Thursday 9 June 2011

बातें जो महिलाएं पुरूषों को नहीं बतातीं


बातें जो महिलाएं पुरूषों को नहीं बतातींबहुत से ऐसे पुरूष हैं जो यह जानना चाहते हैं कि महिलाएं वास्तव में क्या चाहती हैं । ऐसा कौन सा गिफ्ट हो सकता है, जो उन्हें आकर्षित करे या वो ऐसा क्या करें कि वो अपनी प्रेमिका का दिल जीत सकें। महिलाओं के लिए यह गर्व का विषय होता है जबकि उनकी बातों को कोई बिना कहे समझ जाये।

1- महिलाओं की बातें


पुरूष बातें करना कम पसंद करते हैं और वो इस बाते से भी इनकार नहीं कर सकते कि महिलाए उन्हें कहीं ज्यादा समझती हैं । महिलाएं अकसर बातें करना पसंद करती हैं, वो बहुत सी बातें एक दूसरे से बांटती हैं और उनके लिए एक दूसरे से जुड़ने का यह एक अच्छा माध्यम होता है ।

2- हम अपनी मां जैसा कहलाना पसंद नहीं करते


इस बात को गलत ना समझें लेकिन यह सच है सभी महिलाएं अपनी मां से बहुत प्यार करती हैं लेकिन वो यह सुनना पसंद नहीं करतीं कि वो अपनी मां जैसा खाना बनाती हैं या ऐसी तारीफ मां पूरी दुनिया में सबसे अच्छी होती है । वो अच्छा खाना बनाना जानती है और बच्चों को खुश रखना भी जानती है । पृथ्वी पर रहने वाले जीवों में सबसे अच्छा व्यक्तित्‍व होता है मां का । लेकिन फिर भी महिलांए अपनी मां जैसा बनना नहीं चाहतीं । तो उन्हें यह बात सबसे बुरी लग सकती है कि वो अपनी मां की तरह दिख रही हैं ।

3- कुछ तय बातें


महिलांए यह जानती हैं कि चीज़ों को कैसे व्यवस्थित करना है । स्क्रूडाइवर से ड्रिल तक उन्हें पता होता है कि आपके टूल बाक्स में मौजूद चीज़ों का इस्तेमाल कैसे करना है । बहुत सी अकेले रहने वाली महिलाओं को पता होता है कि उन्हें चीज़ों को कैसे व्यवस्थित करना है । आप इस बात के लिए उनसे शिकायत नहीं कर सकते क्योंकि इसके बहुत से कारण हो सकते हैं । आप ऐसा नहीं कह सकते कि आप यह काम नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास किसी भी काम को आपसे कराने के बहुत से बहाने होते हैं ।

4-हमारे एक्स बायफ्रैंड हाट थे


अवश्य ही वो मूर्ख थे और इसी कारण आपने उन्हें छोड़ दिया लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो आपसे कम प्यार करती हैं । आप शायद हज़ारों या लाखों में से एक होंगे और इसी कारण आप सबसे अच्छे हैं । हमें बात को थोड़ा बढ़ा चढ़ा कर कहने की आदत होती है ।

5-हम कड़ी प्रतिबद्धता से डरते हैं


सिर्फ इसलिए कि एक लड़की 5 साल की उम्र से ही शादी के सपने देखती है इसका अर्थ यह बिलकुल नहीं है कि उसके जीवन में जो भी पहला लड़का आयेगा वो उसे स्वीकार कर लेगी । हम भी अपनी आज़ादी चाहते हैं । हमें कड़ी प्रतिबद्धता से सभी को डर लगता है और प्रतिबद्धता को लेकर हम बहुत ही सावधान रहते हैं । प्रतिबद्धता के बारे में फार्टिस अस्पताल की साइकैट्रिस्ट डा समीर मलहोत्रा का कहना है कि प्रतिबद्धता दोनों के लिए ही ज़रूरी होती है । आज प्रतिबद्धता के लिए पोषण आवश्यक है

No comments:

Post a Comment