दोस्ती(Friendship) का धागा बहुत ही नाजुक होता है. जरा सा भार पड़ा नहीं कि अच्छे अच्छे बिछुड़ जाते है. बचपन की दोस्ती को ही ले लीजिए. मैंने और आपने कितने दोस्तों से हमेशा साथ रहने की बात की थी लेकिन क्या अब वह सभी दोस्त(Friend) साथ हैं, नहीं ना. कहां गए वह दोस्त क्या किसी भीड़ में खो गए है या हमसे बहुत दूर चले गए. बचपन(Childhood) में दोस्त तो बहुत जल्दी बन जाते थे पर अब दोस्त बनाने थोड़ा मुश्किल हो गया है. और दोस्त बनाने के बाद भी आराम नही मिलता दोस्ती आगे बढ़ाने के लिए भी काफी बेलन बेलने पड़ते है. आइयें कुछेक ट्रिक और टिप्स(Tips) के जरिए दोस्ती के जोड़ में फेविकॉल का दम लगाएं.
ऑनेस्टी(Honesty)
दोस्ती में ऑनेस्टी सबसे बड़ा मूल्य है। यदि फ्रैंडशिप (Friendship) में ऑनेस्टी होगी तो यह ज्यादा मजबूत होगी। कई बार देखा गया है कि ऑनेस्टी न होने के कारण ही कॉलेजेस में कई अच्छी दोस्ती टूट जाती हैं और जिंदगी में हमेशा के लिए एक कड़वा स्वाद दे जाती है। कई स्टूडेंट इस अनुभव को जिंदगीभर नहीं भूल पाते हैं। इसलिए अपने दोस्त के प्रति ईमानदार रहें।
लव एंड केयर(Love and Care)
दोस्ती में प्यार-मोहब्बत(Love and Relationshi) न हो तो मजा ही क्या है। लेकिन प्यार-मोहब्बत का मतलब किसी तरह का स्वार्थ नहीं होता। यह किसी मतलब से नहीं की जाती और न ही इसके जरिए कोई मतलब हासिल किया जाता है। इसमें तो एक-दूसरे के प्रति लव एंड केयर(Love and Care) की भावना होती है। एक-दूसरे का ध्यान रखा जाता है, एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का ध्यान रखा जाता है।
अंडरस्टैंडिंग
यदि प्यार-मोहब्बत(Love) हो और अंडरस्टैंडिंग न हो तो भी बात नहीं बनती। कई बार दोस्तों में दरार आ जाती है और दोस्ती टूट जाती है। इसका एक बड़ा कारण होता है अंडरस्टैंडिंग की कमी। यदि दो दोस्तों के बीच बेहतर अंडरस्टैंडिंग होगी तो यह ज्यादा मजबूत होगी। अपने दोस्त को बेहतर ढंग से जानने-समझने की कोशिश करेंगे, तो गलतफहमियाँ पैदा नहीं होंगी।
रिस्पेक्ट
कई बार मौज और मस्ती के मूड में, जोश और जुनून में दोस्त अपने दोस्तों से ऐसी मजाक कर बैठते हैं, जो उन्हें नागवार गुजरता है। उन्हें इंसल्टिंग फील होता है। इसलिए यह ध्यान रखें कि आपका कितना भी अच्छा फ्रैंड हो, आपके कितने भी बेतकल्लुफ रिश्ते हों लेकिन वह आपसे चाहता है कि आप उसका रिस्पेक्ट करें। अक्सर दोस्त यह भूल जाते हैं। दोस्तों का रिस्पेक्ट करें।
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