Saturday 30 July 2011

फ्लर्टिंग में लिमिट्स हैं जरूरी

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किसी इंसान के फ्लर्ट या छेड़खानी करने और सेक्शुअली अटैक करने में काफी फर्क होता है। अक्सर लोग इसका सही अंदाजा नहीं लगा पाते और नतीजा होती हैं इमेज खराब करने वाली कंट्रोवर्सीज। आइए, एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि फ्लर्टिंग में कहां लाइन खींचने की जरूरत है :

किसी से मिलने-जुलने और हेल्दी फ्लर्टिंग में हालांकि कोई बुराई नहीं है, लेकिन बिहेवियर की लिमिट्स जानना जरूरी है। दरअसल, छेड़खानी या फ्लर्टिंग का मतलब सिर्फ बोलकर छेड़ना या फिर हंसी-मजाक करने तक ही सीमित है।

खास बात यह है कि इसमें दोनों पार्टियां एंजॉय करती हैं। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ऐसी बातों के दौरान कब किसकी नीयत बदल जाए।

पिछले कुछ दिनों से चर्चा में चल रहे फ्रांस के प्रेजिडेंशल कैंडिडेट और इंटरनैशनल मोनेट्री फंड के हेड डोमिनिक स्ट्रास कान को ही लें। वह न्यू यॉर्क की एक होटेल मेड के साथ रेप की कोशिश के बाद सुर्खियों में हैं।

हालांकि अभी यह पता नहीं लग पाया है कि कान ने वाकई गलती की थी या फिर वह पॉलिटिक्स के शिकार हो गए हैं। लेकिन इस घटना के बाद यह मुद्दा जरूर उभर कर आया है कि ऐसी कंट्रोवर्सीज से बचने के लिए सामने वाले के व्यवहार को परखना और खुद का बिहेवियर बैलेंस्ड रखना जरूरी है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्सर किसी व्यक्ति की गलत हरकतों को छेड़खानी समझकर इग्नोर कर दिया जाता है, जबकि दोनों चीजों में काफी फर्क है। अगर समय रहते इन्हें चेक न किया जाए, तो वह डेकोरम छोड़कर सेक्शुअल अटैक पर भी आ सकता है।

देखने में आया है कि जो लोग लगातार फ्लर्ट या छेड़खानी करते रहते हैं, उनमें सेक्शुअल अटैक की इच्छाएं पनपने लगती हैं।

क्रॉस द लाइन
सायकायट्रिस्ट डॉ. हरीश शेट्टी कहते हैं कि संभावित सेक्शुअल असॉल्टर को पहचानने के लिए आपको कुछ खास चीजों का ख्याल रखना होगा। वह शुरुआत में एकदम हमला करने की बजाय डबल मीनिंग बातें करेगा। बकौल डॉ. शेट्टी, 'आप उसे जितनी जल्दी पहचान लेंगे उतना अच्छा होगा। ऐसा इंसान अपनी असली इच्छा जाहिर करने की बजाय आपसे मिलने के बहाने ढूंढेगा।

मसलन वह आपसे कहेगा कि मेरी गर्लफ्रेंड या वाइफ बेहद बोरिंग है, अगर तुम साथ आ जाओ तो मजा आ जाएगा या फिर मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ आता हूं या मैं तुम्हारे लिए हमेशा तैयार हूं।'

यानी अगर कोई आपसे अचानक इस तरह की बातें करने लगे, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। इस दौरान वह फ्लर्ट नहीं, बल्कि आपके साथ कुछ और करने की सोच रहा है। ऐसे में इंसान की बॉडी लैंग्वेज भी बदल जाती है। इसलिए आपको भी आने वाले खतरे का अंदाजा हो जाना चाहिए। अगर कोई मजाक में या किसी और बहाने से बार-बार आपको टच करने की कोशिश कर रहा है, तो आपको उसके खतरनाक इरादों को फौरन भांप जाना चाहिए।

पावरफुल से संभलकर
खासकर ऊंची पोजिशन वाले लोग ऐसी हरकतें करने में कतई नहीं हिचकिचाते। शेट्टी पंजाब पुलिस के एक्स डीजीपी केपीएस गिल का उदाहरण देते हैं। वह बताते हैं, 'उन्होंने एक पार्टी में सीनियर आईएएस ऑफिसर रुपेन देओल के साथ मिसबिहेव किया। रुपेन ने उनके खिलाफ केस कर दिया और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने गिल को सजा दी।'

दरअसल, ऊंची पोजिशन पर बैठे लोग अक्सर यही सोचते हैं कि उनके जूनियर उनकी बदतमीजी सहन कर लेंगे और शिकायत नहीं करेंगे, इसलिए उन पर हाथ डालना आसान है। इसी वजह से वे उनसे बिना हिचक गलत व्यवहार कर बैठते हैं। अगर आपका सीनियर आपको जरा भी गलत नजर से देखता है या फिर ऐसी कोई कोशिश करता है, तो आप सावधान हो जाएं और सीनियर ऑफिसर्स से उसकी कंप्लेंट करें।

ऑफिस डेकोरम
ऑफिसों में सेक्शुअल हरासमेंट काफी कॉमन है। यहां सामने वाला आपकी ड्रेस को लेकर कॉमेंट से लेकर आपके बॉडी पार्ट्स से छेड़खानी तक कुछ भी कर सकता है। एचआर कंसलटेंट शिशिर दवे कहते हैं, 'कलीग्स के बीच इतना मजाक ठीक है कि उससे किसी को नुकसान न हो, लेकिन अगर कोई किसी को लगातार टारगेट करे और सेक्शुअल डिमांड करे, तो यह बर्दाश्त के बाहर होगा। भले ही ऑफिस में आपको कोई कुछ नहीं कहता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप बेलगाम हो जाएं। आखिरकार ऑफिस में आपसे एक प्रफेशनल डेकोरम की उम्मीद की जाती है।'

फिर होता है एक्शन
हालांकि कई बार लोग ऐसे रिमार्क कर देते हैं, जो वे करना नहीं चाहते या उनकी वैसा कुछ कहने की उनकी मंशा नहीं होती। ऐसे में एचआर और सेंसिटिव एंप्लॉई इस बात का ख्याल रखते हैं कि एक गलत हरकत से किसी को नुकसान न हो। हालांकि अगर कोई एंप्लॉई लगातार ऐसा कर रहा है, तो उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। बकौल दवे, 'अगर कोई लगातार उलटी-सीधी हरकतें कर रहा है, तो उसे मेमो जारी किया जाता है। और अगर किसी ने फिजिकली छेड़छाड़ की है, तो उसे तुरंत बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। खासकर कॉल सेंटर्स में ज्यादातर एंप्लॉइज ऐसे होते हैं, जो कॉलेज से निकल कर सीधा ऑफिस जॉइन कर लेते हैं। ऐसे में उनका काफी ध्यान रखना होता है। तभी उन्हें साफतौर पर बता दिया जाता है कि आपका बॉस फ्रेंडली जरूर है, लेकिन फ्रेंड नहीं।'

यानी मतलब साफ है कि आपको अपने व्यवहार के साथ दूसरे के बिहेवियर की लिमिट्स भी पता होनी चाहिए। अगर आपने किसी बात के लिए एक बार ना कर दिया है, तो उसे कभी हां में ना बदलें। फ्लर्टिंग हेल्दी लिमिट्स तक ही ठीक है, क्योंकि इसके बाद अनवॉन्टेड सिचुएशंस का जाल बिछने लगता है

Thursday 28 July 2011

ब्लाइंड डेट

आजकल का दौर डेटिंग का है। आज का युवा वर्ग डेटिंग के जरिए अपने होने वाले हमसफर के बारे में सबकुछ जान-समझ लेना चाहता है। आज कल के युगल जोड़ों में डेटिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इन सबमें एक नया ट्रेंड दिखाई पड़ रहा है और वह है ब्लाइंड डेट। ब्लाइंड डेट यानी अनजान लड़के या लड़की से मिलना। आजकल ब्लाइंड डेट का बढ़ता क्रेज युवाओं को आपस में जोड़ रहा है। ब्लाइंड डेट में लड़का-लड़की पहली बार डेट पर जाते हैं लेकिन वे उनके बारे में कुछ भी नहीं जानते। ब्लाइंड डेट दोस्तों के द्वारा भी अरेंज करवाई जाती हैं। हालांकि कुछ ब्लाइंड डेट्रस इंटरनेट चैटिंग, ऑनलाइन के जरिए, फोन या अन्य माध्यमों से भी आयोजित की जाती है। आइए जानें ब्लाइंड डेट के तथ्यों के बारे में।
  • ब्ला‍इंड डेट में अक्सर खतरा रहता है क्योंकि डेट पर जाने वाले दोनों ही व्यक्ति एक-दूसरे के बारे में एकदम अंजान है। दोनों अजनबी है लेकिन ब्लाइंड डेट के माध्यम से दोस्ती की पहल करने जा रहे है।
  • ब्लाइंड डेट परिवार के किसी सदस्य, दोस्तो या अन्य माध्यमों से आयोजित करवाई जाती है, ऐसे में कोई आपके साथ मजाक भी कर सकता है या फिर अपना बदला भी ले सकता है। ब्लाइंड डेट आमतौर पर भरोसमंद नहीं होती।
  • ब्लाइंड डेट के दौरान मिलने वाले दोनों लोगों के मन में डर और तनाव होता है और उन्हें कई सवाल एक साथ घेरे रहते हैं कि वह जिस व्यक्ति से मिलने जा रहे हैं आखिरकार वो होगा कैसा, वह कैसा दिखता होगा, वगैरह-वगैरह।
  • ये समझना मुश्किल होता है कि ब्लाइंड डेट सफल होगी न नहीं, क्योंकि यह मिलने वाले दोनों व्यक्तियों पर निर्भर करती है।
  • ब्लाइंड डेट भरोसेमंद नहीं होती, न ही इसे सुरक्षित डेट कहा जा सकता है।
  • हालांकि बहुत से लोग ब्लाइंड डेट को अच्छा  नहीं मानते लेकिन कुछ लोगों की नजरों में ब्लाइंड डेट का मजा ही कुछ और होता है।
  • ब्लाइंड डेट में पहले से सब तय होता है कि कहां मिलना है, कब मिलना है लेकिन जिन दो लोगों को मिलना है सिर्फ वही एक-दूसरे से अंजान होते है।
  • ब्लाइंड डेट में जाने से पहले कोशिश करनी चाहिए कि आप जिस व्यक्ति के साथ जा रहे हैं उसके बारे में पहले से उस व्यक्ति के बारे में कुछ जानकारी हासिल कर लें।
  • बहरहाल, ब्लाइंड डेट सफल हो या न हो लेकिन जीवन में रोमांच करने और कुछ अच्छे पल बिताने के लिए बहुत दिलचस्प चीज है।
  • कई बार ब्लाइंड डेट के माध्यम से दोनों व्यक्ति में इतनी गहरी दोस्ती हो जाती है कि वह जीवनभर चलती है।
ब्लाइंड डेट पर चाहे आप मौज मस्ती के नजरिए से जा रहे हो लेकिन कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। आप अपने किसी दोस्तं या विश्वासपात्र को बता कर जाएं कि आप कहां जा रहे हैं। लगातर अपने उस साथी के संपर्क में रहें और ब्लाइंड डेट पर बहुत ज्यादा खुलापन न दिखाएं।

नये संबंधों के 10 टिप्स

boy and girlचाहे समाज कितनी ही तरक्की क्यों  न कर लें लेकिन समाज रिश्तों पर ही टिका है और ये रिश्ते ही जीवन की बुनियाद हैं। आज कितने ही रिश्तें बनते-बिगड़ते है और यही प्रकृति का नियम भी है। लेकिन रिश्तों में शारीरिक संबंध ही महत्वपूर्ण नहीं बल्कि रिश्तों का बुनियादी ढांचा सामंजस्यतपूर्ण संबंधों पर टिका है। किसी भी नए संबंध में रोमांस होना जरूरी है। आइए जानते हैं नए संबंधों के 10 टिप्स कौन-कौन से हैं। किन टिप्स को आजमाकर आप अपने नए संबंधों को खुशहाल बना सकते हैं।

  • नए संबंधों के दौरान अपनी व्‍यक्तित्‍व को रहस्यमय बनाए रखें। अपने नए साथी से एकदम से अपने बारे में सब कुछ न बता दें। बल्कि धीरे-धीरे उसे आपके बारे में जानने का मौका दें।
  • किसी भी संबंध की शुरूआत झूठ से नहीं होनी चाहिए इसीलिए नए रिश्ते की शुरूआत झूठ से न करें।
  • आरंभ में अपने साथी को अपनी बातों का विश्वास दिलाएं। वह जो भी अपने बारे में बता रहा है उस पर अविश्वास न जताएं और उसे भरोसा दिलाने की कोशिश करें कि आप उस पर पूरा विश्वास करते हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि अंधविश्वास करें।
  • रोमांटिक लाइफ जीने के लिए अपने साथी के साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करें जिससे आप उसे जान पाएं।
  • आपस में सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाने के लिए दोनों एक-दूसरे की पसंद-नापंसद तलाशने की कोशिश करें। जिसमें पहले एक-दूसरे की अच्छाइयों को जानें।
  • यदि आपके पार्टनर में कोई बुराई है तो उसे इस बात के लिए बार-बार ताने न दें बल्कि उसकी उस कमजोरी या बुराई को धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करें।
  • एक-दूसरे की महत्वकांक्षाएं और सपनों को जानने की करें और उन्हें लगतार प्रोत्साहन भी देते रहें।
  • नए संबंधो में जरूरी हो जाता है कि आप अपने साथी की प्राथमिकताओं को जानें। वह किस चीज पर अधिक ध्यान देता है। अपने कैरियर पर, दोस्तों पर या आपसी रिश्तों पर। उसके लिए जीवन में क्या चीज अहम है।
  • यदि आपको अपने पार्टनर की कुछ खूबियां अच्छी लगती है तो उन्हें अपनाने की कोशिश करें व साथी की तारीफ करने से भी न चूके।
  • शुरूआत में शारीरिक संबंध बनाने की न सोचे। पहले मानसिक और भावनात्मक रूप से अपने साथी से जुड़े और उसे समझे।

