तो, कट लेना। बोले तो विनम्रता का साथ नही छोड़ने का भीड़ू! लेकिन विनम्रता का मतलब ऐसा नही कि कोई भी आने जाने वाला आपको टीप मारकर चलता बने और आप थैंक्यू करते रहे। मौके की नज़ाकत को समझते हुए विनम्रता या दूसरे तरीके से व्यवहार करें। समझ गए ना?
७. सिर्फ़ मेरी सुने
एक और अझेल चीज, लड़किया चाहती है कि आप सिर्फ़ उनकी सुनो। लड़कियाँ इसे आपसी समझदारी का नाम देती है। आपसी समझदारी बोले तो, लड़की लोग का एक प्रोबलम होता है, वो पूरा पूरा अटैन्शन मांगती है, वो कुछ भी बोले, आप पूरी तरह से कान लगाकर सुनो। जैसे आसाराम बापू का प्रवचन सुन रही हो। सुनो जरुर, भले ही कान मे रुई डालकर जाओ, लेकिन लड़की को लगना चाहिए कि आप उसको पूरी तरह से सुन रहे हो। वो भले टीवी सीरियल की बातें करे, या अपने आफिस के चपरासी जग्गू के घर का प्रोबलम। आपको कान लगाकर सुनना है, जहाँ जरुरत पड़े ह्म्म ह्म्म करते रहना है। एक और बात पर विशेष ध्यान देना, लड़किया अक्सर अपनी मन की बात, दूसरो के उदाहरण देकर समझाती है, जरा विशेष ध्यान रखना, कंही जग्गू की प्रोबलम मे आपके लिए कोई संदेश तो नही है?
८. कितनी तारीफ़ करता है
दुनिया मे कोई भी एक लड़की ढूंढ कर दिखा दो, जो अपनी तारीफ़ सुनकर खुश ना होती हो। आपकी रिलेशनशिप की मजबूती और जीवनकाल आपकी तारीफ़ करने की क्षमता पर भी बहुत कुछ निर्भर करती है। तारीफ़ भी अलग अलग तरीके के साथ। यहाँ पर कुछ बाते जरुर ध्यान रखना, भूले से भी उसकी सहेली की तारीफ़ मत कर देना, नही तो बेटा गए काम से। लवर्स स्पॉट की पिकनिक मे अगर वो बैगंन की जली हुई सब्जी बनाकर लायी, तो भी आपको खाते हुए, सब्जी की तारीफ़ करनी होगी, (ये शादी के पहले की बात कह रहा हूँ, शादी के बाद, तो आप मेरी नही मानोगे, अपनी मनमर्जी करोगे, मै जानता हूँ।)
९.गिड़गिड़ाइए नही!
आप अपनी गर्लफ्रेन्ड की कितनी कद्र करते है? कद्र करने मे आपके प्वाइन्ट बढते है, लेकिन ध्यान रखिए, आप अगर ज्यादा गर्जूपना दिखाएंगे तो माइनस मार्किंग होती है। लड़किया यह देखना चाहती है कि ये बन्दा कितना मोल्ड हो सकता है। इसलिए मोल्डिंग का पूरा पूरा एक्स्पेरीमेन्ट आपके ऊपर किया जाता है। लेकिन मेरी राय मानो तो चरणदास की कैटेगरी तक मत जाना। समझे ना।
१०. कितने वादे निभाता है
अव्वल तो आप वादे ही मत करो, कि ये ला दूंगा, वो ला दूंगा। लेकिन करो तो निभाओ भी। वादे निभाने मे ये चीज जरुर ध्यान रखना कि चाँद तारों की बात तो करो, लेकिन तोड़ने ताड़ने का काम सिर्फ़ फलों का ही करना। और कभी उसको यह मत दिखाना कि मेरी यहाँ, वहाँ, जहाँ, तहाँ पहुँच है, नही तो बेटा, फंस जाओगे। फिर भले ही उसके छोटे भाई के लिए ट्यूटर ढूंढना हो, या उसकी माता जी का हास्पिटल मे चैक-अप सारे काम तुम्हारे मत्थे ना पड़े तो कहना। इसलिए, हाँकने मे थोड़ी लगाम रखना। नही तो लोगो से पूछते फिरोगे, फलाना हास्पिटल मे पहचान है क्या?
११. केयरिंग।
ये एक और पंगे की चीज होती है, केयरिंग। यहाँ केयरिंग के मायने अलग अलग होते है। लड़का घुमाने-फिराने, महंगी गिफ़्ट देने, मौज-मस्ती कराने को केयरिंग मानता है, लड़की तारीखे याद रखने को। लड़कियाँ इतिहास मे बहुत तेज होती है, मतलब हर तारीख,महीना, दिन और समय तक याद रखती है, इसलिए उसका जन्मदिन, उसके कुत्ते का जन्मदिन, पहली मुलाकात की बरसी (दु:ख की बरसी ही तो होती है लल्लू), पहले फोन की एनीवर्सरी वगैरहा वगैरहा सब याद रखना। याद रखने के लिए भले गूगल कलैन्डर का सहारा लेना पड़े,लेना, लेकिन बबुआ, अगर तुम एक भी तारीख भूल गए, तो हजार बाते सुनने के लिए तैयार रहना, (यानि आइटम न:७)
तो भैया ये तो था हमारे जीवन का निचोड़, इसके अलावा भी बहुत कुछ होता है, सारी बाते ब्लॉग पर नही लिखी जा सकती, उसके लिए अलग से कन्सलेन्सी से सम्पर्क करिए। जाते जाते एक और बात बता देने, ये जो ब्लॉगर होते है ना वो टिप्पणियों के भूखे होते है, अगर आप लगातार टिप्पणियां करते रहो ना, तो लगातार सही सही लिखते रहते है, जहाँ टिप्पणियां कम हुई तो ब्लॉगर का भी इन्टरेस्ट कम होता जाता है, तो आपको अगले लेख पढने है ना? क्या कहा? हाँ, तो अब टिप्पणी करो ना।


