Thursday 24 November 2011

लव मैरिज से पहले कर लें तैयारी

प्यार (प्रेम) जितना पवित्र शब्द है उतने ही ज्यादा विवादों से हमेशा घिरा रहता है। बात अगर एक युवा जोड़े के प्रेम की हो तो वह शुरू से ही विवादों को झेलता आया है । प्यार करनेवालों के रास्ते में हमेशा से कोई न कोई दीवार बनती आयी है। बात चाहे लैला-मजनूं , सोनी-माहिवाल, रोमियो-जूलियट की हो या फिर आज के प्रेमी जोड़ों की । हर जगह कोई न कोई प्यार के बीच दीवार बनने का काम जरूर करता है लेकिन प्रेमी युगलों ने न तो कभी इनकी परवाह की और न ही आगे करने को तैयार है । पिछले कुछ महीनों से 'ऑनर किलिंग' खबरों में छाई रही है । कहीं पर एक गोत्र की वजह से तो कहीं जाति के कारण से प्रेमी जोड़े मौत के घाट उतारे गए लेकिन ऐसी घटनाओं के बाद भी प्रेमी युगल डरे नहीं, उनका प्‍यार जारी है..

युवाओं के विचार

डीयू में पढ़नेवाली पूजा कहती है कि समझ में नहीं आता कि आज 21वीं सदी में लोग क्यों जाति और गोत्र जैसी दकियानूसी बातों को महत्व दे रहे हैं और इसके नाम पर बेवजह हत्याएं कर रहे हैं। पुराने ख्‍यालात वाले माता-पिता ऐसी घिनौनी हरकतों से न तो प्यार करनेवालों के इरादे कमजोड़ होनेवाले हैं और न ही वो प्यार करना छोड़ देंगे । प्यार जाति, धर्म और गोत्र देखकर नहीं होता, ये तो बस हो जाता है । कब और कैसे होता है पता ही नहीं चलता । अब सोचने वाली बात है कि कोई किसी की जाति और गोत्र देखकर तो उससे प्यार करेगा नहीं । प्यार और शादी इंसान से की जाती है, जाति और गोत्र से नहीं। प्रेमी बिना जाति-बंधन देखे प्यार करते थे, करते हैं और करते रहेंगे ।
आई पी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले मीतू और उसके ब्यॉयफ्रेण्ड उत्सव का कहना है कि आज माता-पिता को अपने बच्चों को जीवनसाथी चुनने की खुली छूट देनी चाहिए । आज के जमाने में यह बहुत नैचुरल है कि लड़के-लड़कियों को कोई पसन्द आ जाए और वैसे भी जिन्दगी तो उन्हें बितानी है । हमारा संविधान हमें अपना जीवनसाथी चुनने और जीने की पूरी स्वतन्त्रता देता है । ऐसे में हम अपने निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतन्त्र हैं । जहां तक बात हम दोनों की है तो हमें आए दिन होने वाले ऑनर किलिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता, हम दोनों शादी करेंगे ।