इन दस टिप्स को आजमाकर आप न सिर्फ आप खुशहाल जीवन जी सकते हैं बल्कि एक रोमांटिक लाइफ का मजा भी ले सकते हैं।

संबंधों को रोचक कैसे बनायें

किसी भी रिश्ते को लंबे समय तक चलाने के लिए यह जरूरी है कि उसमें नीरसता न आने दी जाए। इसके लिए जरूरी है समय-समय पर रिश्तों में रोमांच लाना। लंबे समय तक रूटीनवर्क में रहने के कारण हमारी जीवनशैली में थोडी नीरसता आ जाती है और हमारे संबंधों में भी। यदि आपके रिश्तों में नीरसता आ रही है तो समझें ले कि आपको संबंधों को रोचक बनाने की जरूरत है। रोचक घटनाओं को निरंतर जीवन में जगह दें। कभी-कभार ऐसे अनअपेक्षित काम कर दें जिससे आपके साथी की नाराजगी भी दूर और जाए और रिश्तों में ताजगी भी बरकरार रहे। प्रतिदिन के संबंधों में कुछ नयापन लेकर आएं। आइए जानें संबंधों को कैसे रोचक बनाया जा सकता है।

  • खुश रहने के लिए जरूरी है कि कभी-कभी ऐसे काम किए जाएं जो आपने कभी किए न हो।
  • कभी अगर आपको ख्याल आता है कि आपने बहुत दिनों से अपने साथी के साथ मिलकर कुछ रोमांच नहीं किया है, तो अपने संबंधों को तरोताजा करने के लिए आप वह काम कर सकते हैं जिसकी आपके साथी ने कभी उम्मीद न की हो।
  • ऑफिस से घर जल्दी पहुंचकर न सिर्फ अपने साथी को चौंका सकते हैं बल्कि बाहर घूमने की योजना बनाकर अपने साथी को खुश कर सकते हैं।
  • आपनी बातों में आ रही बोरियत को दूर करें और अपनी बातों को दिलचस्प बनायें। जिससे आपका साथी आपकी बातों में रूचि ले और उत्साह से बातचीत में अपनी भागीदारी भी दिखाएं।
  • अपने दिन प्रतिदिन के संबंधों में कुछ न कुछ उतार-चढ़ाव लाते रहे जिससे संबंधों में ताजगी बनी रहें।
  • अपने साथी से जबरन शारीरिक संबंध न बनाएं, बल्कि ऐसा माहौल तैयार करें कि आपका साथी खुद-ब-खुद सेक्‍स के लिए तैयार हो जाएं।
  • कभी कभार घर के बाहर खाने की योजना बनाएं और साथ ही कोई रोमांटिक फिल्म देखने जाएं।
  • समय-समय पर एडवेंचर करते रहें और समय मिलते ही डेटिंग भी करें।
  • संबंधों को रोचक बनाने के लिए कभी कैंडल लाइट डिनर किया जा सकता है तो कभी अपने साथी को ऐसी दिलचस्प  बाते बताई जा सकती हैं जो आपने कभी नहीं बताईं।
  • कभी-कभी कुछ रोचक खेल जिसमें दोनों के संबंधों में प्रगाढ़ता आती हो, खेलें जा सकते हैं या फिर किसी ऐसे व्यक्ति के साथ मिलकर समय गुजारा जा सकता है, जिसके मिलने से दोनों को ही खुशी मिलती हो।
कहने का अर्थ है कि संबंधों को रोचक बनाने के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत नहीं होती। जरूरत है तो सिर्फ थोड़ा सा समय निकालने की और उस समय को अच्छे ढंग से व्यतीत करने की।

भावनात्मक असुरक्षा के लक्षण


स्लिम होना है तो डायटिंग नहीं व्यायाम भी करो

Girl doing execriseमोटापे से हर व्‍यक्‍ित स्लिम फिगर के साथ ही फिट बॉडी भी पाना चाहता है। ऐसे में आपको अपने आपको हेल्दी रखना होगा यानी आप हेल्दी है तो फिट है। मोटापा घटाने के लिए केवल डायटिंग तनावपूर्ण हो सकती हैं,इसीलिए स्लिम रहने के लिए आपको कुछ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। वैसे आप आउटडोर खेल खेलकर भी अपना वजन कम कर सकते हैं लेकिन आपको खेलना पसंद नहीं है तो आप व्यायाम कर सकते हैं। आइए जानें स्लिम होने के लिए क्या-क्या करना चाहिए।

  • वजन कम करने के लिए सिर्फ डायटिंग करने से ही काम नहीं चलता बल्कि जरूरी है कि आप स्लिम होने के लिए कोई भी शॉर्टकट अपनाए बिना एक्सपर्ट की सलाह लें।
  • डायटिंग करके वजन कम करने के बजाय आपको स्लिम रहने के लिए एक खास किस्म की डाइट लेनी होती है,ऐसे में आप डायटिंग से भी बचेंगे और स्वस्थ भी रहेंगे।
  • वज़न कम करने के लिए सिर्फ डायट ही काफी नहीं है। बल्कि व्यायाम और एक्सरसाइज भी उतनी ही ज़रूरी होती हैं। इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि आपको कब और कैसे, कितनी देर तक व्यायाम करना है।
  • व्यायाम करना वैसे भी स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक हैं ऐसे में आप अगर अपना वजन कम करना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर व्यायाम करना जरूरी हैं। आपको अपनी डाइट में परिवर्तन लाना तो जरूरी है ही साथ ही प्रतिदिन व्यायाम करना भी जरूरी है।
  • प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें और कम से कम10 से 12 ग्लास पानी पिएं।
  • जब भी चलें, तेज-तेज कदमों से चलें। कम से कम 30 मिनट तक गहरी सांसे भरते हुए तेज़ कदमों से चलें।
  • खाना खाने के तुंरत बाद बैठे या सोएं नहीं बल्कि थोड़ी देर टहलें और अगर खाना खाने के बाद टहलना संभव न हो तो वज्रासन में बैठें।
  • व्यायाम को एक काम या बोझ की तरह न लें। बल्कि इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यदि जिम न जा सकें तो घर में ही हल्का-फुल्का व्यायाम करें या फिर एरोबिक्स ज्वाइन करें।
  • गलत व्यायाम करने से अथवा गलत ढंग से करने पर व्यायाम का असर बुरा हो सकता है। कभी-कभी बात गंभीर भी हो सकती है। इसलिए व्यायाम शुरू करने से पूर्व फिटनेस एक्सपर्ट, ट्रेनर की सलाह लें। 
  • व्यस्त रहना भी स्लिम होने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। आखिर काम करते-करते ज्यादा खाना तो नहीं खाया जा सकता। हां, खाली बैठे भोजन का ख्याल जरूर दिमाग में बार-बार आ सकता है।
अपनी जीवनशैली को योजनाबद्घ तरीके से सुचारू ढंग से चलाएं जिससे आप स्वस्थ , हेल्दी और फिट रह सकें।

Tuesday 26 July 2011

रिश्तों को रखे जवां

loving couple
(pic: Gettyimages.com)
कई बार छोटी -छोटी बातों की वजह से रिलेशनशिप में बड़ी दरार आ जाती है। अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें, तो आपकी रिलेशनशिप हमेशा जवां रहेगी।

स्ट्रॉन्ग हो रिलेशनशिप
किसी भी रिलेशनशिप को बनाए रखने के लिए कम्यूनिकेशन के साथ- साथ समय देना भी बेहद जरूरी है। जरूरी नहीं कि आप इसके लिए बहुत ज्यादा समय निकालें, केवल कुछ मिनट का क्वॉलिटी टाइम ही आपकी रिलेशनशिप को मजबूती देने के लिए काफी है।

जारी रहे लेन-देन
कोई भी रिलेशनशिप एकतरफा चला पाना नामुमकिन है। एक बात मानकर चालिए कि जितना आप देंगे, उतना ही आपको अपने पार्टनर से मिलेगा। रिलेशनशिप में ऐसा लंबे समय तक चलना नामुमकिन है कि आपका पार्टनर तो आपको काफी रिस्पॉन्स दे रहा है, लेकिन आप उसके लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। आपसी प्यार को बनाए रखने के लिए आपको अपने पार्टनर से जितना मिल रहा है, उसे उससे ज्यादा लौटाने की कोशिश करें।

क्वॉलिटी टाइम
किसी भी संबंध को निभाने के लिए बहुत ज्यादा समय देने की जरूरत नहीं होती। कई कपल्स घंटों साथ समय बिताते हैं, लेकिन जब बात आपसी प्यार की होती है, तो वह उनके बीच बिल्कुल नहीं होता। एक बात का ध्यान रखें कि हर सक्सेसफुल रिलेशनशिप समझौते पर टिकी होती है, जिसमें दोनों की समझदारी व रिश्ते के प्रति रिस्पेक्ट बेहद काम आती है। एकतरफा प्यार रिलेशनशिप को ज्यादा दिन तक नहीं चला सकता। आपके संबंध होने चाहिए, जिसमें आप दोनों लोग कम्फर्ट व सेफ महसूस करें।

स्माइल जरूरी है
आपके रिश्ते में चाहे कितने भी डिफरेंस आ जाएं, लेकिन अपने पार्टनर को स्माइल देना न भूलें। स्माइल से आप कितनी भी खराब रिलेशनशिप में सुधार ला सकते हैं। यह एक ऐसा इंडिकेशन है, जो अच्छी फीलिंग्स को रिफ्लेक्ट करता है और आपके तनाव भरे संबंधों में ताजगी लाता है। इसलिए भले ही आप एक- दूसरे को समय न दें, बात न करें, लेकिन बीच- बीच में स्माइल जरूर देते रहें। यह आप दोनों के बीच नजदीकी लाने का काम करती है।

न करें तारीफ का इंतजार
कई बार लोग अपने पार्टनर से इस बात पर भी खफा रहते हैं कि वह उनकी तारीफ नहीं करता। अपनी तारीफ सुनने के लिए पार्टनर का इंतजार न करें। अपनी अच्छी बात उन्हें बताएं और उस बारे में उनकी राय जानें। इसी तरह अगर आपको अपने पार्टनर की कोई बात पसंद आती है, तो उन्हें यह बात बताना न भूलें। इस तरह आपके संबंधों में नजदीकी आएगी।

Thursday 21 July 2011

प्यार के फंडे

स्कू ल में किताबों के पाठ याद रहे हों या नहीं लेकिन पे्रम के पाठ को याद रखना जरूरी है। हंसती-गाती जिंदगी के लिए पे्रमग्रंथ के पाठ याद रखना भी जरूरी है। इन पाठों को पढने के बाद पति-पत्नी के रिश्ते और भी मजबूत होंगे। इतना ही नहीं,एक-दूसरे के बारे में पैदा होने वाली गलतफहमियों से भी निजात मिलेगी।
1. दूरी से बढता है प्यार
पास रहने से प्यार बढता है और दूर रहने से प्यार कम होता है। ऎसी आम धारणा है। लेकिन  कभी-कभी दूरी से भी प्यार बढता है। कई ऎसे पति-पत्नी हैं,जो पढाई और नौकरी के सिलसिलें में अलग-अलग स्थानों पर रहते हैं। दिनों या महीनों बाद मिलने पर ऎसे जोडे एक-दूजे पर खूब लाड-प्यार दिखाना चाहते हैं। ये किसी भी बात पर एक-दूसरे की गलतियों को बताने के लिए भी मीठी बोली का सहारा लेते हैं,लेकिन ऎसे कपल के बीच खटपट की संभावना काफी अधिक होती है,जिनका ज्यादातर समय एक साथ गुजरता है। इसलिए महीने 2 महीने में एक बार कुछ दिनों के लिए एक-दूसरे से अलग रह कर देखें। हर बार आपके बीच का प्यार बढता ही जाएगा।
2. कम्युनिकेशन
जब आपसी रिश्तों में बातचीत से ज्यादा खामोशी आ जाती है,तो सावधान हो जाएं। कम्युनिकेशन में किसी किस्म की रूकावट रिश्तों में कडवाहट पैदा कर सकती है। ऎसा हर रिश्ते के साथ होता है। लेकिन कम्युनिकेशन का मतलब चौबीसों घंटे बकबक करने से नहीं है। हल्की-फुल्की बातचीत या 3-5 शब्दों में भेजे गए एसएमएस भी काफी कारगर होते हैं, क्योंकि कभी-कभी लिखे हुए शब्द बोले गए शब्दों से अधिक कमाल कर जाते हैं।
3. आपसी समझ और जिम्मेदारी
पति के साथ-साथ पत्नियों को भी अपनी जिम्मेदारी आपसी समझ से तय करनी हिए। अक्सर घर के बाहर के काम को पति की जिम्मेदारी समझी जाती है। बेहतर होगा यदि आप इसे अपनी जिम्मेदारी भी समझें। ऎसा करने से आपके पति के ऊपर पड रहा अतिरिक्त दबाव कम होगा और आप भी जिम्मेदार हो जाएंगी। इतना ही नहीं,दोनों के मन में एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावनांए बढती ही जाएंगी।
4. जब पार्टनर रहने लगे कटा-कटा सा
यदि आपका पार्टनर किसी बात से परेशान है और कटा-कटा सा या उदास रहने लगा है तो उनको समझने की कोशिश करें। उनकी ये हरकतें उनसे ज्यादा आपको परेशान करना शुरू कर देंगी। आपके मन में कई तरह के संदेह पैदा हो सकते हंै। इस संदेह में सबसे ऊपर पार्टनर की जिंदगी में किसी और के होने की बात भी हो सकती है। बेहतर होगा कि कई दिनों तक उनके स्वभाव में हो रहे परिवर्तनों पर गौर करें। चाहे तो इसे एक पेपर पर नोट भी कर सकते हैं। एकांत में उन पर विचार करें। हो सकता है कि आप बेवजह परेशान हो रही हों। लेकिन अगर आपको अपना शक सही लगे, तो सही समय देख कर उनके मन को टटोलने की कोशिश करें।
5. कुछ बातें अपने तक ही सीमित रखें