Wednesday 15 June 2011

वज़न घटाने के टिप्‍स

अत्यधिक पानी का सेवन करें - वजन घटाने के लिए सबसे बढ़िया तरीकों में से एक है – सोडा का सेवन टालना और पानी का ही सेवन करना । कैलोरी से भरपूर या शर्करा युक्त पेय को पीने की बजाए एक गिलास ताज़ा पानी पीजिए । यह आपके डाइट प्लान के सबसे महत्त्वपूर्ण अंगों में से एक है । हर एक घंटे में एक गिलास पानी का सेवन आपके शरीर के लिए चमत्कार कर सकता है । यह आपको भूख का एहसास न कराते हुए कम खाने में आपकी मदद करता है । अधिक मात्रा में ग्रहण किया हुआ पानी शरीर से अवांछित अवशेषों को बाहर निकालता है और पाचन प्रक्रिया में अपना सहयोग देता है।   

व्यायाम - अपनी चर्बी को अधिक मात्रा में गलाने के लिए एक बढ़िया रास्ता है - अपने व्यायाम में ‘वेट प्रोग्राम’ को जोड़ना ।

प्रोटीन खुराक - अपने मेटाबोलिज्म स्तर को बढ़ाने के लिए प्रोटीन युक्त खुराक का चुनाव करें और अपने शरीर को चर्बी को तेज़ी से गलाने के लिए मदद करें ।

बुद्धिमानी से कैलोरी में कटौती करना - अपनी खुराक में कैलोरी की मात्रा में कटौती करने के लिए एक सही तरीका चुने, जो कि चरणों में आपका वजन घटाएँ, और जिससे कि किसी भी प्रकार के खतरे को कम कर सके । कैलोरी की मात्रा ज़बरदस्त रूप से कम करने से आपके शरीर में सारी उपलब्ध कैलोरी बड़ी तेज़ी से नष्ट हो जाती है और जिससे कि आपका मेटाबोलिज्म स्तर कम हो सकता है ।

प्रत्येक भोजन के साथ फल और सब्जियों को भी जोड़े । इससे आपका पेट भर जाएगा और आप कैलोरी की मात्रा में कटौती कर पाएंगे ।

स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करना --- नाश्ता हर दिन खाएं, क्योंकि आपने पिछली रात से कई घंटो से कुछ नहीं खाया है । नाश्ता खाने से बाद में दिन के दौरान आपके बढ़िया खाने की इच्छा घटती नहीं है । नियमित अंतराल पर कुछ न कुछ खाना चाहिए, अनियमित समय पर भोजन करने से आपके पूरे डाइट प्लान की धज्जियां उड़ सकती हैं । इसकी हमेशा सलाह दी जाती है कि अपना एक निश्चित दिनचर्या को बनाए रखे और हमेशा उससे चिपके रहें । अपना भोजन को कभी भी टालना नहीं चाहिए क्योंकि एक भोजन को टालने से आपको ऐसा प्रतीत हो सकता है कि आपने कैलोरी में कमी कर दी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है । आप बुनियादी तौर पर खुद को भूखा रख रहे हैं, जो कि बहुत गलत है और जो अगला भोजन आप करेंगे, वह शुद्ध वसा में तब्दील हो जाएगा । इससे असल में आपका वजन घटने की बजाए बढ़ जाएगा ।