प्यार में सब्र का फल होता है मीठा
एक प्रेमी जोड़े की कहानी
दो अलग-अलग मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले प्रीति और सिद्धार्थ का प्यार सात साल पुराना है और अब वे शादी करने वाले हैं । इन दोनों ने इन सात सालों में बहुत सारी चुनौतियों को झेला लेकिन आज वे दोनों परिवार की सहमति से विवाह के पवित्र बंधन में बंधेंगे । प्रीति और सिद्धार्थ ने बताया कि उन्हें 11वीं में ही एक-दूसरे से प्यार हो गया था और दोनों तभी से एक-दूसरे के हो गए थे । चूंकि दोनों अलग-अलग जातियों के हैं और उनके परिवार वाले जातिवाद के घोर समर्थक थे तो इस वजह से उन्हें डर था कि कोई समस्या उनके सामने खड़ी न हो जाए । दोनों ने बहुत सूझ-बुझ से काम लिया। प्यार होने के कुछ समय बाद ही दोनों ने अपने परिवारवालों से सबकुछ सही-सही बता दिया । शुरू में माता-पिता बहुत भड़के लेकिन उन दोनों ने परिवारवालों को विश्वास दिलाया कि वो कुछ भी गलत नहीं करेंगे और नौकरी होने के बाद ही शादी के बारे में सोचेंगे । दो साल पहले नौकरी होने के बावजूद उनके परिवार वाले समाज और प्रतिष्ठा की वजह से अन्तरजातीय प्रेम विवाह के लिए राजी नहीं थे लेकिन प्रीति और सिद्धार्थ दोनों परिवारवाले को मनाने में जुटे रहें और अब वो अपने मकसद में कामयाब हो गए हैं । दोनों का यही कहना है कि करियर सेटल होने के बाद हम चाहते तो शादी कर सकते थे लेकिन इससे परिवार से हमारी दूरी बढ़ जाती और हम ये नहीं चाहते थे ।
दूसरे जोड़े की कहानीप्रेम के मामले में सब्र करना वाकई में फायदेमन्द होता है । बहुत सारे प्रेम विवाह करने वाले जोड़े इसके उदाहरण हैं । डेढ़ साल पहले परिवार की सहमति से अन्तरजातीय प्रेम विवाह करने वाले दीपक और मंजू ने परिवार की सहमति के लिए आठ साल तक लंबा इन्तजार किया और परिवारवालों को मनाने में सफल होकर शादी की। उन दोनों का कहना है कि माता-पिता के बगैर सहमति के भावावेश में आकर शादी कर लेने पर परिवार से रिश्ता टूट जाता है और पूरे जीवन इसकी बहुत कमी खलती है । इस वजह से शादी के बाद रिश्तों में बहुत ज्यादा दिक्कतें आती हैं । उनका कहना है कि प्रेम विवाह करना सही है लेकिन पारिवारिक सहमति भी जरूरी है । अगर परिवार की सहमति से प्रेम विवाह होता है तो शादी को सामाजिक मान्यता मिलती है और दोनों परिवार के साथ-साथ पति-पत्नी के रिश्ते बहुत मधुर होते हैं । उनका कहना है कि आप हरसम्भव प्रयासों से परिवारवाले को मनाने की कोशिश करें और उनकी सहमति से ही प्रेम विवाह करें । भले ही इसके लिए कुछ समय इंतजार क्‍यों न करना पड़े ।

करियर को न लगाए दांव पर
पहले प्यार होने पर प्रेमी जोड़े गलत और बेवकूफी भरे कदम उठाते थे । करियर की परवाह किए बगैर प्यार होते ही शादी करने के लिए बैचेन हो जाते थे और घरवालों के मना करने पर घर से भाग कर शादी कर लेते थे । उस स्थिति में उनके लिए पूरी जिन्दगी बिताना बहुत मुश्किल हो जाता है । आज के अधिकांश युवा प्यार के साथ-साथ करियर को बहुत महत्व देते हैं । करियर सेटल होने के बाद ही शादी के बारें में सोचते हैं । आज सभी लड़कियां चाहती हैं कि वो आत्मनिर्भर हो और उसका प्रेमी (होनेवाला पति) भी अच्‍छी जगह सेटल हो । लड़कियां दोनों परिवारों के बीच मधुर रिश्ता भी चाहती हैं । इस वजह से ही लड़कों की भी सोच बदली है और फलस्वरूप आज प्रेमी जोड़े परिवार और प्यार के बीच सन्तुलन बनाना सीख गए हैं । आज की नायिकाओं का ये जज्बा और बदलाव वाकई में काबिले तारिफ है ।