कई पुरूष पत्नियों के खानपान से ले कर, पहनने-औढने के तौर-तरीके पर ध्यान रखते हैं। ऎसा करके उन्हें काफी संतुष्टि मिलती है, ताकि आपके मन में उनके प्रति अधिक प्यार उमडें। अगर पति इतना केयर कर रहा है,तो इसमें क्या हर्ज है, लेकिन हसबैंड की इन आदतों को दोस्तों से शेयर ना करें। कई लोग इसे çस्त्रयोंचित गुण मानते हैं। ऎसे में आपके पति हंसी के पात्र बन सकते हैं।
6. जब पार्टनर कोई बात शेयर ना करे
आपके पति परेशान दिख रहे हैं और वे आपसे इसे शेयर नहीं करना चाहते,तो उनसे जबर्दस्ती ना करें। पुरूषों का ध्यान घर और बाहर दोनों और बंटा होता है। उनकी जिंदगी में काफी उथल-पुथल होती रहती है। लेकिन महिलाओं की तरह वे सभी बातों को बांटना पसंद नहीं करते हैं। ऎसी स्थिति कभी आपकी जिंदगी में आए, तो इसे कबूल करें।
7. रोमांस के लिए निकाले समय
शादी के कुछ साल बाद ही कई यंग कपल के रोमांस और सेक्स जीवन में निरसता आने लगती है। लेकिन रोमांस और सेक्स को समय देनेवाले जोडे दूसरों की तुलना में अधिक खुश रहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार विवाह के पहले 6से 18 महीने में कपल मे काफी जोश होता है। वे अपना ज्यादातर समय एक-दूसरे की बांहों में खोए रह कर व्यतीत करते हैं। हर कपल को यह प्रयास करना चाहिए कि विवाह में वे रोमांस के लिए समय निकालें।
8.पहले आप नहीं पहले मैं
पहले आप पहले आप...की लखनवी तहजीब हर मौके के लिए फिट नहीं है। कभी-कभी पहले "मैं" से भी शुरूआत होनी चाहिए। किसी भी रिश्ते को टिकाऊ बनाने के लिए पहले "मैं" के बोल काफी कारगर साबित होते हैं। अक्सर तनाव के बाद हसबैंड-वाइफ के बीच एक गहरी खामोशी छा जाती है। यह रिश्ते की गरमाहट को गायब कर देता है। दोनों के बीच की गर्मजोशी कहीं गायब हो जाती है। इस तरह के हालत उत्पन्न होने पर पहले मैं का फॉर्मूला आजमाएं। यानी बातचीत की शुरूआत आपकी तरफ से होनी चाहिए। यह भी ध्यान रखें, कि बातों में तानों की कोई जगह ना हो।

क्या आप लड़की की पसंद हैं

सभी पुरूष स्त्रीयों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। सभी पुरूष महिलाओं का अटेंशन चाहते हैं। लेकिन वे इस उधेडबुन में रह जाते हैं कि सामने वाली स्त्री उसे पसंद करती है या नहीं। लेकिन çस्त्रयां आपको ऎसे बहुत से संकेत देती हैं जिससे आप पता लगा सकते हैं कि वह आपको पसंद करती है या नहीं। चलिए हम आपकी इस उलझन को कम किए देते हैं।
हम आपको 6 ऎसे संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी सहायता से आप जान सकतेहैं कि इज शी लाइक यू।
1. बालों में उंगलियां घुमाना: यदि कोई स्त्री या लडकी आपको देखकर बालों में उंगली घुमाए तो इसका मतलब है कि वह आपका अटेंशन चाहती है। साथ ही आपसे अधिक जुडाव की इच्छा रखती है। वह आपको पसंद करती है और चाहती है कि आप उसके बारे में बात करें, उसकी तारीफ करें। यदि आप ऎसा करेंगे तो आप उस लडकी या स्त्री के दिल में अपनी जगह बना लेंगे।
2. बार-बार घडी देखना: यदि कोई स्त्री या लडकी आपसे बातचीत के दौरान बार-बार घडी देखें तो इसका मतलब कि उसको आपकी बातौं में दिलचस्पी नहीं है और वह आपकी बातों से बोर हो रही है। इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि वह जल्दी में हो और उसे कहीं पहुंचना हो। यदि आप चाहते हैं कि वह आपसे दूर न भागे तो आप तुरंत अपनी बातों पर फुलस्टॉप लगा दें।
3. आंखों में आंखे डालकर बात करना: यदि कोई स्त्री या लडकी आपसे बातों के दौरान आपकी आंखों में आंखे डालकर बात करे तो इसका मतलब है कि वह आपसे प्यार करती है। साथ ही वह आप पर पूरा विश्वास करती है। वह आपसे प्रेम संबंध बढाना चाहती है। वह आपके साथ रिश्ते को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। यदि बातचीत के दौरान वह आपकी ओर देखे और फिर नजरें झुका लें तो समझ जाएं कि वह आपकी ओर आकर्षित है और आपसे भी इसी आक षर्ण की उम्मीद करती है।
4. कमर पर हाथ रखना: यदि वह आपसे बातचीत के दौरान अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखकर खडी है यह इस बात का संकेत है कि उसमें अधिकार की भावना है और वह आपको डॉमिनेट करना चाहती है। यदि वह एक हाथ कमर पर रखकर खडी है तो इसका मतलब है कि वह आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। अगर वह हाथ बांधकर खडी होती है तो इसका मतलब हो सकता है कि उसे आपमें दिलचस्पी न हो।
5. कमियां निकालना: यदि वह आपकी कमियां निकालती है तो यह संकेत आपके रिलेशनशिप के लिए ठीक नहीं है। इसका अर्थ है कि वह आपकी गलतियां निकालकर शायद आपको नीचा दिखाना चाहती है या खुद को आपसे बेहतर साबित करने की कोशिश कर रही है। इसका अर्थ वह अपने आपको सुपीरियर समझ रही है। अच्छा होगा कि आप उससे दूरी बना लें।
6. बार-बार पोजीशन बदलना: अगर बैठने के बाद वह बार-बार अपनी पोजीशन बदलती है तो इसका अर्थ है कि उसमें आत्मविश्वास की कमी है। या यह भी हो सकता है कि वह आपके सामने असहज महसूस कर रही हो। इसका अर्थ यह है कि वह आपसे रिश्ते को लेकर उलझन में है या दुविधा में है।
इन छोटे-छोटे मगर महत्तवपूर्ण संकेतों के माध्यम से आप जान सकते है कि इज शी लाक यू। यदि आपको उसकी तरफ से पसंद करने के संकेत मिल रहे है तो आप अपने रिश्ते को आगे बढाने की कोशिश करें

Wednesday 20 July 2011

लड़किओं की पसंद बन सकते हैं औसत लुक वाले पुरूष

औसत व्यक्तिव के साथ महिलाओं को कैसे करे आकर्षित महिलाओं को अपनी ओर आर्कषित करना वास्तव मे बहुत कठिन कार्य है। सामान्य तथा औसत लुक वाले पुरूषों में ज्यादातर यह धारणा पाई जाती है कि महिलाओं को अपना बनाने के लिए कुछ गुणो को होना बेहद जरूरी है जो आपको सौगात में मिलता है तथा शायद यह उनके पास नही है। इस तरह के पुरूषों में बहुत से गुण होते हुए भी वह अपने आप को इस काबिल नही समझ पाते है कि वो किसी महिला को अपनी ओर आकर्षित कर सके, इसलिए वह स्वंय को दूसरो से हीन महसूस करते है। वास्तव में महिलाओं को आकर्षित करने की कला का गुण आपके साथ जन्म नही लेता है। कोई भी पुरूष चाहे वह कैसी भी जीवन शैली रखता हो अपना ध्यान केंद्रित करके समय के साथ चलते हुए इस गुर को आसानी से सीख सकता है और सबसे अच्छी बात यह है कि जब आप इसका सही तरीका सीख जायेगे तब आप पायेगें कि आप अपने खूबसूरत पल अपने पंसदीदा साथी के साथ बिता रहे है। यह कला सीखाने से पहले अनुरोध है कि आप इस बात का विशेष ध्यान रखे कि इस लेख के द्वारा किसी भी पुरूष को महिलाओं को वस्तुओं की तरह समझने की और प्रोत्साहित नही किया जा रहा है। यह लेख सिर्फ उन पुरूषो के लिए जो वास्तविक रूप से किसी महिला को अपना बनाना चाहते है, अगर आप केवल मजे लूटने के लिए किसी महिला का साथ चाहते है तो यह लेख आपकी मदद नही कर सकता है। हम आपको पहले से प्रयोग कि गए कुछ तरीको के बारे में बताते है:
seduce a girl 1) पहला सबक यह है कि एक मजबूत रिश्ते को बनाने के लिए एक दूसरे की पंसद नापसंद को जानना बहुत जरूरी है। अपने रिश्ते मे ईमानदार बनिए, अपने साथी द्वारा की गई कोई बात अगर आप सच में पसंद करते है तो उसकी तारीफ करना ना भूलिए आपको चाहिए कि आप उनकी आंखो, बालों, बुद्धि और उनसे जु़डी अन्य खूबसूरत चीजों की तारीफ करे ध्यान रखिए जरूरत से ज्यादा प्रशंसा भी निष्ठाहीन लगती है, एक या दो ही सही दिल से की गई प्रशंसा कारगार साबित होती है।
2) अपने साथी को ज्यादा से ज्यादा सुने वो स्वयं ही आपको सुराग देगी कि वह क्या पसंद करती है, आप कुछ दिनो पश्चात ऎसा कुछ करे जिसे वह पसंद करती है, यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
3) अपनी वास्तविकता को झूठ का आंचल मत उ़डाइये जो है वही दिखाए आपकी यह सोच कि थोडा सा असत्य आपकी मदद करेगा बिलकुल गलत है, हो सकता है कुछ वक्त के लिए यह काम कर जाए पर सच्चाई आने पर यह आपके रिश्ते के लिए नुकसानदेय हो सकता है।
4) जब तक पूछा ना जाए कोई सलाह मत दो, बस सुनो और सहायक बनो
5) जब तक दूसरी तरफ से पहल न हो यौन-संबंध का प्रस्ताव न रखें क्योंकि यह आपकी मानसिकता को दर्शाता है।
6) स्वयं के बारे में ज्यादा बातें बताने से कतरायें, उसे बोलने दे अगर वह जानना चाहेगी तब स्वयं पूछेगी। अपने बारे में डीगे ना मारे इस तरह की बाते जैसे कि “”आपकी मसलस बहुत अच्छी है”", “”आप कार बहुत बडिया चलाते हो”", “”आपके पास बहुत पैसा है”" इत्यादि से बचे दूसरी और बहुत अधिक चुप भी ना रहे, आसपास खासकर अपनी साथी महिला के बारे में बात करें।
7) जब आप उसके साथ हो तो अपनी नजरों को दूसरी ल़डकियों पर न डाले, किसी और महिला या आपकी पुरानी गर्लफ्रेड की बाते भी न करें। अगर आप उसके साथ बाहर है तो इस बात का पूरा ध्यान रखे कि आपकी नजर और ध्यान पूरी तरह उन पर ही है और आप उसकी भावनाओं की कदर करते है।
8) उसके साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार करें, जब तक कि आप दोनो की दोस्ती इतनी नही हो जाए कि आप एक दूसरे को निक नेम से बुला सके, तब तक उसके पूरे नाम से ही बुलाए। सम्मान बहुत जरूरी है, एक अच्छी महिला आपके साथ यौन-संबंध बनाने मे तब तक दिलचस्पी नही लेगी जब तक उसे यह महसूस नही होगा कि आप उसका सम्मान करते है।
9) उसे इस बात का एहसास कभी मत कराइये कि आप उस पर पैसा खर्च कर रहे है इसलिए उसे आपके साथ यौन-संबंध बनाने चाहिए, आपका यह व्यवहार विपरीत प्रभाव डालेगा और उसे यह महसूस होगा कि जो भी आपने अब तक उसके लिए खरीदा है वो सब सिर्फ उसके साथ यौन-संबंध बनाने के लिए था। बाकी सब आप पर र्निभर करता है।
10) ज्यादातर महिलाऎं अहंकारी पुरूषो को नापंसद करती है। अगर आप एक महिला को आर्कषित करना चाहते है तो आपको यह सीखना होगा कि खुद को आत्मविश्वासी परंतु अंहकारी होने से कैसे बचायें।
11) ज्यादातर महिलाएं आपके अचानक और सहज किए कार्यो से अधिक प्रभावित होती है, वैसे अधिकांश पुरूषों का महिलाओं के साथ इश्कबाजी करने का तरीका एक सा ही होता है परन्तु अपने तरीकों मे नयापन लाकर आप जल्दी ही महिला साथी के प्रभावित कर सकते है।
12) डांस सीखे, यह महिला को आपकी ओर आर्कषित करने तथा यौन-संबंध बनाने के लिए प्रेरित करने में अग्रदूत साबित हो सकता है, ज्यादातर पुरूष डांस के लिए बाहर जाना पंसद नही करते है पर अगर आप अपनी यह मानसिकता छो़ड देगे तो जल्द ही उसे प्रभावित कर पाऎगें। जरूरी नही है कि आप इसमें परफेक्ट हो पर कोशिश जरूर कीजिए। डांस करते वक्त बांहो में भरकर एक दूसरो को निहारना, सांसो की गहराई में डूबना इत्यादि आपकी महिला साथी को प्रभावित करने में मदद कर सकता है।
13) प्राकृतिक रूप से महिलाएं बहुत रोमांटिक होती है इसलिए रोमांस में डूबा हुआ रोमांच उन्हे बहुत पंसद होता है। अपनी हर डेट को महत्वपूर्ण और अलग बनाये, अपनी साथी को यह एहसास कराए कि वो दुनिया की सबसे सुंदर औरत है।
14) आंखो से संपर्क बनाना महिलाओं को सडयूस करने का शानदार तरीका है आप अपनी उंगलियो के साथ उसके हाथों को धीरे-धीरे दबाएं, उसके बालो को हल्के से छुए और बस अपनी नजरो के माध्यम से अपने भावनाओं को व्यक्त करे, आप जितना अधिक बेहतर तरीके से अपनी भावनाऎं व्यक्त करेंगे उतना ही अधिक यह अर्थपूण होगा।
15) रिश्ते मे जल्दबाजी न करे, पहले दिल जीते फिर कदम बढ़ाये, अपनी बातों को दिलचस्प बनायें वह क्या कहना चाहती है उसे सुने।
16) अगर आप एक महिला के जज्बातों को समझ कर उसे भावनात्मक रूप से जीत सकते है तो उसे शारीरिक रूप से अपना बनाने में कोई मुश्किल नही होगी। पंरन्तु यह ध्यान अवश्य रखे कि केवल शारीरिक सुख के लिए उसकी भावनाओ के साथ न खेलें।
17) अपने साथी के पंसदीदा संगीत की जानकारी लें, अधिकतर महिलाऎं जब अपने साथी के साथ होती है और उनका पंसदीदा संगीत भी होता है तो जल्द ही सडयूस हो जाती है।
18) आप अपनी साथी महिला को एक अच्छी मसाज दे सकते है और साथ मे बबल बॉंथ भी ले सकते है, या किसी सोफे पर आराम से बैठकर बात भी कर सकते है, हर अवस्था मे उसे सहज और आपके लिए विशेष बनाइये।
19) आप जो भी कर रहे बराबर की भागीदारी करे कुछ छे़डखानी वाले गेम्स भी खेल सकते है जो कि उसे उत्तेजित करने मे मदद करे, यौन-संबंधो की कुछ नई ट्रिक सीखे और कुछ नयापन लाकर अपने साथी को भी सिखाऎ।
आप इन कुछ सरल उपायो के अभ्यास से जल्द ही उसके दिन, मन शरीर और आत्मा की जीत का मार्ग सुनिश्चित कर सकते है। तो अगर आप किसी को पसंद करते पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ महसूस करते है तो विश्वासी बनिए और उसके पास जाइए और कहिए कि आप उसे कितना पसंद करते है और वो आपके लिए कितनी विशेष है। आशा है यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा तथा आपके अपने पंसदीदा साथी को पाने मे मददगार साबित होगा।