शराब का सेवन सीमित कीजिए --- शराब का सेवन सिर्फ ख़ास मौकों पर करें । शराब न सिर्फ़ अत्यधिक मोटापा बढाता है, बल्कि आपकी इच्छाशक्ति को भी घटाती है । भविष्य में आपके शरीर के लिए शराब बेहद नुकसानदायक भी है ।

निरंतर चलते रहिए यानि कि हमेशा सक्रिय रहिए, एक ‘काऊच पोटेटो’ मत बनिए । हर दिन पैदल चलने जैसी शारीरिक क्रिया के साथ साथ स्वस्थ खुराक ही वजन घटाने की सफलता की एकमात्र कुंजी है ।

संबंधों में तनाव कम करने के तरीके

तनाव किसी भी संबंध को बिगाड़ सकता है, इसलिए व्यक्ति को किसी भी प्रकार के तनाव से बचने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। तनाव मुक्त होने के लिए तनाव का प्रबंधन करना जरूरी है आइए जानें संबंधों में तनाव कम करने के तरीकों के बारे में। वैसे तो तनाव किसी भी संबंध में आ सकते हैं, लेकिन अगर कपल्स के बीच तनाव होता है, तो उसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। आइये ऐसे तनाव से बचने के तरीके जानें -
  • मन शांत रखें, मेडीटेशन करें, साथ में योगा करें।
  • तनाव के कारण खोजें और उसका निदान करें।
  • म्यूजिक से मन को बहुत शांति मिलती है, जब भी आप अपने को तनाव में महसूस करें तो अपने साथी को परेशान करने की बजाय
  • म्यूजिक सुनें और अपना तनाव भगाएं।
  • तनाव से निपटने के लिए डांस, जिम या किसी खेल संबंधी क्लासिज में साथ जाएं।
  • साथ में सैर करें या फिर योगा क्लास ज्‍वाइन करें
  • हमेशा सकारात्मक ही सोचे।
  • खाने-पीने पर खासा ध्यान दें, इससे दिमाग फ्रेश रहता है।
  • सोने और उठने का सही समय निर्धारित करें।
  • परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपनी प्रतिदिन की गतिविधियों में शामिल करें।
  • प्रतिदिन व्यायाम और प्रणायाम करें। 
  • कहते हैं अपनी रूचि अनुसार काम करने से बहुत फ्रेशनेस आती है और तनाव भी दूर होता है। यदि आपको पढ़ने की आदत है तो आप पढ़ सकते है। इससे आपको बहुत सुकून मिलेगा या फिर अपने तनाव को अपनी डायरी लेखन के माध्यम से भी दूर कर सकते हैं।
  • सप्ताह में साथ में एक बार बाहर धूमने जरूर जाएं।
  • जबरन शारीरिक संबंध स्थापित न करें।
  • एक-दूसरे का आदर-सम्मान करें।
  • स्‍ांभंव हो तो डेटिंग पर जाएं।
  • कहते हैं कि परिवार के साथ समय बिताने से तनाव से मुक्ति मिलती है। ऐसे में यदि आप अपने साथी के साथ अतिरिक्त एक्टीविटीज करेंगे तो आप तनाव का प्रबंधन भी कर पाएंगे और अपने संबंध मधुर भी बना पाएंगे।

Thursday 9 June 2011

बातें जो महिलाएं पुरूषों को नहीं बतातीं


बातें जो महिलाएं पुरूषों को नहीं बतातींबहुत से ऐसे पुरूष हैं जो यह जानना चाहते हैं कि महिलाएं वास्तव में क्या चाहती हैं । ऐसा कौन सा गिफ्ट हो सकता है, जो उन्हें आकर्षित करे या वो ऐसा क्या करें कि वो अपनी प्रेमिका का दिल जीत सकें। महिलाओं के लिए यह गर्व का विषय होता है जबकि उनकी बातों को कोई बिना कहे समझ जाये।

1- महिलाओं की बातें


पुरूष बातें करना कम पसंद करते हैं और वो इस बाते से भी इनकार नहीं कर सकते कि महिलाए उन्हें कहीं ज्यादा समझती हैं । महिलाएं अकसर बातें करना पसंद करती हैं, वो बहुत सी बातें एक दूसरे से बांटती हैं और उनके लिए एक दूसरे से जुड़ने का यह एक अच्छा माध्यम होता है ।