लव मैरिज के फायदे

* अंतरजातीय विवाह होने पर जाति प्रथा खत्म हो जाएगी *जाति, धर्म को लेकर होने वाले झगड़े खत्म हो जाएंगे ,असलियत में एकता आ जाएगी *दहेज प्रथा जैसी गम्भीर समस्या समाप्त हो जाएगी *माता-पिता को दहेज के लिए तनाव नहीं लेना पड़ेगा, इससे वे लड़कियों की पढ़ाई और करियर पर ज्यादा जोड़ देंगे । इससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा ।*दहेज की वजह से पढ़े-लिखे अच्छे लड़कों को अच्छी लड़कियां नहीं मिल पाती हैं, वो सम्भव हो पाएगा *समझौते की बात नहीं रहेगी क्योंकि एक सोच वाले लोगों की शादी होगी *पहले से एक-दूसरे को अच्छे से जानते हैं, ऐसे में दूसरे घर में रहना आसान होगा *प्रेमविवाह होने पर महिलाओं का कम शोषण होगा । दहेज सम्बंधी हत्या, घरेलू हिंसा नहीं होंगी *एक सोच के लोगों की शादी होने पर कोई भी फैसला पति-पत्नी दोनों मिलकर करेंगे। ऐसा होने से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा
लव मैरिज के नुकसान
*तलाकों की संख्या में वृद्धि* पति-पत्‍नी में अहम का टकराव* छोटी-छोटी बातों पर आपस में तनाव* असुरक्षा की भावना * परिवार का सहयोग न मिलना* परिवार के बुजुर्गों के साए से बच्‍चों का महरूम होना * दो परिवारों के बीच तनाव* परंपराओं का टूटना *ऑनर किलिंग में वृद्धि * मन में आत्‍महत्‍या के भाव का पनपता
अरेंज्ड मैरिज के फायदे
अगर हम एक लाइन में कहें तो जो भी प्रेम विवाह के नुकसान हैं वो सारे अरेंज मैरिज के फायदे हैं । आधुनिकता के इस युग में भी अरेंज मैरिज का अनुपात अधिक है । इस तरह की शादियों के अपने फायदे हैं, जैसे-तलाक की संख्या कम होती हैं, बच्चे अधिक सुरक्षित होते हैं। दो लोगों को एक-दूसरे को समझने में कुछ साल बीत जाते हैं और तब तक प्यार जैसी चीज वहां भी दिखने लगती है । लोग एक-दूसरे की खामियां भूलकर एक-दूसरे के हित के बारे में सोचते हैं। इस तरह की शादियों में परिवार की मर्जी शामिल रहती है इसलिए उन्हें कोई भी समस्या हो, परिवार के लोग उनका साथ देते हैं । कामकाजी महिलाओं की संख्या इस तरह की शादियों में कम रहती है । इसी वजह से बच्चों की देखभाल ठीक ढंग से होती है । महिला के कामकाजी होने पर उनके बच्‍चों को बुजुर्गों का साया मिल जाता है ।

अरेंज्ड मैरिज के नुकसान
* हम पहले से एक-दूसरे को नहीं जानते हैं । ऐसे में कई बार गलत जीवनसाथी मिल जाता है जिसे जीवनभर झेलना मुश्किल हो जाता है * जीवन भर लड़कियों को समझौता करना पड़ता है* लड़का-लड़की दोनों को एडजस्ट करने में और एक-दूसरे को जानने-समझने में बहुत समय लग जाता है * दहेज प्रथा जैसी कुरितियों को बढ़ावा मिलता है * दहेज के कारण भ्रूण हत्‍या में हो रही वृद्धि *दहेज इकट्ठा करने के चक्कर में माता-पिता लड़कियों के करियर को महत्व नहीं देते *महिलाओं का बहुत ज्यादा शोषण होता है । *सास-बहु के बीच हमेशा खटास बनी रहती है, घर में प्यार भरा माहौल नहीं होता

