Tuesday 3 May 2011

फ्लर्टिंग एक कला

फ्लर्टिंग कहते हैं कि फ्लर्टिंग सबके बस की बात नहीं होती इसके लिए आपको चंचल स्वभाव का होना ज़रुरी होता है. लेकिन क्या फ्लर्टिंग की राह पे बनाया गया रिश्ता समय के थपेड़ों को झेल पाता है? उत्तर शायद नहीं है. लेकिन इसके बावज़ूद भी बहुत से लोगों को फ्लर्टिंग पसंद है. फ्लर्टिंग या इश्कबाजी करने वाले लोग रिश्तों की गंभीरता से अंजान होते हैं और उन्हें तो यह भी नहीं पता रहता है कि मनुष्य जीवन में रिश्ते पूंजी समान है. और अब तो शोधकर्ताओं का भी मानना है कि इश्कबाजी या फ्लर्टिंग की अदा ही किसी भी रिश्ते के नतीजे को तय करती है.

यूनिवसिर्टी ऑफ कैनसॉस की सहायक शोधकर्ता जेफरी हॉल के मुताबिक, फ्लर्टिंग के भी पांच अलग-अलग तरह के प्रकार होते हैं:

1. शारीरिक फ्लर्टिंग – शारीरिक फ्लर्टिंग मूलतः मनुष्य की सेक्सुअल रुचि से संबंधित होती है. इस प्रकार के लोगों के अक्सर दूसरों से रिश्ते बहुत तेजी से विकसित होते हैं.

2. पारंपरिक फ्लर्टिंग – इसके अंतर्गत यह धारणा है कि हमेशा पुरुषों को पहला कदम उठाना चाहिए क्योंकि इन व्यक्तियों का यह मानना है कि पुरुष डेटिंग में अधिक निष्क्रिय भूमिका निभाते हैं.

3. गंभीर या विनम्र – हालांकि फ्लर्टिंग में गंभीरता नहीं होती लेकिन तब भी कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो फ्लर्टिंग से शुरू होते हैं और वक्त के साथ गंभीर हो जाते हैं. महिलाओं में यह प्रवृत्ति अधिक होती है.

फ्लर्टिंग 4. चंचलता - फ्लर्टिंग को हम चंचलता से भी तौलते हैं. इस तरह की फ्लर्टिंग में देखा जाता है कि रोमांस कम और मौज़-मस्ती ज्यादा होती है. जिसके कारण दो व्यक्तियों के बीच रिश्ता ज़्यादा दिनों तक कायम नहीं रहता.

5. शालीन या विनम्र – फ्लर्टिंग की यह शैली समुचित शिष्टाचार और नॉन सेक्सुअल संचार पर केंद्रित होती है.

इस शोध के लिए हॉल ने 5,100 से अधिक लोगों पर अध्ययन किया और इसके अंतर्गत उनकी रोमांस के प्रति दिलचस्पी का खास तौर से विश्लेषण किया गया.

इस शोध के अनुसार इश्क कई तत्वों का मेल है जिसमें फ्लर्टिंग भी शामिल है. लेकिन इनमें से किसी न किसी एक तत्व की अधिकता होती है जो इश्क की स्टाइल तय करती है

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