2- हम अपनी मां जैसा कहलाना पसंद नहीं करते


इस बात को गलत ना समझें लेकिन यह सच है सभी महिलाएं अपनी मां से बहुत प्यार करती हैं लेकिन वो यह सुनना पसंद नहीं करतीं कि वो अपनी मां जैसा खाना बनाती हैं या ऐसी तारीफ मां पूरी दुनिया में सबसे अच्छी होती है । वो अच्छा खाना बनाना जानती है और बच्चों को खुश रखना भी जानती है । पृथ्वी पर रहने वाले जीवों में सबसे अच्छा व्यक्तित्‍व होता है मां का । लेकिन फिर भी महिलांए अपनी मां जैसा बनना नहीं चाहतीं । तो उन्हें यह बात सबसे बुरी लग सकती है कि वो अपनी मां की तरह दिख रही हैं ।

3- कुछ तय बातें


महिलांए यह जानती हैं कि चीज़ों को कैसे व्यवस्थित करना है । स्क्रूडाइवर से ड्रिल तक उन्हें पता होता है कि आपके टूल बाक्स में मौजूद चीज़ों का इस्तेमाल कैसे करना है । बहुत सी अकेले रहने वाली महिलाओं को पता होता है कि उन्हें चीज़ों को कैसे व्यवस्थित करना है । आप इस बात के लिए उनसे शिकायत नहीं कर सकते क्योंकि इसके बहुत से कारण हो सकते हैं । आप ऐसा नहीं कह सकते कि आप यह काम नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास किसी भी काम को आपसे कराने के बहुत से बहाने होते हैं ।

4-हमारे एक्स बायफ्रैंड हाट थे


अवश्य ही वो मूर्ख थे और इसी कारण आपने उन्हें छोड़ दिया लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो आपसे कम प्यार करती हैं । आप शायद हज़ारों या लाखों में से एक होंगे और इसी कारण आप सबसे अच्छे हैं । हमें बात को थोड़ा बढ़ा चढ़ा कर कहने की आदत होती है ।

5-हम कड़ी प्रतिबद्धता से डरते हैं


सिर्फ इसलिए कि एक लड़की 5 साल की उम्र से ही शादी के सपने देखती है इसका अर्थ यह बिलकुल नहीं है कि उसके जीवन में जो भी पहला लड़का आयेगा वो उसे स्वीकार कर लेगी । हम भी अपनी आज़ादी चाहते हैं । हमें कड़ी प्रतिबद्धता से सभी को डर लगता है और प्रतिबद्धता को लेकर हम बहुत ही सावधान रहते हैं । प्रतिबद्धता के बारे में फार्टिस अस्पताल की साइकैट्रिस्ट डा समीर मलहोत्रा का कहना है कि प्रतिबद्धता दोनों के लिए ही ज़रूरी होती है । आज प्रतिबद्धता के लिए पोषण आवश्यक है

पुरूषों के लिए डेटिंग टिप्स

ऐसा मिथ है कि पुरूषों को डेट पर जाने से पहले कोई तैयारी नहीं करनी पड़ती क्यों कि उनमें इस तरह के गुण शुरूआत में ही आ जाते हैं इसीलिए जब भी पुरूष डेटिंग के लिए जाते हैं उन्हें किसी बात की परवाह नहीं होती लेकिन पुरूषों का ऐसा सोचना गलत है। आजकल पुरूषों को भी डेटिंग टिप्स की खासी जरूरत पड़ती है क्योंकि आजकल की लड़कियां पहले से कहीं अधिक तेज हो चुकी हैं। आइए जानें इस शगल में मशगुल पुरूषों के लिए डेटिंग टिप्स के बारे में।