अभिभावक को ऐसे लें विश्‍वास में
*हर सम्भव प्रयास से माता-पिता को मनाने की कोशिश करें *माता-पिता को विश्वास दिलाएं की जो फैसला आपने लिया है वो सही है *पेरेंट्स से कहें कि आपकी सहमति बहुत जरूरी है, आप जब तक नहीं कहेंगे तब तक शादी नहीं करेंगे लेकिन किसी और से भी नहीं करेंगे *पेरेंट्स अगर समाज और संस्कार की दुहाई दें तो आप शिक्षा और बदलते जमाने की रफ़्तार की दुहाई दें *पेरेंट्स को समझाए कि जब समाज मेरे रहने, खाने और जीने की व्यवस्था नहीं करता, मेरी मुश्किलों में मेरा साथ नहीं दिया तो फिर हम इस समाज की चिंता क्‍यों करें । मेरे लिए आप ही मेरा समाज हैं * पेरेंट्स को कहें कि जब तक परिवार नहीं बदलेगा, तब तक समाज कैसे बदलेगा, इसलिए शुरुआत अपने ही परिवार से करें *पेरेंट्स से पूछे कि अरेंज मैरिज करवाकर भले ही वो कुछ पल के लिए खुश हो जाएंगे लेकिन शादी के बाद बच्चे को हमेशा दुखी देखकर क्या वो खुश रह पाएंगे *अगर पेरेंट्स छोटे भाई-बहन की शादी की दुहाई दें कि उनकी शादी कैसे होगी तो आप अपने पेरेंट्स से कहे कि वो छोटे को भी स्वतन्त्र छोड़ दें * लड़का-लड़की दोनों को एक दूसरे के परिवार वालों से मिलवाते रहना चाहिए, मिलने से दूरियां घटती हैं और रिश्ते मधुर होते हैं * पेरेंट्स नहीं चाहें तब भी मौका बे मौका एक-दूसरे के पेरेंट्स से मिलवाते रहना चाहिए * कभी भी मन में आत्महत्या का खयाल नहीं लाएं, लड़ेंगे तभी तो जीतेंगे* भावावेश में आकर बिना पेरेंट्स के सहमति के शादी नहीं करें* बच्चे की जिद के आगे पेरेंट्स झुकते हैं । आप कभी भी हिम्मत नहीं हारे , सफलता आपको जरूर मिलेगी ।
लव मैरिज करने से पहले क्या तैयारी करें
* जिसे जीवन साथी बनाने का फैसला किया है उसके बारें में आश्वस्त हो जाएं कि वो आपके लिए सही तो है न* सबसे पहले आप आत्मनिर्भर हो जाएं, अपने करियर को सेट्ल कर ले* अगर आपका करियर सेट्ल है तो कोई भी आप पर उंगली नहीं उठा पाएगा * अगर आप आत्मनिर्भर हैं तो आप मजबूत होते हैं और माता-पिता को मजबूर करते हैं। ऐसे में आपकी राह ज्यादा आसान है * कभी भी इन्तजार करने से नहीं घबराए, प्यार की गहराई उसी में दिख जाती है । प्यार जितना लंबा चलता है शादी के बाद रिश्‍ते उतने ही अच्छे होते हैं * शुरू से ही मजाक-मजाक में दुनिया के बदलते ट्रेण्ड से पेरेंट्स को अवगत कराते रहें और गाहे-बगाहे ये भी कहते रहें कि मैं अपनी मर्जी से शादी करूंगा या करूंगी* जिद्दी स्वभाव का होना बहुत बार फायदेमन्द होता है * जैसे ही किसी से प्यार हो जाए आप अपने घर में माता-पिता या भाई-बहन किसी को भी बता दें जो आपकी बात ज्यादा अच्छे तरीके से समझता हो और आपके ज्‍यादा करीब हो*ज्यादा अच्छा होगा आप मम्मी को सबसे पहले बता दें साथ ही साथ उन्हें आश्वस्त करें कि इससे जिन्दगी, करियर और परिवार किसी पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा और आप कुछ भी ऐसा-वैसा गलत नहीं करेंगी जिससे उनकी मान-मर्यादा में कमी आए*अगर आप शादी का प्लान तीन-चार साल बाद बना रहे हैं तो अभी ही पेरेंट्स को बता दें, धीरे-धीरे माहौल आपके अनुकूल हो जाएगा । अचानक से बताने पर पेरेंट्स मानने को तैयार नहीं होते हैं * परिवार वालों को विश्वास दिलाएं कि उनकी अहमियत को आप कभी भी नहीं भूलेंगे * परिवार और प्यार के बीच सन्तुलन बनाना बहुत जरूरी है इसलिए पहले से ही दोनों के बीच सन्तुलन बनाना सीखें और सन्तुलन बना कर चलें

प्यार में बने स्मार्ट प्यार में आप स्मार्ट बनने की कोशिश करें । किसी कारणवश अगर आपको आपका प्यार नहीं मिल पाता है तो उस स्थिति में आप तनाव न लें । हालांकि ये दिल का मामला होता है और इस स्थिति में सामान्य रह पाना मुश्किल होता है लेकिन आपकी इच्छाशक्ति के सामने कुछ भी नामुमकिन नहीं है। गलती से भी रोने-धोने का कोशिश न करें और मन में किसी तरह के गलत हरकतों का खयाल भी नहीं लाए । अपने प्रेमी को याद नहीं करें और उससे जुड़ी किसी भी चीज को मत देखें । अपने आप को किसी न किसी काम में व्यस्त रखने का कोशिश करें । कोशिश करें कि अकेले न रहें हमेशा किसी न किसी के साथ रहें । साथ ही साथ आप कभी भी ऐसा मत सोचे कि अब जिन्दगी खत्म हो गई है क्योंकि जिन्दगी में कोई भी इतना अहम नहीं होता जिसके बिना जिन्दगी न चल सके । जिन्दगी में आपके सामने ढेरों रास्ते आते जाएंगे ।

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