Friday 15 July 2011

मेरे सपनों का राजकुमार


NDND
हर लड़की का सपनों का एक राजकुमार होता है, अपने प्रियतम में वो उस राजकुमार की छबि ढूँढने लगती हैं जिसके वो सपने देखा करती थी लेकिउसकव्यक्तित्अनछुअनजानपहलऐसहोतहैउसकसपनों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं जिन्हें वह नहीं जान पाती।

लड़कों का व्यवहार और उनके सोचने का तरीका बिल्कुल अलग होता है। इसलिए आपको अपने दोस्त से इस बात की उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह बिल्कुल बदलकर आपकी तरह हो जाएगा। आपको उसे बदलने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अनछुए पहलुओं को।

1. अपने रिश्ते को समझें
प्यार की पहली नजर को हर किसी ने अनुभव किया होगा, ये एक ऐसा अनुभव है जब आपके लिए आपका साथी पहली प्राथमिकता होता है, ऐसे में आपसे मिलने के लिए वक्त से पहले पहुँचना और घंटों इंतजार करना प्रेम रूपी तपस्या का ही एक हिस्सा होता है। वक्त बितने पर जब सामंजस्य बढ़ जाता है तब ये उम्मीद कम कर देना चाहिए कि एक प्रेम पत्र के साथ वो रोज सुबह फूलों का गुलदस्ता आपके दरवाजे पर रख कर जाएगा, या फिर पहले की तरह सुबह शाम फोन पर घंटों बातें किया करेगा। वह दो-तीन दिनों तक आपको फोन ना कर पाए, तो आपको अपनी नाराजगी दिखाते समय यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस तरह उसके किसी व्यवहार से आपको दुख पहुँचता है, उसी तरह आपकी भी कुछ बातें उसकी भावनाओं को ठेस पहुँचा सकती हैं।

2. भावनाएँ शब्दों की मोहताज नही
तारीफ सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता है, लेकिन नारी जैसी निर्मलता पुरुषों में कम होती है। हो सकता हैं वो आपकी उम्मीद पर पूरी तरह नहीं उतर पाए, या अपनी भावनाओं को शब्दों में ना ढाल पाए। आपके किसी तोहफे पर धन्यवाद जैसे औपचारिक शब्दो की उम्मीद रखने की बजाय उसकी आँखों में उतर आई प्रसन्नता को देखने की कोशिश करें।

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3. अलग होती हैं लड़कों की अपेक्षाएँ
प्रेम को तो ऋषि मुनियों ने भी पवित्र माना है, दैहिक आकर्षण तो एक प्राकृतिक लक्षण हैं जिससे कोई भी परे नहीं रह पाया है, हमारे समाज में कुछ नियमों को संस्कार का रूप दिया है जिसे कई बार युवा वर्ग अपनाने से मना कर देते हैं इसका मतलब ये नहीं को वो सिर्फ आपसे शारीरिक आकर्षण से जुडा है यदि आप इन नियमों का पालन करना चाहती हैं तो आप पर निर्भर करता है कि नाराज होने या उसका तिरस्कार करने की बजाय प्रेम से समझा पाती हैं या नहीं, दैहिक संबंध से परे एक और चीज बहुत महत्वपूर्ण होती है वो है स्पर्श जो उसे प्रियतमा के दैहिक आकर्षण से परे अपनत्व का एहसास दिलाएगा।

4. माँ, पत्नी, बहन या प्रेयसी, हर रूप में नारी हैं एक सी
ऐसे ही कुछ विचार होते हैं पुरुषों के, चाहे वो पत्नी हो या प्रेमिका वो उसमें हर रूप को खोजने की कोशिश करता है। आप अपने हर रूप को उसके सामने कितना साकार कर पाते हो ये आप पर निर्भर करता है। उसकी छोटी- छोटी जरूरतों को पूरा कर, निराशा के समय में हिम्मत दिलाकर, खुशी के पलों की सहभागिता बन आप नारी के हर रूप को साकार कर सकती हैं।

5. नाराजगी जल्दी जाहिर ना करे
लड़कियाँ अपनी सारी भावनाएँ दूसरों के सामने बड़ी सहजता से जाहिर कर देती हैं। अगर उन्हें किसी बात से नाराजगी भी होती है तो वे उसे सबके सामने जाहिर कर देती हैं। लड़के इस मामले में काफी धैर्यवान और गंभीर होते हैं। लड़कों में छोटी-छोटी बातों को लेकर बेवजह बहस या रोक-टोक करने की प्रवृत्ति नहीं पाई जाती है। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी छोटी-सी बात पर या बेवजह भी लड़कों को बहुत तेज गुस्सा आता है और ऐसी स्थिति में आपसी संबंधों में दरार पड़ने तक की नौबत आ जाती है।

अगर आप दोनों के संबंधों में कभी ऐसी स्थिति आए तो उसे सुधारने के मामले में आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इसलिए जिस समय आपके साथी को गुस्सा आ रहा हो तो उस वक्त आप उसे कुछ न कहें। बाद में जब उसका गुस्सा शांत हो जाए तब आप उसे प्यार से समझाएँ कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। लड़के अपने बारे में खुद कुछ भी बताने के बजाय अपनी साथी से यही उम्मीद रखते हैं कि वह खुद ही लड़के की मनःस्थिति और उसकी पसंद या नापसंद के बारे में स्वयं समझकर हमेशा उसी के अनुकूल व्यवहार करे। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपने साथी को नाराज होने का मौका नहीं न दें।

इस तरह अगर आप अपने साथी को समझने की कोशिश करेंगी तो निश्चित रूप से आपके संबंध मधुर बने रहेंगे।

Wednesday 13 July 2011

लड़कियों को नहीं होता रिश्ता टूटने का गम

लो भाई अब तो सर्वे और अध्ययन से भी इस बात की पुष्टि हो गई की महिलाओं को रिश्ता टूटने का ज्यादा दुःख नही होता और वे जल्दी ही नए रिश्ते के साथ जिंदगी की गाड़ी पटरी पर लाने की कोशिश मे लग जाती हैं जबकि पुरुषों को अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड से रिश्ता टूटने के ज्यादा दुःख होता है पर वे उसे जाहिर नही करते।
इसका मतलब तो यह हुआ कि रिश्तों के टूटने के समय महिलायें अपने दुःख को जाहिर कर जल्दी ही भूल जाती हैं जबकी पुरूष इस गम को अपने दिल मे छिपाकर अन्दर ही अन्दर घुटता रहता है। शायद ग़म को जाहिर नही करने के कारन उसका दर्द और बढ़ जाता है। पर आम तौर पर समाज मे इसका उल्टा ही मन जाता है। प्रायः इस तरह के रिश्ते के टूटने पर पुरुषों को दोष दिया जाता है और महिलाओं के दुःख को बढ़ा चढा के दिखने की कोशिश की जाती है।
यह अध्ययन या सर्वे चाहे जहा भी हुआ है पर इस सर्वे को मेरी तरफ़ से भी समर्थन का मत मिलाता है। मैंने अब तक इस तरह के जितने भी रिश्ते देखे वह आम तौर पर लड़के ज्यादा दुखी होते है पर अपने गम को दिल मे छिपा कर रखते है। इसके पहले भी एक सर्वे देखा था जिसमे कहा गया था कि सुंदर औरते बेवफा होती है। यहाँ भी मई कहना चाहूँगा कि अगर बेवफाई का प्रतिशत निकले तो लड़कियां इस मामले मे भी आगे खड़ी नज़र आएँगी। बड़ी आसानी से एक रिश्ता तोड़ कर न्य रिश्ता बना लेती है। साथ साथ अपने हर कदम को सही साबित करने के लिए तर्क गढ़ने के मामले मे भी लड़किया आगे होती है।
जहाँ तक लड़को कि बात है तो रिश्तों मे खुल कर फ्लर्ट करते है पर सामने वाले को भी इस बात का बखूबी पता रहता है कि उनके साथ फ्लर्ट किया जा रहा है। वैसे इसका मतलब ये भी नही कि सारे लड़के बावफा और साडी लड़किया बेवफा होती है। बस इस अध्यन का नतीजा एक प्रवृति या रुझान को दिखता है।

Monday 11 July 2011

प्यार भावनाओं की मिट्टी में





दिल की परिभाषाओं को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। प्यार भावनाओं की मिट्टी में, आकांक्षाओं की बेल पर खिलने वाला वह फूल है, जिसे देखा नहीं जा सकता, फिर भी उसकी मंद और भीनी सुगंध हमें और हमारी भावनाओं को मदहोश कर देती है।




तभी तो कहते हैं कि प्रेम नाम है डूब जाने का, खुद को भूल जाने का, अपने आपको बिसार देने का, तन्मय होने का। वाक्य- प्रेम के ये जज्बात, जहां आकर सारे शब्दों के अर्थ, अर्थहीन हो जाते हैं, वही से प्रेम का यह बीज अंकुरित होता है, लेकिन यूं ही तो नहीं आ जाता दिल किसी पर, कुछ तो खास बात होती है उसमें जो पहली नजर में दीवाना बना जाती है। यूं तो हर महबूब अपनी महबूबा को चाहने की हजार वजहें बताएगा, पर उनमें से कुछ खास वजहें ये हैं-

1. तुम बहुत भोली, मासूम और खुली किताब की तरह हो, जिसके निश्छल मन को मैं कभी भी पढ सकता हूं।