  • कहते हैं फर्स्टज इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन। ये बात डेटिंग टिप्स के दौरान सबसे पहले लागू होती है।  लड़कियों पर इंप्रेशन ऐसा पड़ना चाहिए कि वे हमेशा इसे याद रख सकें।
  • डेटिंग आमतौर पर एक-दूसरे का जानने, समझने और परखने के लिए की जाती है। इसलिए कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे दोबारा डेट पर जाना संभव न हो।
  • डेट पर जाना हमेशा से ही दिलचस्प अनुभव रहता है। लेकिन आपकी डेट खराब न हो इसके लिए आप कुछ भी बोलने से पहले सावधान रहें।
  • पहली डेट पर ऐसा कुछ भी न करें जिससे आपकी गर्लफ्रेंड के नाराज होने के आसार हो।
  • डेट पर जाते हुए स्मार्ट बनकर जाना जरूरी होता है लेकिन ये जरूरी नहीं कि आप हर समय स्टाइल ही मारते रहें।
  • लड़कियां अक्सर पुरूषों की शक्ल से नहीं अक्ल और व्य्वहार से प्रभावित होती हैं इसलिए सलीके से व्यवहार करना बहुत जरूरी होता है।
  • आपको देखकर ये नहीं लगना चाहिए कि आप बहुत ही उत्साहित हैं और दिलफेंक इंसान हैं।
  • गर्लफ्रेंड के साथ डेट पर अन्य लड़कियों पर कम ध्यान दें और अपनी गर्लफ्रेंड की बातों पर ज्या्दा।
  • उसे कॉम्प्लिमेंट देना न भूलें। लेकिन उसे ऐसा कतई न लगे कि आप उसकी झूठी तारीफ कर रहे हैं। इस बात का ध्यान रखें कि कमेंट और कॉम्पिलमेंट देने में अंतर होता है। पहली मुलाकात में ही आप उसे लाइक करते हैं या तुम बहुत अच्छी हो जैसे कॉम्पिलमेंट कतई नहीं दें। उसकी ड्रेस पर कमेंट बिल्कुल न दें। 
  • डेट पर अपनी गर्लफ्रेंड को बोलने का मौका दें और उसे समझने की कोशिश करें।
  • पहली मुलाकात के तुरंत बाद कॉल न करें और न ही कोई एसएमएस करें। कुछ दिन इंतजार करें जब तक कि कोई जरूरत न हो। अगर देर हो जाए तो उसे उसके घर या उसके आसपास छोडने जरूर जाएं।
  • आप उससे कहें कि आप उसे घर से ही पिक कर लेंगे। इससे उस पर आपका अच्छा इंप्रेशन पड़ेगा। अगर वह कहती है कि वह खुद आ जाएगी, तो आप उस पर बेवजह प्रेशर नहीं डालें। 
  • पहली डेट पर आप अपनी फ्रेंड को वेट बिल्कुल भी न करवाएं। इससे उसे लगेगा कि आपके लिए उसका कोई महत्व नहीं है।
  • आपका वेल ड्रेस्ड होना व प्रजेंटेबल दिखना बेहद जरूरी है। मॉडर्न दिखें। आप ड्रेस जगह को ध्यान में रखकर कैरी करें। आपसे पसीने वगैरह की स्मेल न आए। इसके लिए अच्छा - सा परफ्यूम लगा लें। याद रखें कि वेल ग्रूम्ड लड़के सबकी पसंद होते हैं। आपने अगर लड़की को अपने घर इंवाइट किया है, तो मैनर्स का ध्यान रखें। 
  • आप डेट के दौरान लड़की से हल्की - फुल्की बातचीत शुरू करें। उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आप उसका इंटरव्यू ले रहे हैं। उससे पर्सनल सवाल ज्यादा न पूछें। आप उसकी हॉबीज, लाइक व डिस्लाइक पर बात कर सकते हैं। 
  • आप डेट के दौरान ही उससे पूछें कि क्या वह कंफर्टेबल फील कर रही है। अगर उसे वहां अच्छा नहीं लग रहा है , तो आप उससे कहीं और चलने की सजेशन भी दे सकते हैं। अगर वह मना करती है , तो कोशिश करें कि वह वहीं पर कंफर्टेबल फील करे। 
  • पहली डेट पर ही अतिरिक्त खुलापन दिखाने या खुलने की कोशिश न करें सामने से सिग्नल मिलने का इंतजार करें।
  • गर्लफ्रेंड के अतीत के बारे में भूलकर भी कुछ न पूछे जो भी वह बताएं उसे सहजता से सुनते रहें।
  • गर्लफ्रेंड को पहली ही मुलाकात में किसी अकेले स्थान पर न बुलाएं इससे आपका इंप्रेशन खराब हो सकता है।
  • अपने पार्टनर के साथ अपने मोबाइल फोन को कुछ समय के लिए साइलेंट या बंद कर दें जिससे आपको कोई फोन करके परेशान न करें।
  • पहली ही मुलाकात में बिना जाने गर्लफ्रेंड के लिए किसी भी पेय पदार्थ के लिए ऑफर न करें।

इस तरह के कुड फंडे अपनाकर पुरूष अपनी पहली डेट को सफल बना सकते हैं।

मस्त तरीके प्यार जताने के

कभी कभी कुछ लोग ऐसे अजीब-अजीब से नुस्खे बताते हैं जिसे सुन हंसी रोके नहीं रुकती. अभी कुछ दिन पहले ही मेरा दोस्त मुझे लड़की पटाने के कुछ तरीके बता रहा था. उसके टिप्स सुनकर मेरी तो हंसी रोके नहीं रुक रही थी. प्यार और लड़की पटाने के ऐसे तरीके अगर कोई इस्तेमाल करे तो हो सकता है उसे सफलता मिले लेकिन असावधानी मार भी खिला सकती है. मैंने सोचा थोड़ा आप भी हंसें इसलिए आप भी मजा लीजिए.

