Monday 2 May 2011

क्यों जरूरी है मौसमी फल-सब्जियां

क्यों जरूरी है मौसमी फल-सब्जियां डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट की मानें तो मौसमी फल-सब्जियां पावर डाइट की भूमिका अदा करते हैं। इनमें विटमिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए अगर आप सेहतमंद रहना चाहती हैं तो जिस मौसम में जिन खास फल और सब्जियों की बहार हो, उनका सेवन जरूर करें।
हालांकि आज हर छोटे व बडे शहर में दुनिया भर के ताजे फल व सब्जियां मिलती हैं। मसलन मेट्रो शहर में सितंबर तक तरबूज, खरबूजा और दिसंबर तक आम मिलता है। लेकिन अहम बात यह है कि मौसमी फलों का इस्तेमाल उनके सही मौसम में ही करना चाहिए, क्योंकि तभी उसमें पोषक तत्वों की मात्रा सबसे अधिक होती है।
डाइटीशियन दलजीत कहती हैं कि जिस मौसम में हमारे शरीर को जिन खास पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, कुदरत उन पोषक तत्वों से भरपूर फल व सब्जियां उसी मौसम में पैदा करती है। जैसे कि मई और जून में जब आम का मौसम होता है, उसका सेवन करना चाहिए। दरअसल इस मौसम में शरीर के लिए विटमिन सी, बीटा-कैरोटिन और एंटी ऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व जरूरी होते हैं। इनकी पूर्ति आम से आसानी से हो जाती है।
अगर इसे संतुलित रूप से खाया जाए तो वजन भी नहीं बढेगा और शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाएंगे।
इसी तरह सर्दियों में संतरे, अंगूर, गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन जरूरी होता है। इनसे विटमिन सी, बी और के मिलते हैं, जो शरीर को रोग से लडने की खास क्षमता प्रदान करते हैं। तो आइए जानें कि किस मौसम में क्या खाना फायदेमंद होगा।
पालक : सर्दी के मौसम में पालक की भरमार होती है। इसमें विटमिन ए, सी, के, बी 2 और बी 6 पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को प्री-रेडिकल्स के नुकसानदेह प्रभावों से बचाते हैं। पालक का प्रयोग आप किसी भी रूप में कर सकती हैं। साग, सैलेड या सूप के रूप में भी।
मेथी व सरसों का साग : सर्दियों में यह खूब मिलता है। यह एनीमिया (खून की कमी) और सांस संबंधी समस्याओं से दूर रखता है। इसकी तासीर गर्म होती है, जो सर्दी से बचाती है। यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
तरबूज व खरबूज : गर्मियों में इनकी बहार होती है। ये शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते। साथ ही लू लगने से बचाते हैं। इसमें विटमिन सी और ई पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं।
मटर : इसमें विटमिंस बी1, बी6 और बी3 पाए जाते हैं, जो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी हैं। सर्दियों में मटर की बहार होती है। हालांकि कोल्ड स्टोरेज की सुविधाओं और रेफ्रिजरेशन के कारण आज सभी सब्जियां खास तौर पर मटर बारहों मास उपलब्ध होता है। यह प्रोटीन, आयरन और विटमिंस का बेहतरीन स्रोत है।
लीची : गर्मियों में मिलने वाली लीची लू के प्रकोप से बचाती है। इसमें विटमिन सी, ए व बी भी पाया जाता है, जो गर्मी को शांत करता है। तत्काल ऊर्जा प्राप्त करने के लिए लीची कारगर होती है।
गाजर : ठंड और गर्मी दोनों ही मौसम में गाजर मिलती है। सर्दी में लाल और गर्मी में नारंगी गाजर मिलती है, जिसमें कैरोटिन पाया जाता है। इसमें विटमिन के भी पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी बढाता है। भूख लगने पर गाजर को इंस्टैंट फूड की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। सर्दियों में इसका जूस लाभदायक होता है।
स्ट्रॉबेरी : जून से अगस्त तक मिलने वाली स्ट्रॉबेरी में मौजूद इलाजिक एसिड और एंटोसाइनाडिंस कैंसर, स्ट्रोक और हृदय रोगों से बचाव करने में मदद करते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के अलावा एंटीइन्फ्लमेटरी गुण भी होते हैं। इसमें विटमिन सी, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड भी पाए जाते हैं।
आम : गर्मियों में फलों का राजा आम सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इसमें विटमिन सी और बी सबसे अधिक पाए जाते हैं। यह गरिष्ठ होता है, इसलिए इसे मैंगो शेक के रूप में लेने से लाभ अधिक होता है। वजन बढने के डर से इससे दूर न रहें। इस मौसम में थकान और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सीमित मात्रा में आम का प्रयोग जरूरी होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स उम्र बढने से संबंधित समस्याओं को कम करता है।
खीरा : यूं तो खीरा हर मौसम में दिखता है, लेकिन मई से अगस्त तक इसका खास मौसम होता है। यह एंटीइन्फ्लामेटरी, एंटीएलर्जिक और एस्ट्रिंजेंट का काम करता है। खीरा ठंडक प्रदान करता है। गर्मियों में इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और विटमिन ए पाए जाते हैं, जो रक्त संचार की प्रक्रिया को नियमित करने में मदद करते हैं।
संतरा : इसमें पर्याप्त विटमिन सी होता है। इसलिए सर्दियों में इसका सेवन करने से सर्दी-जुकाम जैसी समस्या नहीं होती। इसमें बीटा-कैरोटिन, पोटैशियम और कैल्शियम भी होता है। इसके अलावा इसमें फोलेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो गर्भवती स्त्रियों के लिए बहुत उपयोगी होता है।
ब्रॉक्ली : जुलाई से अक्टूबर तक ब्रॉक्ली का मौसम होता है। इसमें मौजूद इंडोल्स और सल्फोराफेन जैसे दो महत्वपूर्ण फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो कैंसर के खतरों को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही बरसात के मौसम में होने वाले रोगों व एलर्जी की समस्या से भी दूर रखते हैं।

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