Saturday 2 July 2011

किशोरवास्था में रिश्तों का महत्व

रिश्तों का महत्व इस दुनिया में हमारे आगमन के साथ ही शुरू हो जाता है। माता, पिता, भाई, बहन, दोस्त सभी से रिश्ते हमारे लिए खास महत्पूर्ण होते हैं और उनका अपना-अपना महत्व हमारे लिए होता है। लेकिन प्यार एक ऎसा रिश्ता होता है जिसे हम स्वयं चुनते हैं। प्यार की उमंगे किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही अंगडाई लेने लग जाती है। यह वह अवस्था है जिसके दौरान शरीर और हार्मोन्स में परिवर्तन होता है। इसके कारण किशोरवास्था में ऑपोजिट सेक्स के प्रति रूझान बढ जाता है। आपको उसका साथ अच्छा लगने लगता है। आप उसके बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं / चाहती हैं, तो समझिए आप अपनी खोज के नजदीक हैं।

stars दोनों को एक-दूसरे को समझने के लिए आपसी तालमेल एवं मुलाकात करना चाहिए।
stars अपने साथी के साथ तारतम्यता समझनी चाहिए।
stars एक दूसरे से मिलने और बातें करने पर दोनों में बहुत सी बाते सामने आती है।
stars एक दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
stars शांति से बैठकर अपने साथी की बातों को घ्यान से सुने, उन्हें समझने की कोशिश करें।

किशोरावस्था में इतनी समझ नहीं होती कि आपके लिए कौन और क्या सही है और क्या गलत। आपके रिश्ते में प्यार है या सिर्फ आकर्षण मात्र। पहले अपने रिश्ते को समझें फिर कोई कदम उठाएं। आपके रिश्ते में प्यार है या सिर्फ आकर्षण । इनका जवाब आप स्वयं से पूछ सकते हैं।
stars क्या आप एक दूसरे की बातों को घ्यान से सुनते हैं जब आप कुछ कहते है ?
stars क्या आप एक दूसरे के साथ समानता का व्यवहार करते है ?
stars क्या आप एक दूसरे के प्रति प्यार जताते हैं|
stars क्या आप अपने साथी के प्रति विश्वास और वफादारी रखते है ?
stars क्या आप एक दूसरे से किया वादा निभाते है ?
stars क्या आप एक दूसरे की भावनाओं को समझते हैं, उनकी कद्र करते है ?
stars क्या आप एक दूसरे के साथ अपने को सहज और सुरक्षित महसूस करते हैं ?
stars क्या एक दूसरे से मिलने पर खुशी होती हैं ?
stars क्या आप अपने साथी पर गर्व महसूस करते हैं ?
stars क्या आपको अपने साथी के दोस्तों से मिलने पर जलन होती हैं ?

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