लड़की पटाने के मस्त तरीके ( :) काश कि इतना ध्यान आप काम की चीजों को पढ़ने में लगाते :) ):



love tips प्यार में सबसे जरुरी होता है लड़की के मां बाप की नजरों में शरीफ बनना ..तो सबसे पहले जरुरी है जरा उनके सामने भी हीरो वाली इमेज बना कर रखें.

:) दिल का रास्ता जीभ से होकर गुजरता है और लड़कियों की तो जीभ होती ही लंबी है तो क्यों न इसका फायदा उठाया जाए. जब भी उनसे मिले तो बिना खिलाए-पिलाए जाने ही मत दें. ये बात अलग है कि वह हमेशा ना-ना ही करती रहती हैं. और हां गोलगप्पे, चाट आदि उनकी फेवरिट होती है लेकिन उसे खिलाते समय अपनी जेब का ख्याल रखना.

:) तुम जिस लड़की को चाहते हो उसे रोज-रोज हर घंटे प्यार भरे एसएमएस भेजो. उसे बताओ कि तुम उसे कितना चाहते हो और हां उसे पता नहीं चलना चाहिए कि तुम फ्री एसएमएस भेजते हो वरना पटने की जगह दूर हो जाएगी और गालियां पड़ेंगी वह अलग.

:) लड़कियां बहुत इमोशनल होती हैं तो उनके सामने घुटने पर बैठकर यह जताने का कोशिश करो कि जिंदगी में सबसे ज्यादा तुम उसे चाहते हो. और अपनी पूरी जिंदगी उसके लिए न्यौछावर कर सकते हो. यकीन मानो अगर तुमने सही डायलॉग्स का इस्तेमाल किया तो तुम्हारा 75% काम बन ही जाएगा.

:) और हां, लड़कियों को शर्मीले लड़के अच्छे नहीं लगते तो जब भी उनसे मिलो शर्माना बिलकुल नहीं. हमेशा उसकी आंखों में आंखे डाल कर बातें करना और अगर आगे बढ़ने का चांस मिल रहा हो तो मिस मत करो और हमेशा हाथ पकड़कर ही बात करना.

:) उसकी हर अदा की तारीफ करो. चाहे वह तुम्हें अच्छी लगे या न लगे. भई कुछ पाने के लिए कुछ खोना तो पड़ता ही है.

:) जिसे तुम चाहते हो तुम भी उसी की तरह बन जाओ. वो जो खाती हो तुम भी वही खाना शुरु कर दो. उसे जो पसंद हो उसे ही तुम अपनी पसंद बना लो. ऐसा करने से वो तुम पर अपनी जान लुटा देगी.

:) वैसे अगर इन सब के बाद भी आपका काम न बने तो समझ जाओ आपकी प्यार की नैया राम के भरोसे ही है और अगर इन टिप्स की वजह से मार खाओ तो मुझे याद मत करना क्योंकि भईया मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि इन्हें गंभीरता से न लें

मेरे सपनों को समझने वाला


ND
हमारे समाज में अब तक होता यह आया है कि लड़की के सपनों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। सारे सपनों का संसार लड़कों के इर्द-गिर्द ही बुना जाता है, क्योंकि अब तक यह माना जाता रहा है कि उनकी दुनिया ही हकीकत की दुनिया होती है, लड़की के सपने रात के सपनों की तरह हुआ करते हैं, जिनका वजूद रात होते तक ही हुआ करता है, लेकिन अब जबकि समाज में लड़कियों ने भी अपने लिए जगह बनाई है, उनके सपनों ने भी पंख लगाए हैं और वे भी चाहती हैं कि समाज, परिवार, परंपरा और दुनियादारी के नाम पर उनके सपने दफन न हों।

अब शादी के लिए घर-परिवार, पढ़ाई-लिखाई, सूरत-शक्ल, नौकरी-आमदनी और चरित्र देखने के साथ ही लड़कियाँ यह भी देखती हैं कि जिसके साथ उनका जीवन और भविष्य बँधने जा रहा है, क्या वह उनके सपनों को समझेगा? चाहे वे सपने कितने भी छोटे-छोटे क्यों न हों! क्या वह उन्हें पूरा करने के प्रति उतना संवेदनशील होगा?