2. तुम्हारी बातों में इतना सीधापन है जो इस मतलबी दुनिया के नियम-कायदों से परे है।

3. तुम्हारा हर वक्त सोते-जागते मेरी चिंता करना मुझे बहुत खास बना जाता है और किसी खास अपने के होने का एहसास करा जाता है।

4. चाहे कोई भी स्थिति हो, तुम हर बात को सिर्फ अपने तक ही रखती हो।

5. तुम मेरी हर तकलीफ की दवा हो।

6. तुम्हारा साथ मेरे अधूरेपन को पूरा करता है।

7. मद्धिम रोशनी, संगीत की मधुर धुन, मैं और तुम, यही तो है हमारा एक प्यारा-सा सपना।

8. तुम मेरी जिंदगी का एक अनोखा एहसास हो, जिसे मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया।

9. मेरे जीवन की सारी सुखद कहानी के अध्याय तुम्ही से शुरू होते हैं और तुम्हीं पर खत्म होते हैं।

10. तुम मेरी जिंदगी में रोशनी भर, उसे हर पल एक नयी प्रेरणा देती हो।

11. एक-दूसरे के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते, एक कदम भी नहीं चल सकते।

12. तुमने मुझे प्यार के सही मायने सिखाए, जिंदगी को बेहतर ढंग से जीना सिखाया।

13. मुझ पर हमेशा तुम्हारा ये अटूट विश्वास ही है, जो मुहब्बत की लौ को जलाए रखता है।

14. जब भी कभी मैं उदास होता हूं या रोने का मन करता है तब तुम्हारा कंधा हमेशा मुझे सहारा देने के लिए मौजूद होता है।

15. मेरी हर गैर जरूरी बात को भी तुम्हारा ध्यान से सुनना और फिर मुझे टकटकी लगाकर देखते रहने की तुम्हारी वो अदा मुझे दीवाना कर देने के लिए काफी होती है।

16. तुम्हारी प्यार भरी नजर का एक बार दीदार हो जाए तो दिन कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता।

17. जब हम साथ होते हैं तो लगता है कि काश! ये वक्त बस यही ठहर जाए।

18. तुम्हारा स्नेह मुझे कामयाबी के बाद भी यह एहसास कराता है कि अभी और आगे जाना है।

19. तुम्हारे साथ बिताया गया हर एक लम्हा मेरी जिंदगी की बेशकीमती दौलत है।

20. तुम्हारी झील-सी आंखों में मैं अपने सारे ख्वाब मुकम्मल होते हुए देखता हूं।

21. तुम्हारी हंसी की खनखनाहट मेरी आत्मा तक को सुकून पहुंचाती है।

22. तुम मेरे बिना कहे ही मेरी हर बात जाने कैसे समझ लेती हो।

23. खराब से खराब परिस्थितियों में भी मेरे प्रति तुम्हारी चाह कभी कम नहीं हुई। मेरे जीवन का हर पल, हर दिन, हर लम्हा तुम्हारे लिए है।

24. तुमसे प्यार की कई व अनगिनत वजहें हैं, पर तुमसे प्यार की सबसे अहम वजह यही है कि तुम मेरी जिंदगी हो और मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।

Saturday 9 July 2011

ब्रेकअप के बाद

हाल में आपका ब्रेकअप हुआ है और आप अपने लवर को भूल नहीं पा रहे हैं , तो इन टिप्स को फॉलो करें।

अच्छे से ट्रीट करें
अक्सर लोग ब्रेकअप के बाद बिल्कुल टूट जाते हैं या फिर खुद को कोसते रहते हैं। अगर आप भी इन दिनों ऐसी ही सिचुएशन में हैं , तो प्लीज खुद को ना कोसे। अपने पास्ट को भूल जाएं। इससे आप इमोशनल नहीं होंगे और आपको दुख भी नहीं होगा। ब्रेकअप के बाद कई लोग जिम या पार्लर जाना बंद कर देते हैं। आप ऐसा बिल्कुल भी ना करें।

दोस्तों से मिलें
घर में अकेले समय बिताएं। अपने दोस्तों से अपना पेन शेयर करें। इससे वह आपके मन की स्थिति समझेंगे। अपने क्लोज फ्रेंड के साथ बाहर घूमने जाएं। कॉमिडी मूवी देखें , ताकि आपके चेहरे पर मुस्कराहट आए। अगर आप बुक पढ़ने के शौकीन हैं , तो अपने फेवरिट राइटर की बुक पढ़े। इससे आपका मूड अच्छा होगा।

डायवर्ट माइंड
आपके वार्डरोब में आपकी एक्स गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के लेटर या फोटो हैं , तो उन्हें तुरंत हटा दें। यानी उन्हें अपनी आंखों से दूर कर दें। अपनी फीलिंग्स को छिपाएं नहीं और ना ही रोएं। इससे आप फिजिकली और मेंटली वीक महसूस करने लगेंगे। अपनी जिंदगी में से अपने लवर की सारी यादें मिटा दें।

संयम रखें
अक्सर देखा गया है कि लोग ब्रेकअप के दर्द से उभरने के लिए किसी और से अफेयर कर लेते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं , तो ऐसा बिल्कुल ना करें। दरअसल , इस तरह के रिलेशन बहुत सोच - समझकर बनाने चाहिए।

आगे की सोचे
अपने पास्ट को सोच - सोचकर तनाव में ना रहें , बल्कि अपना फ्यूचर प्लान करें। अकसर लोग ब्रेकअप के बाद गिल्टी फील करने लगते हैं। आप ऐसा बिल्कुल भी ना करें। आखिरी , लेकिन जरूरी बात अपने एक्स बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड को लेकर गॉसिपिंग ना करें।

अगर इन टिप्स को फॉलो करने के बाद भी आप अपने लवर को भूल नहीं पा रहे हैं , तो काउंसिलर की अडवाइज लें।

प्यार करते हो तो उसको प्रकट करो

प्यार का प्रदर्शन आवश्यक है। यदि आप किसी को प्यार करते हो तो उसको प्रकट करिये, दिखाइयें। व्यस्तता से भरे जीवन में प्यार को छिपाने की आवश्यकता नहीं है। अपनी चाहत सामान्य लोगो से तो कहनी ही पड़ेगी। वे आपके प्यार को अन्यथा समझ न पाऐगे तो प्यासे ही रहेंगे। सबसे कमजोर व दुःखी को प्यार की ज्यादा जरुरत है।
यह सत्य है कि बुद्व पुरुषों या ज्ञानियों के सामने चाहत प्रदर्शित करने की जरुरत नहीं हेै। चूंकि आपके प्यार एवं समर्थन की उन्हें जरुरत नहीं है। लेकिन आम जन न तो आपके प्यार को पहचान सकता है, न प्रेम से परिपूर्ण है। उसे आपसे प्यार चाहिए इसलिए प्रदर्शित करों। तभी अमिताभ बच्चन बागवान में कहता है कि अधिकांश लोग अपनी पत्नी के प्रति प्यार को व्यक्त नही करते है। मैं यह गलती नहीं करता। मैं अपनी पत्नी के प्रति प्यार का बार-बार व्यक्त करता हूँ।
वह अन्यथा आपके प्यार से वंचित रह जायेगा। इसलिए प्यार के प्रदर्शन में बुराई नहीं है। व्यक्त करना समय की मांग है। अतः उसे व्यक्त करने की कला जानो। सम्बन्धों की दीवार इसी से मजबूत होगी।
माना कि कोई तुमसे प्यार करता है तो आप चाहते है न कि वह अभिव्यक्त करे। आप इसका आन्नद उठाओं। ठीक अन्य साथी भी उसी प्रकार को प्यार को प्रकट करने पर ही आन्नदित होते है।

Friday 8 July 2011

कैसे पूरी हो लडको की हसरतें

dating tipsसभी लड़कों का यह ख्वाब होता है कि उनके पास भी एक खूबसूरत सी गर्लफ्रेंड हो जिसके साथ वह घूम सकें, पार्टियों या डिस्को में डांस कर सकें या फिर खाली समय में वह उसके साथ मूवी जाएं. लड़की पटाने की कोशिश तो लगभग सभी करते हैं लेकिन बहुत कम लोग इसमें सफल होते हैं. कुछ लड़के लड़कियों को डेट पर तो ले जाते हैं लेकिन वहां जा कर भी उनको निराशा ही हाथ लगती है.

लेकिन अब उन लड़को को निराश होने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि लड़कियों को पटाने में असफल हुए लड़के भी पास हो सकते हैं. इसके लिए आपको केवल हमारे दिए बताये गए पांच सुझावों को अपनाना है.

1. झूठी कहानी गढ़िए : लड़की को अपने साथ बातचीत में शामिल करने के लिए उससे एक कहानी बताएं. भले ही वह झूठी कहानी क्यों ना हो.dating5 कहानी बनाने के लिए आपके द्वारा पढ़ी गई सभी नॉवेल या किताबों का इस्तेमाल करना पड़े तो उसका भी प्रयोग करें. स्कूल में घटित घटना को भी रोमांचक ढंग से सुनाएं.

2. विश्वास के साथ हास्य मिक्स करें: एक लड़के के बारे में जिन दो चीजों पर एक लड़की सबसे ज़्यादा ध्यान देती है वह हास्य और विश्वास होती है. अतः इन दोनों के मिश्रण को अपनी सफलता की कुंजी बनाएं. मज़ेदार बातें करें लेकिन एक दायरे के अंदर. इससे आप अप्रत्याशित बन जाते हैं और आप पर लोग ध्यान देते हैं.

3. उसे चिढ़ाओ: अगर आप लड़की को चिढ़ाते हैं तो उससे यह पता चलता है कि वह लड़की आपकी बातों पर ध्यान दे रही है कि नहीं परन्तु ध्यान दें इसमें कुछ भी भद्दा नहीं होना चाहिए. क्योंकि अगर चिढ़ने में मज़ा आएगा तो ही लड़की आपकी तरफ़ आकर्षित होगी.

dating4. पूर्वानुमान: पूर्वानुमान से मतलब है किसी भी परिस्थिति का पहले से ही आकलन करना. इसके लिए कुछ कहने से पहले लोगों के बारे में जान लें. इससे आपको पता चल जाएगा कि कौन सी बात आपके गर्लफ्रेंड के लिए सही है.

5. जानिए कैसे रिश्ते बनते है : रिश्तों में प्रगति लाने से पहले यह ज़रुरी है कि आप जानें कि रिश्ते कैसे बनते हैं. रिश्ते बनाना एक दिन का खेल नहीं है. रिश्ता बनाने के लिए हमें एक समय लगता है अतः हमें मालूम होना चाहिए कि प्रत्येक स्तर में कितना समय लगता है. इससे आप को पता चल जाएगा कि एक महिला को क्या चाहिए

लव के पीछे है केमिकल लोचा

आखिर 'लव' में ऐसा क्या है जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी मिस्ट्री माना गया है। अपने प्रेमी के लिए ललक ऐसी चीज है, जिसने वैज्ञानिकों को भी लम्बे वक्त तक हैरान किया है। प्यार करने वालों के बीच इस पागलपन का कारण जानने के लिए जाने कितनी खोजें हुई। अगर उन खोजों पर यकीन करें तो दो प्रेमियों की इमोशंस और उनके चेंज होने के पीछे जो असली कारण है, वह है शरीर में होने वाला केमिकल लोचा।
वैज्ञानिकों के अनुसार प्यार की अलग-अलग स्टेजेस जैसे इन्फैचुएशन, कडलिंग, अट्रैक्शन यहां तक कि बिट्रेयल के पीछे भी काम करते हैं कुछ खास केमिकल्स।
वैज्ञानिक मानते हैं कि आकर्षण असल में इन न्यूरोकेमिकल्स के वर्चुअल एक्सप्लोजन जैसा है। जिसके बाद आपको फील गुड होने लगता है। पीईए, एक केमिकल है जो नर्व सेल्स के बीच इन्फॉर्मेशन का फ्लो बढ़ा देता है। इस केमिस्ट्री में डोपामाइन और नोरिफिनेराइन नामक दो केमिकल्स भी बड़ा इंट्रेस्टिंग काम करते हैं। डोपामाइन हमें फील गुड का अहसास कराता है और नोरिफिनेराइन एड्रिनैलिन का प्रोडक्शन बढ़ा देता है। किसी को देखकर बढ़ने वाली हार्ट बीट इन कैमिकल्स की ही देन है, जिसे प्रेमी कुछ कुछ होना समझ बैठते हैं। ये तीनों कैमिकल्स कम्बाइन होकर काम करते हैं। इन्फैचुएशन जिसे इन जनरल लोग आपकी 'केमिस्ट्री' कहते हैं। यही कारण है कि नए प्रेमी खुद को हवा में उड़ता हुआ, बेहद ऊर्जावान सा फील करते हैं।
किसी के साथ कडल अप करने का मन बस यूं ही नहीं होता। इसके पीछे भी एक केमिकल है जनाब! ये है ऑक्सिटोसिन, जिसे कडलिंग केमिकल भी कहा गया है। वैसे तो ऑक्सिटोसिन को मदरहुड से भी संबंध किया जाता है लेकिन ये भी माना जाता है कि ये महिला और पुरूष दोनों को ज्यादा कूल और दूसरों की फीलिंग्स के लिए सेंसिटिव बनाता है। सेक्सुअल अराउजल में भी इसका खास रोल है। ऑक्सिटोसिन प्रोडक्शन ट्रिगर करने के पीछे इमोशनल रीजंस भी हो सकते हैं और फिजिकल भी। यानी अपने लवर की फोटो देखने, उसके बारे में सोचने से लेकर उसकी आवाज सुनने, उसके किसी खास अपीयरेंस तक कुछ भी आपकी बॉडी में ऑक्सिटोसिन का प्रोडक्शन बढ़ा सकता है। अगर प्रेमी फिजिकली प्रेजेंट हैं तो यही हार्मोन एक-दूसरे को गले लगाने और कडल करने के लिए उकसाता है।
इन्फैचुएशन कम होते ही केमिकल्स का एक नया ग्रुप टेकओवर कर लेता है। इसे क्रिएट करते हैं एन्डॉर्फिन्स। ये केमिकल्स पीईए जैसे एक्साइटिंग नहीं होते लेकिन ज्यादा एडिक्टिव और कूल करने वाले होते हैं। यही कारण है कि इन्फैचुएशन के बाद प्यार की अगली स्टेज यानी अटैचमेंट में इंटिमेसी के साथ-साथ ट्रस्ट, वॉ‌र्म्थ और साथ वक्त बिताने जैसी इमोशंस फील की जाती हैं। जितना ज्यादा लोग इन केमिकल्स के आदी हो जाएं वो उतना ही इनसे दूर नहीं रह सकते। यही कारण है कि लम्बे चलने वाले लव अफेयर्स या कोई खास रिश्ता टूटना आप बर्दाश्त नहीं कर पाते। इसके पीछे रीजन है इन केमिकल्स का लत लगना। अपने पार्टनर के दूर जाने पर उसे मिस करने के पीछे भी यही एंडॉर्फिन्स होते हैं।
प्रेमी के दूर जाने पर ये केमिकल्स बॉडी में कम होने लगते हैं और इनके आदी होने की वजह से आप अपने प्रेमी, या विज्ञान की भाषा में कहें तो इन हारमोन्स की कमी महसूस करने लगते हैं।

