
लेकिन हालिया परिस्थितियों के मद्देनजर यह कहना कदाचित गलत नहीं होगा कि लैला-मजनू जैसी प्रेम-कहानियां अब बीते समय की बात हो चुकी हैं. वर्तमान हालात तो कुछ और ही हैं. खासतौर पर मेट्रो शहरों में तो प्रेम की परिभाषाएं ही परिवर्तित हो चुकी हैं. यहां प्यार नहीं फ्लर्ट करने को ज्यादा अहमियत दी जाती है. जो जितना अच्छा फ्लर्ट करने में योग्य होता है, वह उतना अधिक अपने मित्र समूह में प्रतिष्ठित और लोकप्रिय हो जाता है. लैला-मजनू के मॉडर्न अवतारों ने अपनी उपस्थिति कॉलेज कैंपस और ऑफिस में दर्ज करानी शुरू कर दी है. टाइम-पास करने के लिए लोग फ्लर्ट को एक दिलचस्प तरीका मानते हैं. हमारी युवा पीढ़ी फ्लर्ट को भी एक कला मानती है. इतना ही नहीं इससे जुड़ी अजीबो-गरीब शब्दावली के प्रयोग का सिलसिला भी अब शुरू हो गया है. युवाओं ने आयु, तरीकों और मंतव्यों के आधार पर फ्लर्ट करने वाले लोगों को भिन्न-भिन्न श्रेणी में विभाजित किया है, जिसके कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:
- मिस्टर कूल – दूसरों के सामने खुद को कूल और बिंदास प्रदर्शित करने वाले मिस्टर कूल ज्यादातर कॉलेज कैंपस में ही पाए जाते हैं. उनके लापरवाह और अक्खड़ स्वभाव से लड़कियां इतनी अधिक प्रभावित हो जाती हैं कि वह उन्हें अपना ड्रीम-ब्वॉय समझ उसे आकर्षित करने का एक मौका भी नहीं छोड़तीं. लेकिन मिस्टर कूल किसी को भी ज्यादा भाव नहीं देते और बस दोस्तों के साथ एंजॉय करते हैं.
- मिस्टर बॉयफ्रेंड – फ्लर्ट करने के मामले में मिस्टर बॉयफ्रेंड सबसे अव्वल होते हैं. अपनी क्लास या कॉलेज की लगभग सभी लड़कियों पर अपनी नजरें टिकाए रहते हैं. उनकी फ्लर्ट कुशलता के कारण अमूमन सभी लड़कियां उन्हें अपना बॉयफ्रेंड समझने लगती हैं. जबकि ऐसे लड़कों का फंडा सिर्फ रोजाना नई-नई लड़कियों के साथ मस्ती मारना होता है.
- मिस्टर भैया – ऐसे लड़के स्वभाव से थोड़ा रिजर्व होते हैं. या तो वे किसी से प्रतिबद्ध रूप से संलिप्त होते हैं या फिर उन्हें लड़कियों के साथ मेलजोल बढ़ाना पसंद नहीं होता. यही वजह है कि उन्हें कैंपस में मिस्टर भैया कहा जाता है. ऐसे युवक किसी भी लड़की की सहायता के लिए हर संभव प्रयास करते हैं.
- मिस्टर चाट – इन्हें देखकर लड़कियां दूर से ही रास्ता बदल लेती हैं. दरअसल मिस्टर चाट को फालतू की बातें करने का इतना शौक होता है कि अगर एक बार चिपक जाएं तो पीछा छुड़ाना मुश्किल होता है. सबसे अजीब बात यह है कि उन्हें लगता है कि उनकी बातें बेहद इंट्रेस्टिंग हैं.
- चॉकलेट बाबा – इस श्रेणी के लोगों को किसी भी तरह लड़कियों के बीच नजर आने का शौक होता है. वह जानते हैं कि लड़कियों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है, इसीलिए इसी को अपना हथियार बना लड़कियों से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करते हैं.
- रंगीला ओल्डी – ऐसे लोग कैंपस में नहीं ऑफिस में ज्यादा मिलते हैं. बॉस या फिर कोई अधेड़ उम्र के सहयोगी, लड़कियों को पटाने की खातिर रोजाना रंगीले अंदाज में नजर आते हैं. उनकी ऐसी आदतों और शौक की लड़कियां और सह-कर्मचारी बहुत मजाक भी बनाते हैं.
- मिस्टर क्लीनर – यह कोई सफाई कर्मचारी नहीं, बल्कि कॉलेज स्टूडेंट से लेकर बुजुर्ग तक वे लोग हैं, जो मौका मिलते ही लड़कियों को छूने की अपनी इच्छा पूरी कर लेते हैं. यानि कि अगर सामने आ रहे कुछ आवारा लड़कों को देखकर आप साइड होने की कोशिश कर रही हैं तो बराबर में चल रहे अंकल भी आपको टच कर सकते हैं.
- मिस मीडियेटर – मिस मीडियेटर का काम लड़के-लड़कियों के बीच के मामले निपटवाना होता है. फीस के तौर पर वे दूसरे के और कभी-कभी अपनी बेस्ट-फ्रेंड के बॉयफ्रेंड्स के साथ भी मस्ती करने का एक मौका भी नहीं छोड़तीं.
- छम्मक छल्लो – ऐसी लड़कियों को बस लड़कों में लोकप्रिय होने का शौक होता है. वह प्यार-व्यार के चक्करों से दूर ही रहती हैं. उनके कहीं से निकलते ही लड़कों की भीड़ आहें भरती है तो उनका दिल बाग-बाग हो जाता है. लड़कों का ध्यान स्वयं पर केंद्रित करने के लिए वह रोजाना सज-धज कर घर से बाहर निकलती हैं.
- मिस केयर टेकर – ऐसी लड़कियों को सिर्फ फ्रेंड्स पर इंप्रेशन मारने के लिए बॉयफ्रेंड की तलाश होती है. बॉयफ्रेंड भी ऐसा जो उनके इशारे पर काम करे. इसलिए वे ऐसा चंपू टाइप लड़का तलाशती हैं, जो हर वक्त उनकी जी-हुजूरी करता रहे. बदले में वे उसकी पूरी केयर करती हैं.
- मिस ऐश एंड कैश – इन गर्ल्स का सीधा सा फंडा ‘ऐश, कैश एंड थ्रो’ होता है. यानि कि मोटी जेब वाला मुर्गा देखते ही वे उसे लाइन देने लगती हैं. लेकिन जैसे ही कोई उससे ज्यादा अमीर शिकार नजर आता है, तो वे पहले वाले को लात मारने में भी देर नहीं लगातीं.