कि मैं पति के रूप में ऐसा साथी चाहती हूँ, जो पति होने से पहले मेरा दोस्त हो, जो मेरी भावनाओं को समझे। शादी के बाद मेरी प्राथमिकता परिवार व अपने रिश्ते के प्रति ही होगी, लेकिन मैं अपने करियर में भी आगे बढ़ना चाहती हूं तो वह मुझे सहयोग करे, न कि मेरी प्रतिभा को दबाए। मेरी गलती होने पर बेशक वह मुझे बताए। मेरा मानना है कि सफल वैवाहिक जीवन के लिए यह बहुत जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के सपनों को समझें और उन्हें मिलकर पूरा करें। अब लड़कों की तरह लड़कियों के भी अपने सपने होते हैं, जिनके पूरा होने की आशा वे बरसों तक मन में संजोकर रखती हैं। जब पत्नियां अपने पति के सपनों को पूरा करने के लिए जी-जान से कोशिश करती हैं तो पति को भी पत्नी का सहयोग करना चाहिए।

एमसीए की पढ़ाई कर रही पूजा आर्य का ख्वाब है कि मेरा भावी जीवनसाथी भौतिक जरूरतों के साथ मेरी मानसिक रुचि को भी समझे। जैसे कई सालों से मैं सोच रही हूं कि मेरी पर्सनल बड़ी-सी लाइब्रेरी हो। मुझे किताबें पढ़ने का शौक है तो मेरा पति उसे समय की बर्बादी या बेकार का शौक न माने। वह समझे कि किताबें पढ़ने से मेरे मन को शांति मिलती है, मेरे मन को अच्छा लगता है। वे बताती हैं कि मेरी दादीजी की बहुत इच्छा थी कि घर में एक गाय हो, ताकि वे उसकी सेवा कर सकें, लेकिन दादाजी ने कभी उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। उनकी यह आस अधूरी रह जाने की टीस उनके मन में बुढ़ापे तक है।

लड़कियों के लिए 'सपनों का राजकुमार' मिलना आज भी सपना ही है। ज्यादातर लड़कियों को अपनी जिंदगी में कई समझौते और त्याग करना पड़ते हैं। जहां तक लड़कियों के सपनों को समझने की बात है, तो भारतीय समाज में अभी भी पति अपनी पत्नी के लिए खुले दिमाग से नहीं सोच पाते
बातों ही बातों में वे मुझसे अक्सर इस बात का जिक्र करती हैं और इस दौरान उनके चेहरे पर छाई उदासी देखकर मुझे बड़ा खराब लगता है। दादी ने उम्रभर दादाजी का साथ दिया, तो क्या उनका फर्ज नहीं था कि वे भी दादी की इच्छा का सम्मान करें! मैं नहीं चाहती कि मैं अपने मन में कोई आस लिए ही जिंदगी गुजार दूं और बुढ़ापे में ख्वाब पूरा न कर पाने की टीस मेरे मन में रहे, इसलिए मैं ऐसा जीवनसाथी चाहती हूं जो मेरे सपनों को समझे।

फैशन डिजाइनिंग कर चुकीं संस्कृति शर्मा जीवन की हर बात व्यावहारिक धरातल पर सोचती हैं। वे कहती हैं कि निःसंदेह लड़कियां अपने मन में अपने होने वाले पति को लेकर बहुत-से खूबसूरत ख्वाब मन में संजोती हैं। उन्हें लगता है कि उनका पति हर दुख में, हर सुख में उनका साथ देगा। यदि वे पति के लिए हर बात का खयाल रखेंगी तो पति भी उनका खयाल रखेगा, जबकि बहुत कम लड़कियों के साथ ऐसा होता है।

लड़कियों के लिए 'सपनों का राजकुमार' मिलना आज भी सपना ही है। ज्यादातर लड़कियों को अपनी जिंदगी में कई समझौते और त्याग करना पड़ते हैं। जहां तक लड़कियों के सपनों को समझने की बात है, तो भारतीय समाज में अभी भी पति अपनी पत्नी के लिए खुले दिमाग से नहीं सोच पाते हैं।

रचना ने कभी यह तो नहीं सोचा था कि फाईन आर्ट में पीजी करने के बाद वह इसे करियर बनाएगी, लेकिन धीरे-धीरे उसे यह महसूस होने लगा कि पेंटिंग करना उसे खुशी देता है, उसे ऊर्जा से भर देता है। अब जबकि वह शादी करने के बारे में सोच रही है तो उसे ये लगता है कि वह पेंटिंग करती रहेगी। वह चाहती है कि जिस किसी से भी उसकी शादी हो, वह उसके इस शौक को समझे और इसे बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित भी करे और सहयोग भी।

अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि सबसे सफल शादियां वे होती है जिनमें पति-पत्नी दोनों तरक्की करते हैं, दोनों जीवन में आगे बढ़ते हैं। भारतीय समाज में अधिकांशतः अब तक यही होता आया है कि पति अपने करियर और सपनों को लेकर बहुत सजग होते हैं। वे जो सोचते है, उसे पूरा कर लेते हैं और पति के सपनों को पूरा करने में भारतीय पत्नी भी अपना पूरा सहयोग करती रही है।