Tuesday 5 July 2011

पर्यटकों को आकर्षि‍त करता पूर्वोत्तर


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भीड़-भाड़ से दूर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पूर्वोत्तर पर्यटकों को खूब पसंद आ रहा है तो इसकी ठोस वजह भी है। पूर्वोत्तर राज्यों का परिवेश, मौसम और आत्मीयता पर्यटकों को आकर्षित कर लेती है। पूर्वोत्तर के पास पर्यटकों को लुभाने के लिए प्रकृति प्रदत्त हर चीज है।

चीड़ से भरे नीले पहाड़ हैं, लाल नदियाँ हैं, जंगल हैं, दुर्लभ वन्यजीव से परिपूर्ण राष्ट्रीय पार्क हैं, बर्फ से ढंकी पहाड़ियाँ हैं, सड़क पर चलते अचानक बादलों से घिर जाने का सुखद एहसास है तो धार्मिक आस्था के लिए कामाख्या मंदिर है, विश्व का सबसे बड़ा नदी-द्वीप माजुली है, आकाश से बातें करता तवांग है और प्रसिद्ध बौद्ध मठ हैं।

हर तरह के पर्यटकों की पसंद की जगह पूर्वोत्तर में उपलब्ध हैं। पहले उग्रवाद और यातायात के बेहतर साधन के अभाव में लोग यहाँ आने से बचते थे पर अब बहुत कुछ बदल गया है। यही वजह है कि प्रति वर्ष घरेलू और विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ रही है और इसी के साथ पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाएँ जुटाई जा रही हैं।

ND
अब पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार गुवाहाटी से दिल्ली  दूर नहीं है। दिल्ली ही नहीं, देश के हर बड़े शहर अब गुवाहाटी से सीधे जुड़ गए हैं। गुवाहाटी से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, जयपुर,  जैसे शहरों के लिए सीधी हवाई और रेल सेवाएं हैं। दिल्ली से गुवाहाटी के बीच प्रति दिन करीब एक दर्जन उड़ानें हैं। सुबह पाँच बजे दिल्ली से पहली उड़ान है और शाम सात बजे गुवाहाटी से अंतिम उड़ान। इसी तरह कोल्कता  और गुवाहाटी के बीच सुबह से देर शाम तक हवाई सेवा मौजूद है।

गुवाहाटी से दिल्ली के बीच सीधी राजधानी रेल सेवा है जिससे बनारस  या कानपुर होते हुए 28 घंटे में पहुँचा जा सकता है। गुवाहाटी और कोलकाता के बीच सुपर फास्ट ट्रेनें चल रही हैं। दक्षिण भारतीय शहरों के लिए पुरी और भुवनेश्वर के रास्ते रोज रेल सेवा उपलब्ध है जबकि गुवाहाटी से पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों - इंफाल, अगरतला, आइजल, दिमापुर (कोहिमा) के लिए नियमित उड़ानें हैं।

गुवाहाटी से ही शिलांग, ईटानगर और तवांग के लिए सड़क यातायात के अलावा हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है। गुवाहाटी से पूर्वोत्तर के हर शहर के लिए सीधी और आरामदायक बसें चलती हैं। पूर्वोत्तर के अधिकांश इलाकों में बिना किसी भय के रात-दिन घूमा जा सकता है। खास बात है कि यहाँ महिलाओं के साथ कभी अभद्र व्यवहार नहीं होता है।

महिला पर्यटक सुरक्षित रहने के एहसास के साथ मौज-मस्ती कर सकती हैं। कहीं भी आने-जाने की पाबंदी नहीं है। सिर्फ अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को इनरलाइन परमिट की जरूरत पड़ती है और इसे पाने की प्रक्रिया काफी सहज है। दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी में इन राज्यों के स्थानीय आयुक्त कार्यालयों में नाम मात्र के शुल्क पर इनलाइन परमिट मिलता।

मुस्कराहट सफल और सुखी जीवन की घोषणा


अंग्रेजों की एक कहावत है, 'लाफ्टर इज द बेस्ट मेडिसिन' अर्थात हंसी सर्वश्रेष्ठ दवा है। यह जहां मानसिक तनाव से राहत दिलाती है, वहीं मानवीय संबंधों को सुखद बनाकर हमारे पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को भी सफल बनाती है। आज हंसी वैज्ञानिकों के लिए गंभीर शोध का विषय बनी हुई है। इसके चिकित्सीय प्रभावों का काफी गहराई से अध्ययन किया जा रहा है।

अनुसंधानों से स्पष्ट हो चुका है कि हंसी स्वास्थ्य के लिए उतनी ही आवश्यक है, जितना कि उचित भोजन। जहां क्रोध, भय, ईर्ष्या, द्वेष जैसे नकारात्मक भाव शरीर पर घातक प्रभाव डालते हैं, वहीं हंसी के साथ मानव शरीर से ऐसे रसायनों का उत्सर्जन होता है, जो स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव डालते हैं। ठहाके लगाकर हंसने से शरीर में एंडोर्फिन नामक हॉर्मोन का उत्सर्जन होता है, जो शरीर में स्फूर्ति एवं प्रसन्नता लाता है।

प्रसन्न चित्त रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे आवश्यक है। आप गौर करेंगे कि उदास रहने वालों की अपेक्षा खुशमिजाज लोग अधिक स्वस्थ, उत्साही और स्फूर्तिवान होते हैं। हंसने से व्यक्ति अपने तनावों और कुंठाओं को भूलकर स्वयं को हल्का अनुभव करता है। ऐसा समझा जाता है कि यदि कोई दिन में 15 बार हंसे तो उसके डॉक्टर का बिल लगभग न के बराबर होगा। पश्चिम के एक प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक जोनाथन स्विफ्ट इसे बड़े ही दिलचस्प ढंग से समझाते हैं। वे कहते हैं कि दुनिया के तीन सबसे बड़े चिकित्सक हैं - डॉक्टर डाइट यानी संतुलित आहार, डॉक्टर पीस यानी शांति और डॉक्टर स्माइल यानी मुस्कान।

हास्य के लाभ अनगिनत हैं, यह थके हुए के लिए विश्राम है, हतोत्साहित के लिए दिल का प्रकाश, उदास के लिए दिन की धूप है तथा रोगी के लिए प्रकृति का सवोर्त्तम रोग प्रतिरोधी। इस पर खर्च कुछ नहीं आता, किंतु यह देता बहुत है। हंसी शरीर के विकारों का प्राकृतिक ढंग से उपचार करती है, हास्य तनाव से मुक्त करता है।

मुस्कराते हुए मनुष्य का सौंदर्य तत्काल दूना हो जाता है। क्रुद्ध व्यक्ति भी यदि मुस्कराने लगे तो उसका चेहरा कमल जैसा खिला हुआ दिखेगा। मुस्कराहट से आत्मविश्वास एवं आंतरिक संतोष झलकता है। होठों पर टंगी हुई यह तख्ती बताती है कि इस व्यक्ति के जीवन में सुख और संतोष है। इस अर्थ में मुस्कराहट सफल और सुखी जीवन की घोषणा है।

कुछ विचारकों के अनुसार हंसी एक सुखद अनुभव है, इसलिए इसके अवसरों को चूको मत। यदि हंसी आए तो खूब हंसो, खूब जम कर हंसो। हंसी क्यों आई, कब आई? इस सोच में मत पड़ो। हंसी स्वच्छंद झरने की तरह है। हंसाने वाली घटनाओं को याद करके, उन विनोद एवं उल्लासपूर्ण क्षणों को अनुभव करके, हम कभी भी अपने अंदर वह उल्लास पैदा कर सकते हैं। हंसी के इन क्षणों में शरीर रोमांचित हो उठता है और एक तरह से वह भीतर जमा हुए दिन भर के भारीपन को बुहार कर बाहर निकाल देता है।

आपने देखा होगा कि दिल्ली के कई सार्वजनिक पार्कों में वृद्ध व अन्य लोग खुलकर ठहाके लगाते हैं। ऐसे अभ्यास बुढ़ापे के एकाकीपन में विशेष रूप से उपयोगी है, जब उम्र के इस पड़ाव पर बहुतों को यह शरीर बोझ की तरह लगने लगता है। अकेले रहने की अपेक्षा लोगों के बीच रहने पर हंसी की संभावना कई गुणा अधिक होती है। हंसी बुढ़ापे को नजदीक आने नहीं देती। यह शरीर के लिए संजीवनी है।

आज भौतिकवाद की आंधी में हम इस तरह से बह गए हैं कि हंसते-हंसाते जीने का जज्बा ही भूल गए हैं। हमारी आकांक्षाएं बढ़ गई हैं। उपलब्धियां हमें संतुष्ट नहीं कर पातीं। ऐसे में दूसरों का संतोष एवं प्रगति भी हमारे लिए ईर्ष्या-द्वेष का कारण बन रही है। हंसी के यांत्रिक अभ्यास के साथ यदि हम जीवन की आध्यात्मिक शैली को भी अपना लें, तो ऐसे सादे- सरल जीवन में हंसी-खुशी के ढेरों अवसर आएंगे, जहां हम इनसे लाभान्वित होंगे। हमारा पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन भी सरस और सुखी होगा। हास्य रूपी यह नैसगिर्क टॉनिक या दिव्य अस्त्र आजमाने योग्य है। इसे जीवन का एक अभिन्न अंग बना कर हम पूरे जीवन को उत्सव में बदल दे सकते हैं।

प्यार और दोस्ती के बीच की लकीर

हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती,
कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की
वरना इस जमीं पर भगवान है दोस्ती



ऐसा कई बार होता है जब हमें लगता है कि हमारा दोस्त ही हमारा प्यार है. कई बार यह सही साबित होता है तो कई बार इतना गलत कि हमसे एक दोस्त छिन जाता है. दोस्‍तों की भीड़ में हम कभी-कभी प्रेमी को पहचानने में गलती कर देते हैं. कई बाद जिसे आप दोस्‍त कहते हैं उसी से प्‍यार करने लगते हैं. जबकि आपके प्रति उसके दिल में प्रेमिका जैसी कोई फीलिंग नहीं होती है. इसलिए दोस्‍ती और प्रेम के बीच सीमा रेखा खींचना बहुत जरूरी है.

love and dosti कोई हमारी बहुत मदद करता है और हमारे प्रति स्नेह दर्शाता है तो हम कहने लगते हैं कि यार हो सकता है वह लड़की या लड़का हमें प्यार करता है. लेकिन उस वक्त हम यह नहीं सोचते कि वह जिसे हम प्यार कह रहे है वह दरअसल दोस्ती का ही एक रुप है. दोस्ती प्यार से भी बढ़कर होती है. यूं तो सब प्यार को ही सबसे खूबसूरत मानते हैं लेकिन प्यार भी एक सीमा के बाद बदल जाता है पर दोस्ती तो होती ही हैं जिंदगी भर निभाने के लिए है.

प्यार और दोस्ती के बीच एक बहुत ही पतली सी लाइन है जो दोनों को अलग करती है. इस पतली सी लाइन को पहचानने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ टिप्‍स बताएं है जो इस प्रकार हैं:

आप किसी दोस्‍त के प्रति अपनी भावनाओं को लेकर उलझन में हैं तो इन सवालों के जवाब देकर वास्‍तविकता का पता लगा सकते हैं




• क्या उसकी/उसका फोन आपके चेहरे पर मुस्कान लाता है?

• उसे खुश करने के लिए क्या आप गुप्त प्रयास करते हैं?

• क्या आप उसे अपने जीवन में विशेष महत्‍व देते हैं. साथ ही उसे स्‍पेशल होने का एहसास करवाते हैं.

• वह जब आपके किसी दोस्‍त से बात करता/करती है तो क्या आप ईर्ष्या करते हैं?

• जब वह आपको बधाई देता है तो आप शर्मा जाते हैं?

• क्या आपको ऐसा लगता है कि उसके बिना आपका जीवन अधूरा है?

यदि इन सभी प्रश्‍नों का जवाब हां है तो वह मात्र आपका दोस्‍त नहीं बल्कि वह आपका प्रेमी बन गया है. यह आपको बकवास भी लग सकता है. लेकिन गंभीरता से विचार करेंगे तो पता चलेगा कि यह कितना सही है.

अपने प्यार को अपनी फीलिंग बताएं. हो सकता है वह अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करने में समय लगाए. लेकिन कुछ ही दिनों में आपका प्‍यार आपको मिल जाएगा. फिर देर किस बात की आज से ही कोशिश शुरु कर दें.

लेकिन अगर इन सवालों का जवाब न है और फिर भी आपका उसके प्रति आकर्षण कम नहीं हुआ बल्कि और बढ़ा है तो जरा संभल कर क्योंकि जिसे आप प्यार कह रहे हैं, हो सकता है वह महज दोस्ती का ही एक रुप हो.

मजे के अलावा भी बहुत कुछ है फ्लर्टिंग

लड़के-लड़कियों का एक दूसरे से प्यार जताना और चुहल सिर्फ मजा लेने की ही चीज नहीं। फ्लर्टिंग आपके लिए बहुत काम की साबित हो सकती है। एक नई रिसर्च तो ये भी कहती है कि फ्लर्टिंग आपकी रोमांटिक जिंदगी की कहानी तय करती है।

बार में अकेले बैठे किसी अजनबी की ओर आपका झुकाव और फिर उसे पास बुलाने के लिए की गई पहल या फिर यूँ ही अकेले बैठ कर उस अजनबी के अपनी ओर आने का इंतजार इन दोनों के बीच का अंतर कोई जान ले तो वो रिश्तों के चक्रव्यूह को समझने की तरकीब जाने लेगा।

कंसास यूनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन स्टडीज के प्रोफेसर जेफरी हॉल तो यहीं मानते हैं। जेफरी ने हाल ही में डेटिंग पर जाने वाले लोगों की फ्लर्टिंग के स्टाइल पर एक रिसर्च पूरी की है। रिसर्च के दौरान उन्होंने करीब 5100 लोगों से उनके रोमांस के दौरान की बातचीत और हरकतों के बारे में बात की।

हॉल कहते हैं, 'किसी के बारे में अपने आकर्षण को बताने का तरीका ये जाहिर कर देता है कि पिछले रिश्ते में उसकी क्या चुनौतियाँ रही।' हॉल ये भी मानते हैं, 'इस बारे में लोगों की जागरूकता उन्हें गलतियों से बचा सकती है और प्रेम संबंधों में उन्हें सफलता दिलाने में मददगार साबित होगी।'

हॉल के मुताबिक मुख्य रूप से फ्लर्टिंग के पाँच तरीके होते हैं। पहला है शारीरिक इसमें लोग अपने प्रेमी को अपने यौन इच्छाओं का अहसास दिलाते हैं और अमूमन जल्दी ही रिश्ता बनाने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसा करने वालों के बीच बेहतर यौन संबंध होते हैं और अपने साथी के लिए ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव भी।

पारंपरिक फ्लर्टिंग में ये माना जाता है कि लड़कों को पहल करनी चाहिए जबकि लड़कियाँ कुछ कम सक्रियता दिखाएँ। ऐसी स्थितियों में अगर दोनों साथी खुश हों तो रिश्ता ज्यादा गहरा बनता है।

कुछ लोग फ्लर्टिंग करते वक्त बहुत संजीदा और चौकस रहते हैं, वो साथी के साथ अच्छे तरीके से पेश आते हैं और अपनी यौन इच्छाओं को दूसरो पर जाहिर करने से बचते हैं वो जल्दी से आगे भी नहीं बढ़ना चाहते। किसके साथ फ्लर्ट करना है उसका चुनाव भी बड़ी सावधानी से करते हैं इतना ही नहीं अपने साथी में दिलचस्पी जाहिर करने में आमतौर पर बहुत ज्यादा समय लेते हैं, औरों से कुछ अलग करना और रिश्तों को अच्छी तरह से बनने देना इनकी ख्वाहिश होती है। फ्लर्टिंग का ये तरीका तीसरी तरह का है जिसे जेफरी ने पोलाइट फ्लर्टिंग की श्रेणी में डाला है।

चौथी श्रेणी के लोग भी कुछ-कुछ पोलाइट फ्लर्टिंग के जैसे ही होते हैं। वो अपने साथी के साथ भावनात्मक जुड़ाव को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं। इनका बहुत गहराई से ये मानना होता है कि साथी से निजी बातचीत रोमांस को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है और ये लोग फ्लर्टिंग के दौरान बहुत जल्दी कामयाब होते हैं, इन्हें खुद पर भरोसा होता है और बहुत जल्दी किसी रिश्ते की अहमियत को पहचान लेते हैं। ये फ्लर्टिंग का ईमानदार तरीका है।

बहुत सारे लोगों की फ्लर्टिंग स्टाइल प्लेफुल यानी पाँचवी तरह की फ्लर्टिंग में आती है। ये लोग अपने खुद और खुद की सोच को दूसरों पर डालने की कोशिश करते हैं और आमतौर पर बहुत कम ही पक्के और अच्छे रिश्ते बनाने में कामयाब हो पाते हैं। जेफरी मानते हैं कि ज्यादातर मामलों में फ्लर्टिंग की शुरुआत कैसे हुई इसी बात से ये तय हो जाता है कि रिश्ता कहाँ तक जाएगा यहाँ तक कि शादियों के मामले में भी यही होता है।

Sunday 3 July 2011

क्या कहूँ

जरुर किसी ने दिल से पुकारा होगा !
एक बार तो चाँद ने भी आपको निहारा होगा !!
मायूस हो गए होंगे आसमान के सितारे...!
जब जमीन पे खुदा ने आपको उतारा होगा !

Saturday 2 July 2011

हिन्दी मे कैसे लिखें

हिन्दी मे लिखना बहुत आसान है,इसके कई तरीके हैः
१) तख्ती साफ्टवेयर के द्वारा : यह एक निशुल्क साफ्टवेयर है, यहाँ से डाउनलोड करें, इस साफ्टवेयर द्वारा आप रोमन लिपि मे लिखे, और आपके स्क्रीन पर हिन्दी मे दिखेगा. अपना लेख लिखने के बाद,इसे कट ‌और पेस्ट द्वारा, आप किसी भी साफ्टवेयर मे जा सकते है, चाहे वो ब्लाग हो,इमेल हो या किसी कमेन्ट मे.
तख्ती साफ्टवेयर को दूसरी भाषाओ के लिये भी कनफिगर किया जा सकता है. अधिक जानकारी के लिये वैबसाइट देखें.
मै अपने ब्लाग लिखने के लिये तख्ती का प्रयोग करता हूँ.
२) जाल पर उपलब्ध कीबोर्ड : यदि आप कोई भी साफ्टवेयर डाउनलोड नही करना चाहते है, तो इन पन्नो पर मौजूद हिन्दी कीबोर्डस की सहायता से भी आप हिन्दी मे टाइप कर सकते है.
http://www.chhahari.com/unicode/
http://hindikeyboard.indiapress.org/
३) अन्य उपाय : इसके अतिरिक्त आप माइक्रोसाफ्ट आफिस का हिन्दी सपोर्ट प्रयोग कर सकते है, मैने इसका प्रयोग नही किया है, इसलिये मै इस बारे मे बताने के लिये उपयुक्त व्यक्ति नही हूँ.
इस बात का ध्यान रखें कि जो हिन्दी फोन्ट आप प्रयोग करे, वो UTF-8 काम्पेटिबल हो.
मै समझता हूँ कि उपरोक्त जानकारी आपको हिन्दी मे लिखने मे सहायता करेगी…..यदि आप कोई और सहायता चाहते है तो मुझे या मेरे हिन्दी ब्लाग के साथियों को लिखे, हमे आपकी सहायता करके प्रसन्नता होगी.
तो फिर देर किस बात की है, बनाइये अपना हिन्दी ब्लाग………………..मुझे अपने हिन्दी ब्लाग का एड्रेस भेजना ना भूलियेगा.
English Version
Writing in HINDI is quite easy. There are various ways to write hindi.
1) Using Takhti Software
This is a free software,can be downloaded from here
Using this software, you type in Roman,and software would show text in Hindi.The software provides on-screen keyboard also to help the users.More information is available on the website.
After completion of your text using Takhi, just copy and Paste this to anywhere, including Emails,Blogs,Comments etc.
I am using TAKTI to write my blogs.
One more thing…. Takhti Software can be configured to use for other languages, please go through readme documents.
2) If you do not like to download anything, you can use online Hindi Keyboard…..
available at :
http://www.chhahari.com/unicode/
http://hindikeyboard.indiapress.org/
3) In addition to this, you can use install MS office Hindi Support, using this you can type hindi in various applications.
I am not using this,therefore I can not tell you more about this.
Just make sure that Hindi font which you are using, must be UTF-8 compatible. For any further help you are free to contact our hindi bloggers group. We’ll be happy to help you.
So Go ahead and write your first hindi blog……Do not forget to intimate us about your hindi blog address.
<h2>Related Links : </h2>
तख्ती साफ़्टवेयर का लिंक ये रहा :
Takhti : http://www.geocities.com/hanu_man_ji/
मै बाराहा प्रयोग करता हूँ, लिंक ये रहा : http://www.baraha.com/
अन्य हिन्दी टाइपिंग टूल्स के बारे मे जानकारी इधर रही :
http://www.akshargram.com/sarvagya/index.php/Hindi_Typing_Tools

आप किस तरह के ब्लॉगर है जी?