चाहे उसके लिए उसे अपनी इच्छाओं का दमन क्यों न करना पड़ा हो। लेकिन अब लड़कियां अच्छी शिक्षा और अच्छा रोजगार प्राप्त कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। तो वे भी अपनी अभिलाषाओं को पूरा करने उद्यत हैं। अब वे ऐसा साथी चाहती हैं जो हर कदम पर उनका साथ दे। उनकी छोटी-छोटी ख्वाहिशों का भी जीवन में बड़ा महत्व समझे। पति अब पत्नियों की छोटी-बड़ी ख्वाहिशों को नजरअन्दाज न करें क्योंकि सफल वैवाहिक जीवन के लिए यह जरूरी हो गया है कि दोनों खुश रहें, दोनों तरक्की करें।

Saturday 4 June 2011

मैं परेशान तू मज़े में

जीवन में अनेकों बार ऐसी स्थिति आती है कि हम सोचने लगते है मैं तो परेशान हूँ और दूसरे लोग मजे में हैं और यह सोच हमें हीन भावना से ग्रस्त करते जाता है। मनुष्य के व्यवहार से सम्बन्धित इस विषय पर थॉमस एन्थॉनी हैरिस द्वारा लिखित अंग्रेजी पुस्तक I'm OK, You're OK बहुत ही लोकप्रिय है। यह पुस्तक व्यवहार विश्लेषण (Transactional Analysis) पर आधारित है।

श्री हैरिस की पुस्तक I'm OK, You're OK के अनुसार मनुष्यों के आपसी व्यवहार की चार स्थितियाँ होती है -

मैं मजे में तू मजे में (I'm OK, You're OK)
मैं मजे में तू परेशान (I'm OK, You're not OK)
मैं परेशान तू मजे में (I'm not OK, You're OK)
मैं परेशान तू परेशान (I'm not OK, You're not OK)

उपरोक्त परिस्थितियाँ किन्हीं भी दो लोगों के बीच हो सकती हैं चाहे वे पति-पत्नी हों, भाई-भाई हों, बाप-बेटे हों, अफसर-कर्मचारी हों, यानी कि उनके बीच चाहे जैसा भी आपसी सम्बन्ध हों। देखा जाये तो पहली स्थिति आदर्श स्थिति है और चौथी सबसे खराब। मनुष्य के जीवन में आदर्श स्थिति कभी कभार ही आ पाती है और सबसे खराब स्थिति भी कभी-कभी आती है किन्तु दूसरी तथा तीसरी स्थिति संपूर्ण जीवन में बनी रहती है।

श्री हैरिस की पुस्तक इसी बात का विश्लेषण करती है कि उपरोक्त व्यवहारिक स्थितियाँ क्यों बनती हैं। उनका सिद्धांत बताता है कि मनुष्य निम्न तीन प्रकार से सोच-विचार किया करता है:

बचकाने ढंग से (Child): इस प्रकार के सोच-विचार पर मनुष्य की आन्तरिक भावनाएँ तथा कल्पनाएँ हावी रहती है (dominated by feelings)। आकाश में उड़ने की सोचना इसका एक उदाहरण है।

पालक के ढंग से (Parent): यह वो सोच-विचार होता है जिसे कि मनुष्य ने बचपने में अपने पालकों से सीखा होता है (unfiltered; taken as truths)। 'सम्भल के स्कूल जाना', 'दायें बायें देखकर सड़क पार करना' आदि वाक्य बच्चों को कहना इस प्रकार के सोच के उदाहरण है।

वयस्क ढंग से (Adult): बुद्धिमत्तापूर्ण तथा तर्कसंगत सोच वयस्क ढंग का सोच होता है (reasoning, logical)। सोच-विचार करने का यही सबसे सही तरीका है।

हमारे सोच-विचार करने के ढंग के कारण ही हमारे व्यवहार बनते है। जब दो व्यक्ति वयस्क ढंग से सोच-विचार करके व्यवहार करते है तो ही दोनों की संतुष्टि प्रदान करने वाला व्यवहार होता है जो कि "मैं मजे में तू मजे में (I'm OK, You're OK)" वाली स्थिति होती है। जब दो व्यक्तियों में से एक वयस्क ढंग से सोच-विचार करके तथा दूसरा बचकाने अथवा पालक ढंग से सोच-विचार करके व्यवहार करते है तो "मैं मजे में तू परेशान (I'm OK, You're not OK)" या "मैं परेशान तू मजे में (I'm not OK, You're OK)" वाली स्थिति बनती है। किन्तु जब दो व्यक्ति बचकाने या पालक ढंग से सोच-विचार करके व्यवहार करते है तो "मैं परेशान तू परेशान (I'm not OK, You're not OK)" वाली स्थिति बनती है।

उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर व्यवहार करने से ही सभी की संतुष्टि हो सकती है।