आप अपने ब्लॉग के लेखन के लिए विषय कैसे तलाश करते है? ये एक यक्ष प्रश्न है, अक्सर सभी चिट्ठाकार इस प्रश्न से रुबरू जरुर होते है। अब क्या है कि सभी ब्लॉगर अपने अपने हिसाब से इस प्रश्न का जवाब ढूंढते है। लेकिन आप किस तरह के ब्लॉगर है जी? ये सवाल थोड़ा अजीब सा लगता है ना?  तो लीजिए जनाब शुरु होता है, हिन्दी ब्लॉगर की किस्में:
bloggingFirst
1) कुछ ब्लॉगर भाई सुबह सबेरे नित्य क्रिया से निवृत होते समय (सटीक समय होता है) अगले लेख के विषय मे सोचते है। ऐसे लोग बिना ड्राफ़्टिया लिखते है। इधर आइडिया आया नही, उधर पोस्ट निकली नही। ये लोग पोस्ट लिखने के लिए किसी खास समय का इंतजार नही करते। शनिवार हो या रविवार, सुबह, दोपहर शाम। कोई पढे या ना पढे, आइडिया की खुजली हुई है तो पोस्ट तो निकलनी ही चाहिए। लेख के लिए बोद्दिक खुजली जितनी ज्यादा होगी, लेख उतना जल्दी निकलेगा। इनको एक और बीमारी होती है, जो सभी ब्लॉगरों मे होती है, अपनी नयी पोस्ट का लिंक टिकाने की। कोई चैट पर आया तो ठीक नही तो ये जनाब बोर्ड पर लिंक टिकाने मे देर नही लगाते। ऐसे ब्लॉगर टिप्पणी लेकर ही जान छोड़ते है।
2) कुछ मौसमी टाइप के ब्लॉगर होते है। हर वक्त इधर उधर तांक झाक करते रहते है। ऐसे लोग आस-पास के माहौल, खबरों और घटनाओं पर नज़र रखते है। जहाँ कुछ बदलाव हुआ नही, दन्न से लेख ठेल दिया। मुशर्रफ नहाने गए, लेख पेल दिया, मुशर्रफ नहाने से मना कर रहे है,  एक और लेख पेल दो। ऐसे ब्लॉगरों के लिए लेख की टाइमिंग बहुत मायने रखती है, ऐसा ना हो मुशरर्फ नहा कर बाहर आए और लेख अभी ड्राफ्ट मे पड़ा हो, लेख ना हुआ, क्रिकेट का स्कोर हो गया। इनके लिए लेख सटीक होना भी बहुत जरुरी नही है। ऐसे लेख लिखन वाले ब्लॉगर अक्सर ढेर सारी न्यूज साइट पर टहलते पाए जाते है।
3) कुछ खबरिया टाइप के ब्लॉगर होते है। ऐसे लोग ज्यादा मेहनत नही करते, सीधे सीधे किसी भी न्यूज साइट पर जाते है, टॉप की खबरों को कॉपी पेस्ट करके अपने ब्लॉग पर ज्यों का त्यों छाप देते है। ये लोग सोचते है कि यही एकमात्र इस न्यूज साइट का पता जानते है, बाकी ब्लॉगर तो यहाँ पर भैंसे चराने आए है। कभी कभी लोग हो-हल्ला भी करते है, अव्वल तो ये किसी की सुनते नही, फिर कभी किसी ने ज्यादा हो-हल्ला किया तो चार पैराग्राफ वाली (कॉपी पेस्ट न्यूज) पोस्ट के नीचे, एक या दो लाइन की अपनी प्रतिक्रिया लिख देते है, लो जी हो गयी स्टोरी। ऐसे लोग कॉपीराइट वगैरहा के बारे मे कुछ नही जानते,जानते भी होंगे तो अनजान बने रहने मे ही भलाई समझते है। ऐसे ब्लॉगर कुकुरमुत्ते की तरह पैदा होते है और खर पतवार की तरह (होस्टिंग कम्पनी द्वारा) हटाए जाते है। कुकुरमुत्ते और खरपतवार को हमने सिर्फ़ मिसाल की तरह बताया है, इसलिए इसको दिल पर मत लिया जाए। अगर किसी खबरी ब्लॉग वाले ने दिल पर ले ही लिया है उनको नसीहत है कि अपने ब्लॉग पर अच्छे लेख लिखकर अपनी ब्लॉगिंग को सार्थक बनाइए। कॉपी पेस्ट करने से ब्लॉग की विश्वसनीयता कम होती है।
4) कुछ लोग और अलग टाइप के होते है, इंटरनैट खंगालते रहते है, जो भी उन्हे अच्छा लगता है, बिना सोचे समझे, अपने ब्लॉग पर ठेल देते है(जैसे जुगाड़ी)। ऐसे लोग सोचते है कि वे लोग (जुगाड़ी लिंक देकर) सामाजिक धर्म निभा रहे है, गोया कि दुनिया मे अकेले वही वैब सर्फिंग करते है। अब चाहे विषय साईकिल पंचर ठीक करने का हो, या हवाई जहाज कैसे खरीदे। उनकी बला से। अब ये लिंक देने से पहले ये भी नही सोचते कि कुंवारो को बच्चों के डायपर बदलने का लिंक थमा रहे है, या गंजो को बालों के नए नए हेयर स्टाइल के जुगाड़। उनको अपनी पोस्ट पूरी करने की रस्म निभानी है, लिंक टिकाकर, एक दो ग्राफिक्स लगाकर, पोस्ट चिपका दी। लो जी हो गयी समाज सेवा। सेवा की सेवा, पोस्ट की पोस्ट, बंदा पढे, माथा पीटे या सर पकड़कर रोए, इनका क्या। करेले मे नीम तब चढ जाती है जब ये चैट पर आकर, पिछ्ली जुगाड़ी पोस्ट के बाबत चर्चा करते है। अब बंदा सर ना पीटे तो क्या करे।
5) कुछ लोग थोड़े और अलग किस्म के होते है। अधिक काफी धीर गंभीर किस्म के ब्लॉगर होते है। किसी भी लेख को लिखने से ज्यादा उसको दस बार पढने मे लगा देते है। फिर लेख मे प्रयोग किए गए आसान आसान शब्दों (जो इन्हे कतई नही भाते) पर गंभीर शब्दों का मुलम्मा चढाते है। जितना क्लिष्ठ से क्लिष्ठ लिख सकते है लिखते है। एक एक वाक्य के पाँच पाँच मतलब निकलते है, मतलब पाँच विभिन्न तरह के पाठक तो पक्के समझो। ऐसे लोग क्लास ब्लॉगर की श्रेणी मे आते है। इनके लिए लेख एक पूरा सरकारी प्रोजेक्ट होता है, आइडिया दिमाग मे आने से लेकर लेख को पब्लिश करने तक, विभिन्न चरण होते है।
AjhelBlogger
6) कुछ और टाइप के ब्लॉगर होते है जो ऊँचा सोचते है। ऊँचे लोग ऊँची पसन्द। ना..ना.. ये माणिकचंद का पान मसाला नही खाते।  ऊँचा सोचना बोले तो लम्बा लेख और गहरी सोच। ये लोग सुपर रिन के चमकार वाले विज्ञापन से प्रेरित होते है, भला उसका लेख मेरे लेख से लम्बा कैसे? इनके लेख काफी लम्बे होते है, ये कोई अनजाने मे नही होता। इनका तर्क होता है कि पाठक पहले तो लेख देखने आएगा, साइज देखकर, पतली गली से निकल लेगा। दूसरी बार टाइम निकालकर आएगा, अबकि बार तीन पैराग्राफ पढते ही बोल जाएगा(थक जाएगा) या किसी बन्दे ने चैट पर दन्न से सवाल दागा होगा, तो इस बार भी बुकमार्क करके, टरक लेगा। तीसरी बार आएगा, पढेगा। इस तरह से ब्लॉगर को कितने हिट मिले? आप खुद ही जोड़ लीजिए।  दो चार बार पढेगा तो लेख तो समझ मे आ ही जाएगा। नही तो ब्लॉगर चैट पर दन्न से तगादा करें “अरे मियां! मेरा नया लेख पढा? तुम्हारी पसन्द का ही लिखा है, देख लो ये रहा लिंक …… । अब पाठक रुपी ब्लॉगर मरता क्या ना करता, उसको भी तो अपने लेख पर टिप्पणी पानी है, इसलिए दन्न से टिप्पणी मारकर मुस्कराते हुए बोलता है, “गुरुजी आज बहुत बड़ा गदर/झकास लिखे हो।” लेकिन कभी कभी लेख के नीचे लिखी कविता पल्ले नही पड़ती। अव्वल तो पाठक चैट पर इसका जिक्र करने की हिम्मत ही नही करता, अगर करेगा तो खुद झेलेगा। लेखक ब्लॉगर तो बस इसी का इंतजार कर रहा था, शब्द दर शब्द, हिज्जे दर हिज्जे, चैट पर ही कविता की व्याख्या करेगा। उस कविता के विभिन्न भाव समझाएगा। इधर पाठक बेचारा उस समय को कोसेगा, जब उसने कविता का जिक्र छेड़ा हो। खैर अब सांड को लाल कपड़ा दिखाए हो तो झेलो…। (यहाँ पर ध्यान रहे, ब्लॉगर अपने आपको सांड ना समझे ये शब्द आलरेडी हमारे ईस्वामी जी के लिए कापीराइट है।) अलबत्ता पाठक अपने आपको जरुर लाल कपड़ा समझ सकता है।
7) कुछ ब्लॉगर होते है कवि टाइप के। ब्लॉग लिखना इनका शौंक………नही नही, आदत?……. नही यार! वो भी नही, हाँ मजबूरी होती है। इनके गले/दिमाग मे कविता अटकी हुई होती है। इधर कविता दिमाग मे आयी नही, उधर ये उसे कीबोर्ड पर उड़ेल देते है। उसके बाद शुरु होता है तुकबन्दी मिलाने का सिलसिला। ये लोग अक्सर चैट पर पाए जाते है। दो कारणों से, पहला तुकबन्दी के लिए पर्यायवाची शब्दों के बारे मे पूछते हुए। दूसरा अपनी कविता के लिए पोटेंशियल पाठक ढूंढते हुए। आप इधर ऑनलाइन हुए नही, उधर ये आपको लिंक टिकाए नही। अच्छा एक बात और, यदि आप बहुत संयमी है तो आप इनकी बात सुनते है, अन्यथा बिजी का बोर्ड लगाकर निकल लेते है। यदि आप जोखिम उठा सकते है तो उनसे कविता मे दिए गए शब्दों अथवा भावों के बारे मे कुछ कहकर देखिए। बस जनाब! ये शुरु हो जाएंगे। उस शब्द/भाव से सम्बंधित दस और कविताएं पढवाकर ही दम लेंगे। और लो रिस्क, अब झेलो।
8)  कुछ होमवर्क करने वाले ब्लॉगर भी होते है। ये कम लेख लिखते है लेकिन जो भी लिखते है, पूरी पूरी जानकारी इकट्ठा करने के बाद। इनका लिखा पढने के लिए लोग इंतजार करते है। इनके लेख सचमुच सहेजने योग्य होते है। लेकिन ऐसे ब्लॉगर है ही कितने? ऐसे ब्लॉगर ढूंढना तो जैसे भूसे मे से सुई ढूंढने के बराबर है।
9) कुछ ब्लॉगरों को तकनीकी खुजली होती है। बाजार मे कोई नया प्रोडक्ट आया नही, इधर इनकी पोस्ट तैयार। अब इनसे पूछो, अमां अमरीका मे तो ये प्रोडक्ट कल लांच होगा, बाकी दुनिया मे अगले महीने। फिर तुम अफ्रीका मे बैठकर, आज इसकी समीक्षा(Review) कैसे लिख रहे हो? तब जाकर वे समीक्षा बदलकर पूर्वावलोकन (Preview) करते है।
10) कुछ ब्लॉगर, आत्मकथा/आत्मचिंतन टाइप वाले होते है। सुबह सवेरे उठते ही, जो पहला बन्दा मिलता है, जो बातचीत होती है, उसी से आज के लेख का विषय बना लेते है। इनके पास लेख लिखने के लिए विषयों की कभी कमी नही रहती। ऐसे लोग हर छोटी बड़ी बात पर लेख लिख लेते है। सुबह सवेरे टहलने गए, कोई सब्जी वाला दिख गया तो उसके सुख-दु:ख मे शरीक हुए, दन्न से एक ब्लॉग पोस्ट बना ली। इसी तरह दीन दुनिया की कोई भी खबर इनके लिए पोस्ट लिखने का मसाला होता है।
11) कुछ हंगामा टाइप के ब्लॉगर होते है। इनका मकसद ही सनसनी फैलाना होता है। ये पोस्ट टाइटिल मे किसी नामी ब्लॉगर, वैबसाइट का नाम उछालते है। भले ही पोस्ट के अंदर उस बाबत कुछ भी ना लिखा गया हो। उदाहरण के लिए “फुरसतिया, आज तुमको निबटाएंगे” , टाइटिल मे, पोस्ट के अंदर,
“आदरणीय फुरसतिया जी,
हमारी संस्था ने आपके ब्लॉगिंग यात्रा पर गोष्ठी रखी है और आपका नागरिक अभिनन्दन करने का निश्चय किया है। अपने गले का साइज भेजिए और फूलों के रंगो का चुनाव करिए। ताकि आपके साइज की माला की व्यवस्था की जा सके। तीन पाए वाली कुर्सी पर बैठने मे आप सहजता महसूस करेंगे अथवा फिर स्टूल की व्यवस्था की जाए?  रिक्शे की व्यवस्था नही हो सकी है, इसलिए ठेलेवाले को आपके घर का पता दे दिया है। सभा ठीक बारह बजे शुरु होगी, आप नहा-धो कर ग्यारह बजे, ठेलेवाले का इंतजार करें।
-आयोजक : फलाना डिमकाना संस्था (इसके नीचे वो अपना बॉयोडाटा जरुर लिखेगा)”
अब आप ही बताइए, पोस्ट मे फुरसतिया को कहाँ देखा गया? लेकिन ये पोस्ट फुरसतिया के पाठक भी पढेंगे। इस ब्लॉग लेखक को तो एक्स्ट्रा पाठक मिले ना। है कि नही?
12) कुछ ब्लॉगर, बहुत बड़े ब्लॉगर होते है। होली दिवाली ही पोस्ट लिखते है। ये ब्लॉगर अक्सर कोई ईनाम/पुरस्कार वगैरहा जीत चुके होते है। जिसने कभी श्रेष्ठ ब्लॉगर का खिताब जीता, समझो गया काम से। क्योंकि अब वो ब्लॉगरी तो करने से रहा। रोज रोज ब्लॉगिंग करने को ये अपनी तौहीन समझते है। ऐसे लोग कभी कभी चैट पर नजर आ जाते है। वो भी तभी जब इनको आपसे कोई काम पड़े। बातचीत की शुरुवात करने के लिए ये लोग पहले आपकी किसी नयी पोस्ट को पढते है। नमस्कार के बाद उस पोस्ट की तारीफ़ होती है, आप जब तक चने के झाड़ पर चढे, या इनको कोई और लिंक टिकाएं। ये अपने मतलब पर उतर आते है और सीधा बातचीत की दिशा, अपने काम के विषय की तरफ़ मोड़ लेते है। ऐसे ब्लॉगरों को भूतप्रेत सॉरी भूतपूर्व ब्लॉगर कहते है।
13) कुछ ब्लॉगर होते है, जिनको ये भय सताता है कि लोग (पाठक) इन्हे सीरीयसली नही लेते। अब पाठकों की सीरियसनैस को परखने के लिए ये ब्लॉगर याहे बगाहे, ब्लॉगिंग से सन्यास लेने की घोषणा करते रहते है। अब ब्लॉगजगत भी अजीब है, बन्दा पोस्ट लिखेगा तो कोई झांकने नही आएगा, लेकिन मजाल है किसी ने ब्लॉग सन्यास की घोषणा कर दी। जाने कहाँ कहाँ से लोग मनाने आ जाते है, भई मान जा, मत जा। लोगो को ये टेंशन नही होती कि ये ब्लॉगर लिखेगा या सन्यास लेगा, बल्कि ये टेंशन होती है, अगर इसको अभी नही मनाया तो एक पाठक और कम हो जाएगा। जाहिर है, इस मान मनौव्वल मे भी उनका अपना हित होता है।
अब आप इन सभी श्रेणियों मे से किस तरह के ब्लॉगर है? टिप्पणी द्वारा लिखिएगा, यदि आपको लगता है कि आप की श्रेणी का उल्लेख यहाँ नही हुआ है अथवा आप अपनी भी फजीहत करवाना चाहते है तो हमे अवश्य लिखें। हमे आपकी श्रेणी के बारे मे फजीहत सॉरी लिखने मे काफी अच्छा लगेगा। आपको लेख कैसा लगा, टिप्पणी द्वारा सूचित करें, नोट :टिप्पणी में गॉली गलौच लिखने से बचें। बुरा ना मानो दशहरा है।